तकनीक के सही प्रयोग से ही बैकिंग क्षेत्र की प्रगति संभव : डॉ. राजीव सिवाच
नाबार्ड एवं उदयपुर सीसीबी के संयुक्त तत्वावधान में वित्तीय समावेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन
उदयपुर, 17 जून (मुखपत्र)। अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के अन्तर्गत नाबार्ड एवं केन्द्रीय सहकारी बैंक उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में वित्तीय समावेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. राजीव सिवाच, मुख्य महाप्रबंधक, नाबार्ड, जयपुर थे। जोनल एडिशनल रजिस्ट्रार श्रीमती गुंजन चौबे, आर.ए.ओ. आशुतोष भट्ट, नाबार्ड डीडीएम नीरज यादव तथा बैंक प्रबंध निदेशक डॉ. मेहजबीन बानो ने मुख्य अतिथि का पुष्प गुच्छ एवं उपरणा द्वारा स्वागत किया।
अपने उद्धबोधन में डॉ. राजीव सिवाच ने कहा कि सहकारिता अब केन्द्र सरकार की प्राथमिकता बन चुका है, इसलिए केन्द्र स्तर पर अलग से सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई है। उन्होंने कहा कि तकनीक के सही प्रयोग से ही बैकिंग क्षेत्र की प्रगति संभव है। इसलिए पैक्स कम्प्यूटराइजेशन परियोजना के अन्तर्गत सभी समितियों को गो-लाइव करने का लक्ष्य रखा गया है। हालांकि, उन्होंने कहा, केवल गो-लाईव होना ही पर्याप्त नहीं है, समितियों को दैनिक आधार पर अपने कार्यों को सॉफ्टवेयर के माध्यम से करना है तथा अपनी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाकर प्रगति पथ पर अग्रसर होना है। डॉ. सिवाच ने उदयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
नाबार्ड से वित्तीय सहायता में बढोतरी का आग्रह
बैंक प्रबंध निदेशक डॉ. मेहजबीन बानो ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. राजीव सिवाच से आग्रह किया कि सहकारी बैंकों को नाबार्ड से मिलने वाली वित्तीय सहायता की राशि में बढोतरी की जाये, जिससे बैंक अधिक से अधिक कृषकों को ऋण वितरण कर सके।
इससे पूर्व, कार्यक्रम के आरंभ ने डॉ. धर्मेश मोटवानी ने अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अन्तर्गत आयोजित विगत 6 महीनों के कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए बताया कि म्हारो खातों म्हारो बैंक, ग्राहक जोड़ो अभियान, माइक्रो एटीएम वितरण आदि जैसे कार्यक्रमों से बैंक की वित्तीय सक्षमता सुदृढ हुई है।
डीडीएम नीरज यादव ने स्वागत उद्बोधन में वर्तमान परिप्रेक्ष्य में वित्तीय समावेशन की महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि किस तरह से नाबार्ड का वित्त पोषण केन्द्रीय सहकारी बैंकों के व्यवसाय वद्धि में सहायक हो रहा है।
बैंक की वित्तीय स्थिति पर पीपीपी
वरिष्ठ प्रबंधक वैभव गौड़ ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के बैंक की वित्तीय स्थिति एवं विभिन्न योजनाओं की प्रगति की जानकारी दी। बैंक कार्यक्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ समिति ‘राज्यावास ग्राम सेवा सहकारी समिति’ की कार्यशैली का प्रस्तुतिकरण एक छोटी सी डोक्यूमेंट्री के माध्यम से किया गया। क्रिसिल फाउंडेशन के क्षेत्रीय प्रबंधक लक्षमण मेघवंशी ने वित्तीय समावेशन पर व्याख्यान दिया और फाइनेंशियल फ्रॉड से बचने के उपाय सुझाये।
माइक्रो एटीएम का वितरण

कार्यक्रम के दौरान बैंक कार्यक्षेत्र की 5 सहकारी समितियों को माइक्रो एटीएम का वितरण किया गया तथा 6 समितियों, जो कम्प्यूटराइज्ड होने के पश्चात दैनिक कार्य कम्प्यूटर के माध्यम से कर रही हैं, को ई-पैक्स प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया। बैंक में वर्तमान में संचालित सहकार किसान कल्याण योजना के 2 लाभार्थियों तथा गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना के 4 लाभार्थियों को सांकेतिक चेक का वितरण किया गया। कार्यक्रम मंच ंसंचालन डॉ. धर्मेश मोटवानी ने किया।
अतिथियों ने किया पौधारोपण
कार्यक्रम के उपरांत अतिथियों ने ’एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण किया। इस अवसर पर जिला अग्रणी प्रबंधक संजय गुप्ता, सहकारिता विभाग के उप रजिस्ट्रार लोकेश जोशी, उदयपुर थोक भंडार के महाप्रबंधक डॉ. प्रमोद कुमार, विशेष लेखा परीक्षक कौटिल्य भट्ट, बैंक के अधिकारी, कर्मचारी तथा बैंक कार्य क्षेत्र के 80 से अधिक व्यवस्थापक, कृषक एवं राजीविका समूहों की महिलाएं उपस्थित रही।
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