राज्यसहकारिता

सहकारिता विभाग का राजस्थान मिशन 2030 : ब्याजमुक्त ऋण का दायरा बढ़ाने, समय पर चुनाव कराने और प्रति पैक्स 10 करोड़ रुपये के ऋण वितरण के सुझाव मिले

जयपुर, 9 सितम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान वर्ष 2030 तक देश में अग्रणी राज्य बने, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा विजन दस्तावेज-2030 तैयार किया जा रहा है। इसी कड़ी में सहकारिता विभाग द्वारा शनिवार को नेहरू सहकार भवन में सहकारिता से जुड़े हितधारकों की राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि सम्भाग एवं जिला स्तर पर सहकारिता से जुड़े हितधारक परामर्श सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है एवं सुझावों को संकलित करने का कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा कि आप सभी के सुझावों को संकलित कर विजन दस्तावेज-2030 में शामिल किया जाएगा। वर्ष 2030 में राजस्थान की तस्वीर विकसित बने, इसी उद्देश्य से संकलित सुझावों को राज्य सरकार को भेजा जाएगा।

कार्यशाला में राज्य के विभिन्न जिलों से आए ग्राम सेवा सहकारी समिति अध्यक्षों ने सहकारिता के सामाजिक, आर्थिक एवं तकनीकी क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। हितधारकों ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों का सुदृृढ़ीकरण के लिए समिति की हिस्सा राशि 25 लाख करने, सदस्यों को 3 लाख तक का ब्याज मुक्त ऋण देने, समिति द्वारा कम से कम 10 करोड़ रुपये का अल्पकालीन ऋण वितरण, 500 मेट्रिक टन के गोदाम निर्माण, गोदाम के लिए नि:शुल्क भूमि एवं वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराने, व्यवसाय के लिए आर्थिक संसाधन उपलब्ध कराने सहित अन्य सुझाव दिए।

पैक्स कार्मिकों को सरकारी कर्मचारी की भांति वेतन मिले

उपस्थित सहकारजन ने सामाजिक कल्याण के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं, यथा – सदस्यों के लिए बीमा प्रीमियम की राशि का भुगतान सरकार वहन करने, समिति के कर्मचारियों को वेतन सरकारी कर्मचारियों की तरह दिये जाने, महिला समितियों के उत्पादों को उचित प्लेटफार्म उपलब्ध कराने, समिति के अध्यक्षों को जनप्रतिनिधियों जैसी सुविधा उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।

पैक्स स्तर पर कृषि जिंसों की खरीद की जाये

हितधारकों द्वारा सहकारिता को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए प्रत्येक जिले में केंद्रीय सहकारी बैंक की स्थापना करने, बुनकर समितियों को नए करघा उपलब्ध कराने, ऋण की सीमा को बढ़ाने, ग्राम सेवा सहकारी समितियों पर एमएसपी पर खरीद की व्यवस्था करने और समितियों के व्यवसाय में विविधता हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए जाने सम्बंधी सुझाव दिये गये।

नियमित अंतराल पर हो सहकारिता चुनाव

सदस्यों ने सहकारी समितियों को तकनीकी रूप से सुदृृढ़ करने के लिए इन्फ्रांस्ट्रक्चर को बढ़ावा दिये जाने, ऋण वितरण की सत्यापन व्यवस्था का मजबूत करने, ऋण सुविधा व्यवस्थित एवं सरलीकृत करने, अधिकतम साख सीमा के अनुरूप ऋण दिये जाने, समितियों को ड्रोन उपलब्ध कराने, निश्चित अंतराल पर सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराये जाने और सहकार संघ को पुनर्जीवित किया जाने सहित अन्य सुझाव दिये।

रजिस्ट्रार ने बताया राजस्थान मिशन – 2030 का उद्देश्य

कार्यशाला के प्रारम्भ में सहकारिता रजिस्ट्रार मेघराज सिंह रतनू ने सभी हितधारकों का स्वागत किया और राजस्थान मिशन-2030 के उद्देश्य की चर्चा करते हुए बताया कि राज्य सरकार राजस्थान को 2030 में सिरमौर बनाने के लिए सभी हितधारकों से सुझाव लेकर विजन डाक्यूमेन्टस-2030 बना रही है।

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