राज्यसहकारिता

हाईकोर्ट ने सेवा विस्तार के प्रस्ताव को सही नहीं माना, ओमप्रकाश रोझ की याचिका खारिज की

जोधपुर, 12 जुलाई (मुखपत्र)। राजस्थान उच्च न्यायालय ने रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड (जिला श्रीगंगानगर) के सेवानिवृत्त व्यवस्थापक ओमप्रकाश रोझ की याचिका को खारिज कर दिया है। रोझ ने सोसाइटी द्वारा उसे हटाये जाने के आदेश के विरुद्ध जोधपुर हाईकोर्ट की शरण ली थी और सोसाइटी द्वारा उसे सेवानिवृत्ति उपरांत हटाये जाने के आदेश को रद्द करने तथा पूर्व प्रबंध कार्यकारिणी द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुरूप सेवा विस्तार समिति की अवधि तक निरंतर मुख्य कार्यकारी के रूप में कार्य करते रहने के लिए आदेश पारित करने का आग्रह किया था।

रोझ द्वारा एडवोकेट अशोक चौधरी की मार्फत दायर याचिका में दिनांक 29.7.2022 को पारित प्रस्ताव, जिसमें सवा दो साल का सेवाविस्तार दिया गया था, और सोसाइटी प्रबंध कार्यकारिणी द्वारा 13.6.2023 को सुनवाई का अवसर दिये बिना तत्काल सेवा समाप्त किये जाने के अध्यक्ष जेपी सिद्धू के आदेश को आधार बनाते हुए अनुतोष का आग्रह किया था। इस याचिका के दायर होने से पहले ही अध्यक्ष सिद्धू द्वारा सोसाइटी की ओर से केविएट दाखिल कर दी गयी थी, जिसके चलते अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद, ओमप्रकाश की याचिका का खारिज कर दिया।
अदालत ने कहा कि सुनवाई का अवसर प्रदान न करने सम्बंधी याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि सेवा विस्तार का संकल्प (प्रस्ताव) लागू प्रावधानों से परे है।

अदालत ने कहा कि जहां तक राज्य सरकार के परिपत्र का सवाल है, इसमें केवल पुनर्नियुक्ति का प्रावधान है, वो भी इसलिए, यदि सेवाप्रदात्ता को इसकी जरूरत हो, इसमें सेवा विस्तार का प्रावधान नहीं है। अदालत ने सेवानियम 2022 के नियम 7.2.2 के प्रावधानों के आलोक में, रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड द्वारा 29.7.2022 को पारित प्रस्ताव को भी संदिग्ध माना क्योंकि प्रस्ताव में इस बात का कोई कारण नहीं बताया गया कि ऐसा प्रस्ताव 6 महीने पहले क्यों पारित किया गया। अदालत ने इस प्रस्ताव को सेवानिवृत्ति के उपरांत छुपाये रखने को भी सही नहीं माना। अदालत ने कहा कि सेवानिवृत्ति के उपरांत पुनर्नियुक्ति का प्रावधान है, इसके लिए सेवानिवृत्ति के उपरांत प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए था।

सोसाइटी की ओर से इस प्रकरण की पैरवी करते हुए एडवोकेट हिम्मत जग्गा ने कोर्ट को बताया कि सोसाइटी द्वारा 13.07.2023 को एक प्रस्ताव पारित कर दिनांक 29.07.2022 के प्रस्ताव को रिकॉल कर लिया है और उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, श्रीगंगानगर द्वारा उक्त प्रस्ताव को दिनांक 03.07.2023 किया जा चुका है, इसलिए अब 29.07.2022 के प्रस्ताव की कोई वैधता नहीं है। कोर्ट को बताया गया कि किस प्रकार, रोझ ने दिनांक 12.07.2023 को एक दिन के नोटिस पर, अगले दिन संचालक मंडल की बैठक आहूत की, जिसमें अध्यक्ष और उपाध्यक्ष को सूचित नहीं किया गया और संचालक मंडल के सदस्यों के खाली पेज पर हस्ताक्षर करवाकर, कार्यवाही लिखने का अधिकार प्राप्त कर लिया।

