ऋणियों के लिए आर्थिक संजीवनी साबित हो रही है मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना
55.95 लाख रुपये के अवधिपार खाते पर ऋणी को 37 लाख 23 हजार रुपये की राहत मिली
जयपुर, 16 जून (मुखपत्र)। राजस्थान के सहकारी भूमि विकास बैंकों के अवधिपार ऋणियों के लिए राज्य सरकार द्वारा लागू की गई मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना 2025-26 किसानों एवं लघु उद्यमियों के लिए आर्थिक रूप से संजीवनी बूटी सिद्ध हो रही है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण सोमवार को अलवर जिले में देखने को मिला। अलवर प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक द्वारा अवधिपार ऋणी बलजीत मेव को इस योजना में 37 लाख रुपये से अधिक की राहत प्रदान की गयी, जो इस योजना के लागू होने के बाद से अब तक की सबसे बड़ी आर्थिक राहत है।
सचिव गुलाबचंद मीणा ने बताया कि भूमि विकास बैंक अलवर की शाखा लक्ष्मणगढ़ के ऋणी सदस्य बलजीत मेव (ग्राम टिटपुरी, तहसील कठूमर) का संयुक्त ऋण खाता संचालित था, जो अवधिपार हो चुका था। ऋणी द्वारा बैंक को 55 लाख 85 हजार रुपये चुकाये जाने थे। इस खाते में 18 लाख 61 हजार रुपये मूल राशि थी और इस पर 37 लाख 23 हजार रुपये का अवधिपार ब्याज, दंडनीय ब्याज एवं वसूली खर्च जुड़ चुके थे। बैंक द्वारा इस खाते में ऋण की वसूली के लिए, ऋणी की बंधक भूमि कुर्क करके, उसकी नीलामी की प्रक्रिया भी आगे बढ़ायी गयी, जो बोलीदाता के अभाव में सफल नहीं हो सकी थी।
उन्होंने बताया कि 16 अप्रेल 2025 को मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना लागू होने के पश्चात, अलवर पीएलडीबी द्वारा ऋणी बलजीत मेव से सम्पर्क किया गया। बैंक स्टाफ ने उन्हें इस स्वर्णिम अवसर का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। समझाइश के पश्चात ऋणी इस योजना का लाभ उठाने के लिये तैयार हुआ।
सोमवार को बलजीत मेव ने अपने खाते में मूल ऋण राशि के रूप मे 18 लाख 61 हजार रुपये जमा कराये, जिस पर बैंक द्वारा योजनान्तर्गत 37 लाख 23 हजार रुपये के ब्याज एवं अन्य खर्चों की राहत प्रदान की गयी। इस पर मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना में 55 लाख 85 हजार रुपये का अब तक का सबसे बड़ा खाता निस्तारित कर, ऋणी को आज तक की सबसे बड़ी राहत प्रदान की गयी।
परिवार ने मुख्यमंत्री का आभार जताया
इस आर्थिक संजीवनी को पाकर बलजीत मेव और उनके परिवार के सदस्यों में प्रसन्नता की लहर दौड़ गयी। परिवार ने इस योजना की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। परिवार का कहना है कि यदि यह योजना नहीं होती, तो उनके लिए इस बड़ी राशि का कर्ज चुकाया जाना मुमकिन नहीं थी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में नीलामी के दौरान बोलीदाता के अभाव में बैंक द्वारा राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम, 2001 की धारा 103 के तहत ऋणी की भूमि बैंक के नाम करवाई हुई थी। खाते का निस्तारण होने के परिणामस्वरूप वह भूमि पुन: बलजीत मेव के स्वामित्व में आ जायेगी, जिससे वह अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से कर पायेंगे।
क्या है मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना
राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रबंध निदेशक जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा 12 मार्च 2025 को विधानसभा में मुख्यमंत्री अवधिपार ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना की घोषणा की गयी। तदोपरांत यह योजना 16 अप्रेल, 2025 को लागू की गयी।
अभी तक योजना में कुल 3410 ऋणी सदस्यों द्वारा 33 करोड़ रुपये मूलधन जमा करवाकर 44 करोड़ रुपये की राहत प्राप्त की गई है। राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त प्रचार-प्रसार से योजना जन-जन तक पहुंच चुकी हैै तथा योजना से लाभ प्राप्त करने हेतु पात्र ऋणी प्रेरित हो रहे हैं।
30 हजार ऋणी उठा सकते हैं योजना का लाभ
उन्होंने बताया कि योजनान्तर्गत पात्र ऋणी सदस्य द्वारा अवधिपार ऋण का केवल मूलधन चुकाने पर राज्य सरकार द्वारा अवधिपार ब्याज में शत प्रतिशत राहत दिए जाने का प्रावधान है। प्रदेश के 36 प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के स्तर पर कुल 30,010 ऋणी सदस्य योजनान्तर्गत राहत के लिए पात्र हैं, जिनके द्वारा कुल 326 करोड़ रुपये मूल ऋण राशि जमा करवाने पर 534 करोड़ रुपये की राहत देय होगी।
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