सहकारिता

सहकारी समितियां में जीर्ण-शीर्ण गोदामों की जगह बनेंगे नये गोदाम, सहकारिता विभाग ने दी स्वीकृति

जयपुर, 16 जून (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग द्वारा राज्य की पुरानी ग्राम सेवा सहकारी समितियां में नये गोदाम बनाये जाने की स्वीकृति प्रदान की है। ये वे समितियां हैं, जिनमें वर्ष 1990 से पूर्व गोदाम बनाये गये थे और ऐसे गोदाम अब जीर्ण-शीर्ण अवस्था में होने के कारण उपयोग में नहीं लिये जा रहे। राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2025-26 के बजट में 100 मीट्रिक टन के 100 गोदाम बनाये जाने की घोषणा की गयी है। इसके लिए समितियों को पूरी राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करायी जायेगी। पूर्व में, केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत वर्षों से संचालित समितियों में गोदाम निर्माण के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाता था।

सहकारिता विभाग द्वारा ऐसी 35 ग्राम सेवा सहकारी समितियां की सूची जारी की गयी हैं, जिनमें पुराने गोदामों के स्थान पर नये गोदाम बनाये जाने हैं। इनमें जिला नागौर की 3, भरतपुर की 5, चूरू में 4, चित्तौडग़ढ़ में 6, बीकानेर में 6, सिरोही में 3, कोटा में 2, टोंक में 3 तथा बारां, पाली, जोधपुर और जालोर में एक-एक समिति शामिल है।

समितियों की सूची

नागौर : सानिया, रोहिसा एवं बड़ायली।

भरतपुर : हथिजर, नदबई, बैलारा, जघीना और बहनेरा।

चूरू : नवां, बेरासर छोटा, देपालसर व लखाउ।

चित्तौडग़ढ़ : खेरोट, दलोट, खरमालिया, आसावरा, जालखेड़ा एवं बड़ौदिया।

बीकानेर : रांवासर, सोडवाली, मोतीगढ़, कुमारवाला, भलूरी और बज्जू।

सिरोही : कृष्णगंज, मेरमांडवाला एवं अन्दौर।

कोटा : कमोलर एवं ढोटी।

टोंक : गोठड़ा एवं रूपपुरा।

बारां : माधोगरड़ा।

पाली : लापोद।

जोधपुर : सालावास।

जालोर : बावड़ी।

(प्रदर्शित चित्र प्रतीकात्मक है, सोशल मीडिया से साभार)

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