राज्य

निष्क्रिय पैक्स का चिन्हीकरण कर अवसायन में लाया जाये – मंजू राजपाल

ऑडिट नहीं करवाने वाली सहकारी समितियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही के निर्देश

(फाइल फोटो)

जयपुर, 2 मई (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सहकारी समितियां  की समयबद्ध रूप से ऑडिट करवाया जाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ऑडिट योग्य जिन सहकारी समितियों द्वारा बार-बार प्रयासों के बाद भी ऑडिट नहीं करवाई जा रही है, उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाए। इसमें कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

वे शुक्रवार को नेहरू सहकार भवन में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 एवं ‘सहकार से समृद्धि’ अभियान की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार द्वारा निष्क्रिय पैक्स के चिह्नीकरण एवं अवसायन के संबंध में 30 जून की समय सीमा निर्धारित की हुई है। इस संबंध में निर्देशों की पालना करते हुए तथा भारत सरकार की एसओपी के अनुरूप समयबद्ध रूप से कार्यवाही की जाए। इसमें लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

नयी समितियों में ऋण वितरण पर फोकस करें

प्रमुख शासन सचिव ने निर्देश दिए कि नई पैक्स के गठन के बाद उनकी कार्यकारिणी के गठन, सुदृढ़ीकरण एवं अल्पकालीन ऋण सुविधा शुरू करने आदि पर विशेष रूप से फोकस किया जाए। इस संबंध में शीघ्र ही एक फॉर्मेट बनाकर साझा किया जाएगा, जिसमें समिति के कार्यकलापों से संबंधित जानकारी भरकर भिजवानी होगी।

पैक्स को नई गतिविधियां शुरू करने के निर्देश

उन्होंने कहा कि सभी समितियां कम से कम 3 नई गतिविधियां शुरू करें, इसके लिए अधिकारी पूरे मनोयोग से प्रयास करें। जिन पैक्स के पास जमीन उपलब्ध है, उनके द्वारा मनरेगा के अंतर्गत नर्सरी खोलने की कार्यवाही की जा सकती है। प्रत्येक जिले में न्यूनतम 20 सहकारी समितियों द्वारा नर्सरी शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित करते हुए इसे प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से प्रयास किए जाएं।

गैप को एक सप्ताह में दूर करें

रजिस्ट्रार ने कहा कि पैक्स की संख्या, कॉमन सर्विस सेंटर, प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र एवं जन औषधि केन्द्र आदि के संबंध में एनसीडी पोर्टल और अन्य संबंधित पोर्टल्स पर एक समान डाटा प्रदर्शित होना चाहिए। इस संबंध में जो गैप हैं, उन्हें एक सप्ताह में दुरूस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई समितियां एक्सपोर्ट, बीज उत्पादन एवं जैविक कृषि के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर सकती हैं। राज्य की अधिकाधिक समितियों को इस संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर गठित की गई सहकारी समितियों की सदस्यता दिलवाई जाए। बैठक में भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड के प्रमुख (सहकारी सेवाएं) जे.पी. सिंह ने उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए राज्य के प्रयासों की सराहना की।

नई पैक्स के गठन को प्राथमिकता दें

प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में बजट घोषणाओं की प्रगति पर चर्चा करते हुए कहा कि शेष रही ग्राम पंचायतों में पैक्स का गठन प्राथमिकता से किया जाना है। राज्य सरकार ने इसके लिए दो वर्ष की समय अवधि निर्धारित की है, लेकिन इससे पूर्व ही इस लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने जमीन उपलब्धता वाली समितियों में गोदाम निर्माण हेतु प्रस्ताव भेजे जाने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया।

बैठक में विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सभी खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार एवं जिलों के उप रजिस्ट्रार वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए।

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