सहकारी बैंक अब बकाया कर्ज की वसूली के लिए किसानों की जमीन की नीलामी नहीं कर सकेंगे
जयपुर, 20 मई (मुखपत्र)। राजस्थान के सहकारी बैंक अब अपना बकाया कर्ज वसूल करने के लिए डिफाल्टर किसानों की जमीनों की नीलामी नहीं कर सकेंगे। राज्य सरकार ने सहकारी बैंकों द्वारा किसानों की जमीन नीलाम किये जाने पर आगामी आदेश तक रोक लगा दी है।
प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड, हनुमानगढ़ की ओर से, बकाया ऋण की वसूली के लिये बीस डिफाल्टर किसानों की कुर्कशुदा जमीन की नीलामी की विज्ञप्ति के प्रकाशन के बाद, दो दिन से किसानों की जमीनों की नीलामी का मुद्दा राज्य सरकार की गलफांस बन गया था। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को ट्वीट कर किसानों की जमीनों की नीलामी को ‘मोदी की गारंटी’ का सच बताया तो सियासी हलकों में हलचल मच गयी। सरकार ने सहकारिता विभाग से रिपोर्ट मांगी, जिस पर राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के प्रबंध निदेशक विजय शर्मा द्वारा सरकार को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया।
इस मामले में सहकारिता विभाग द्वारा सोमवार को आदेश जारी कर, न केवल प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक (PLDB), अपितु, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB) की ओर से भी डिफाल्टर किसानों की जमीन नीलाम किये जाने पर रोक लगा दी गयी। सहकारिता विभाग के संयुक्त शासन सचिव दिनेश कुमार जांगिड़ द्वारा 20 मई 2024 को राज्य सरकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड (एसएलडीबी) जयपुर के प्रबंध निदेशक और राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटैड (अपेक्स बैंक) जयपुर के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखकर, किसानों से बकाया ऋण की वसूली के लिए, आगामी आदेश तक, किसानों की जमीन नीलामी नहीं किये जाने हेतु, पीएलडीबी और डीसीसीबी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आदेशित किया गया है।