Wednesday, May 14, 2025
सहकारिता

ऑडिट नहीं करवाने पर दो सहकारी सोसाइटियों के संचालक मंडल भंग, प्रशासक नियुक्त

श्रीगंगानगर, 1 मई (मुखपत्र)। सहकारी अधिनियम के अनुरूप निर्धारित अवधि में कोऑपरेटिव सोसाइटी की ऑडिट नहीं करवाने पर सहकारिता विभाग द्वारा अधिनियम अंतर्गत कार्यवाही करते हुए दो बहुउद्देश्यीय ग्राम सेवा सहकारी समितियों (एमपैक्स) के संचालक मंडल को भंग कर दिया गया है। विभाग ने दोनों सोसाइटियों के समस्त संचालक मंडल सदस्यों को आगामी 6 साल के लिए सहकारी चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है, साथ ही दोनों में प्रशासक की नियुक्ति कर दी गयी है।

उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, दीपक कुक्कड़ द्वारा क्रमश: 28 अप्र्रेल 2025 और 1 मई 2025 को अलग-अलग निर्णय पारित कर, 11 टी.के. बहुउद्देश्यीय ग्राम सेवा सहकारी समिति और राजपुरा पीपेरन बहुउद्देश्यीय ग्राम सेवा सहकारी समिति के संचालक मंडल को निरर्ह घोषित कर दिया, साथ ही, समितियों के संचालक मंडल को सितम्बर 2024 से आगामी 6 वर्ष के लिए समिति के सदस्य के रूप में निर्वाचन के लिए भी अयोग्य घोषित कर दिया। दोनों मामलों में राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 28 के तहत यह कार्यवाही विशेष लेखा परीक्षक, श्रीगंगानगर की अनुशंसा पर की गयी।

दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड से सम्बद्ध रायसिंहनगर क्षेत्र की 11 टी.के. ग्राम सेवा सहकारी समिति और सूरतगढ़ क्षेत्र की राजपुरा पीपेरन ग्राम सेवा सहकारी समिति द्वारा वर्ष 2023-24 की ऑडिट नहीं करवायी गयी। नियमानुसार, वित्त वर्ष की समाप्ति के 6 माह के भीतर, यानी प्रति वर्ष 30 सितम्बर तक प्रत्येक सहकारी सोसाइटी को अंतिम लेखों की वैधानिक लेखा परीक्षा करवाया जाना अनिवार्य है। दोनों समितियों द्वारा ऑडिटर को रिकार्ड प्रस्तुत नहीं किया गया, जिसके चलते वर्ष 2023-24 की ऑडिट नहीं हो सकी।

न नोटिस का उत्तर दिया, न ऑडिट करवायी

उप रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा दोनों सोसाइटियों को दो बार नोटिस जारी कर अध्यक्ष/संचालक मंडल ने स्पष्टीकरण चाहा गया। राजपुरा पीपेरन के अध्यक्ष द्वारा नोटिस तामील होने के बावजूद उत्तर नहीं दिया जबकि 11 टी.के. अध्यक्ष से नोटिस की तामिली प्राप्त नहीं हो सकी। इस पर उप रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा 17 अप्रेल 2025 को दैनिक समाचार पत्र में नोटिस प्रकाशित कर, दोनों सोसाइटियों को 7 दिवस में स्पष्टीकरण देने के लिए निर्देशित किया गया, लेकिन सोसाइटियों ने न तो नोटिस का जवाब दिया, न ही ऑडिट पूर्ण होने सम्बंधी प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया।

6 साल तक सहकारी चुनाव नहीं लड़ सकेंगे

इस पर उप रजिस्ट्रार द्वारा राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 28(13) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 11 टी.के. पैक्स और राजपुरा पीपेरन पैक्स के अध्यक्ष सहित सम्पूर्ण संचालक मंडल को निरर्ह घोषित कर दिया, साथ ही दोनों अध्यक्षों एवं संचालक मंडल के अन्य सदस्यों को सितम्बर 2024 से आगामी 6 वर्ष के लिए समिति संचालक मंडल में सदस्य के रूप में निर्वाचन के लिए अयोग्य घोषित कर दिया।

दोनों समितियों में प्रशासक नियुक्त

तदोपरांत, उप रजिस्ट्रार के निर्णय एवं आगामी कार्यवाही के लिए अनुरोध पर खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर राजेश टाक द्वारा दोनों समितियों के संचालक मंडल को भंग कर दिया गया। खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार ने बताया कि संचालक मंडल के निरर्ह घोषित होने पर समिति अब सोसाइटी के कार्यकलापों का संचालन करने में समक्ष नहीं रही। इसलिए राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 30(1)(ख) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए दोनों समितियों के संचालक मंडल का भंग कर वहां प्रशासकन नियुक्त कर दिया गया है। रायसिंहनगर क्षेत्र की 11 टी.के. ग्राम सेवा सहकारी समिति में योगेश अग्रवाल, निरीक्षक कार्यकारी को तथा राजपुरा पीपेरन में राजीव बिश्नोई, निरीक्षक (ऑडिट) को प्रशासक नियुक्त कर दिया, जो कि संचालक मंडल का चुनाव होने तक इस पद की जिम्मेदारी का निर्वहन करेंगे।

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