सरकार ने 190 अफसरों की वरिष्ठता दरकिनार कर जयपुर की हॉट सीट पर की थी देशराज यादव की ताजपोशी
जयपुर, 12 जुलाई (मुखपत्र)। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) द्वारा एक दिन पहले पांच लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किये गये सहकारिता सेवा के अधिकारी देशराज यादव की कार्यशैली को लेकर जो बातें अधिकृत तौर पर सामने आ रही हैं, उससे यह स्पष्ट हो गया है कि सहकारी समितियों के उप रजिस्ट्रार जयपुर (शहर) की सीट का रुतबा किसी महाराज से कम नहीं है। इसकी सबसे बड़ी वजह डी.आर. सिटी के क्षेत्राधिकार में सैकड़ों गृहनिर्माण सहकारी समितियां रजिस्टर्ड होना और इन समितियों में भारी गड़बड़ी होना हैं।
जयपुर शहर में इन गृहनिर्माण सहकारी समितियों ने अनगिनत आवासीय कॉलोनी विकसित कर रखी हैं। प्रोपर्टी में बूम के कारण और जयपुर शहर के अतिविस्तार के कारण, पहले जो भूखंड मामूली कीमत पर बेचे गये, अब उनकी कीमत करोड़ों रुपये में हैं। इन हाउसिंग सोसाइटीज के पास और भी बहुत अतिरिक्त जमीनें हैं, जिनमें प्लाट काटकर बेचे जा रहे हैं। अधिकृत तौर पर चूंकि इन हाउसिंग सोसाइटीज का उद्देश्य पूर्ण हो चुका है, इसलिए सहकारिता विभाग ने इन समितियों को वाइंटअप करना शुरू कर दिया।
अनेक सोसाइटीज लिक्विडेशन में आ चुकी हैं, इसलिए हाल के वर्षों में अतिरिक्त भूमि पर, उसी कॉलोनी के नाम पर भूखंड बेचने के बाद, ये सोसाइटीज लिक्विडेशन में आने से पहले की तारीख में पट्टे काट कर एक-एक भूखंडधारक से लाखों रुपये बटोर रहीं हैं। इस खेल में रिकार्ड को सही रखना कतई सम्भव नहीं होता, इसलिए निरीक्षण और ऑडिट के नाम पर बड़ा ‘खेल’ होता है। राज्य के प्रत्येक उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां कार्यालय में आर्बिटेशन की एक अनूठी और सुरक्षित प्रक्रिया पहले से मौजूद है, जो इस खेल का ही एक अंग है।
देशराज का तकिया कलाम – ऊपर भगवान, नीचे मैं
कुल मिलाकर तकनीकी तौर पर ऐसे अनेक रास्ते हैं, जहां सही को गलत और गलत को सही बनाने के खेल में वारे-न्यारे किये जाते हैं। यही कारण है कि जयपुर डी.आर. सिटी की सीट को सबसे हॉट माना जाता है और इस सीट पर पहुंचने के लिए किसी भी अधिकारी के पास पावर होना बहुत जरूरी है। यह पावर पैसे के रूप में हो सकती है और राजनीतिक रूप से। देशराज को इन दोनों में ही काफी सक्षम बताया जा रहा है। शायद इसी कारण से वह 190 अफसरों से जूनियर होने के बावजूद 29 महीने से इस हॉट सीट पर जमा हुआ था और बकौल एसीबी, बेखौफ तरीके से रिश्वत बटोर रहा था। उसका काम करने का तरीका किसी लूटखसौट से कम नहीं था। उसका तकिया कलाम था, ऊपर भगवान और नीचे मैं।
145 सहायक रजिस्ट्रार में देशराज का नम्बर 111
राज्य सरकार ने टाइम बाउंड प्रमोशन की प्रक्रिया के तहत लगभग डेढ़ साल पहले ही देसराज यादव को सहकारिता निरीक्षक से पदोन्नत कर सहायक रजिस्ट्रार के पद पदोन्नति दी थी। पिछले साल 1 अप्रेल 2022 की स्थिति में, सरकार की ओर से जारी 145 सहायक रजिस्ट्रार की वरिष्ठता सूची में क्रम संख्या 111 पर देशराज यादव का नाम अंकित है। उसके ऊपर 110 सहायक रजिस्ट्रार और उप-रजिस्ट्रार कैडर केे 80 अधिकारी सरकार के पास उपलब्ध थे, लेकिन सरकार का मन यादव पर ऐसा आया कि जितेंद्र प्रसाद बनाम राज्य सरकार के मामले में हाईकोर्ट के कैडर के अनुरूप पोस्टिंग के आदेश को खूंटी पर टांग कर, उप रजिस्ट्रार के स्थान पर, सहायक रजिस्ट्रार की वरिष्ठता सूची में 111 नम्बर वाले देशराज यादव को उप रजिस्ट्रार जयपुर शहर के अतिमहत्वपूर्ण पद पर पोस्टिंग दी गयी।
कई सीनियर अधिकारी कम महत्व वाले पदों पर नियुक्त
वर्तमान में भी, 1 अप्रेल 2023 की स्थिति में सहायक रजिस्ट्रार की वरिष्ठता सूची में देशराज यादव का नम्बर 82 है जबकि उससे एक पायदान ऊपर, उप रजिस्ट्रार कैडर केे 83 अधिकारी हैं। यानी 1 अप्रेल 2023 की स्थिति में भी देशराज यादव का सीनियॉरिटी के हिसाब से 166वां नम्बर है। यादव से सीनियर और अनेक काबिल अधिकारी आज भी विशेष लेखा परीक्षक, सहायक रजिस्ट्रार डेयरी, मार्केटिंग सोसाइटीज में महाप्रबंधक, प्राथमिक सहकारी भूूमि विकास बैंकों में सचिव, केंद्रीय सहकारी बैंकों में एडिशनल ईओ या राइसेम, राजफैड जैसी संस्थाओं में अपेक्षाकृत कम महत्व वाले पदों पर कार्यरत हैं।