इस बैठक की कार्यवाही में रोझ ने सेवा विस्तार के प्रति सदस्यों की सहमति प्राप्त कर ली, लेकिन इस बैठक का कोई औचित्य नहीं था क्योंकि सहकारी सोसाइटी अधिनियम के अनुसार, संचालक मंडल की बैठक के लिए कम से कम 7 दिन का नोटिस दिया जाना अनिवार्य है। कार्यवाही रजिस्टर में प्रस्ताव पहले लिखा जाता है, फिर नीचे पदाधिकारियों व संचालक मंडल सदस्यों के हस्ताक्षर होते हैं, जबकि रोझ ने जो कार्यवाही लिखी, उसमें सदस्यों के हस्ताक्षर पृष्ठ के ऊपर अंकित हैं, और कार्यवाही नीचे की ओर लिखी हुई है। अदालत ने एडवोकेट जग्गा की ओर से प्रस्तुत दस्तावेज और तर्क के आधार पर, रोझ के पक्ष में पूर्व प्रबंध कार्यकारिणी द्वारा पारित प्रस्ताव को अनुचित एवं मेलाफाइड मानते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

यह है प्रकरण

ओमप्रकाश रोझ

श्रीगंगानगर जिले की रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में व्यवस्थापक (मुख्य कार्यकारी) के पद पर कार्यरत ओमप्रकाश रोझ पुत्र हजारी राम निवासी 48- कर्मचारी कालोनी, श्रीगंगानगर को अपनी अधिवार्षिकी आयु (60 वर्ष) पूर्ण करने के उपरांत 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन वो इस अवधि केे उपरांत भी सोसाइटी में मुख्य कार्यकारी के पद पर नियमित रूप से कार्य करता रहा, जब तक कि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड और उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीगंगानगर के नोटिस पर सोसाइटी द्वारा उसे हटा नहीं दिया गया। सोसाइटी की पूर्व प्रबंध कार्यकारिणी ने दिनांक 29.07.2022 को एक प्र्रस्ताव पारित कर, ओमप्रकाश रोझ को 30 अप्रेल 2025 (सवा दो साल) का सेवा विस्तार देने का निर्णय लिया था। प्रस्ताव के अनुसार, रोझ को सेवानिवृत्ति के उपरांत भी मुख्य कार्यकारी के पद पर रखा जायेगा और उसी वही वेतन व भत्ते देय होंगे, जो उसे सेवाकाल केे दौरान मिला करते थे।

प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियां एवं वृहद कृषि बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों के कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया एवं सेवानियम 2022 के सेवानियम 7.2.2 के अनुसार व्यवस्थापक की सेवानिवृत्ति 60 वर्ष आयु प्राप्त किये जाने के मास की अंतिम तारीख होना निर्धारित है। नियम 29.1 के अनुसार अधिवार्षिकी आयु प्राप्त करने पर व्यवस्थापक को सेवानिवृत्त किया जाना आवश्यक है। इस आधार पर कार्यवाही करते हुए बैंक की ओर से सोसाइटी की प्रबंध कार्यकारिणी को रोझ को अविलम्ब सेवानिवृत्त करने का निर्देश दिया गया, साथ ही उप रजिस्ट्रार सहकारी समितियां श्रीगंंगानगर को सोसाइटी द्वारा दिनांक 29.07.2022 को पारित प्रस्ताव को अपखंडित करने के लिए पत्र लिखा गया। बैंक और उप रजिस्ट्रार कार्यालय से प्राप्त निर्देश के आधार पर सोसाइटी के अध्यक्ष जेपी सिद्धू ने 13.06.2023 को एक आदेश जारी कर ओमप्रकाश रोझ की सेवाएं समाप्त कर दी। रोझ से इसी आदेश को चैलेंज किया था और सुनवाई का अवसर नहीं दिये जाने के आधार पर याचिका स्वीकार करने का आग्रह किया था। इस दौरान उप रजिस्ट्रार श्रीगंगानगर द्वारा 3 जुलाई 2023 को उक्त प्रस्ताव को भी अपखंडित कर दिया गया।

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