पैक्स को सुदृढ़ किये बिना सहकारी ढांचा मजबूत नहीं हो सकता – अमित शाह
अहमदाबाद, 18 जून। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में आज अहमदाबाद में गुजरात राज्य सहकारी संघ द्वारा ‘विकसित भारत के निर्माण में सहकारिता की भूमिका’ पर आयोजित महासम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
महासम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के दौरान साइंस ऑफकोऑपरेशन और साइंस इन कोऑपरेशन पर भारत सरकार ने बल दिया है। यह हम सबकी जिम्मेदारी है कि इस आंदोलन के तहत हर राज्य और जिले तक सहकारिता का विस्तार हो। साथ ही हर राज्य में प्राथमिक सहकारी समितियों की स्थिति सुधरे, जिलास्तरीय संस्थाएं मजबूत हो और उनके माध्यम से राज्य तथा राष्ट्रीय स्तर का सहकारी ढांचा भी मजबूत बने।
शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में हुए परिवर्तन के लाभ जब तक निचले स्तर पर प्राथमिक कृषि ऋण समिति (PACS) और किसानों तक नहीं पहुंचेंगे, तब तक सहकारिता क्षेत्र मजबूत नहीं हो सकता। इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि हम सहकारी संस्थाओं को आगे बढ़ाएं। हमें सभी प्रकार की सहकारी संस्थाओं में जागरूकता, प्रशिक्षण और पारदर्शिता लाने का प्रयास करना होगा।
तीन स्तम्भों पर आधारित है पूरा अभियान
अमित शाह ने कहा कि यह पूरा अभियान तीन स्तंभों पर आधारित है – सहकारिता को शासन के मुख्य प्रवाह का हिस्सा बनाना, सहकारिता आंदोलन में टेक्नोलॉजी के माध्यम से पारदर्शिता एवं प्रमाणिकता लाना और अधिक से अधिक नागरिकों को सहकारिता आंदोलन के साथ जोडऩे की प्रक्रिया को गति देना। इन तीनों स्तंभों के आधार पर सहकारिता वर्ष के दौरान कार्य करने की आवश्यकता है। इसके लिए लगभग 57 इनीशिएटिव अब तक भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा लिए गए हैं।
पैक्स को 22 गतिविधियों से जोड़ा
अमित शाह ने कहा कि जब तक हम पैक्स को मजबूत नहीं करते, तब तक सहकारी ढांचा मजबूत नहीं हो सकता है, इसीलिए मोदी सरकार ने 2029 तक देश की हर पंचायत में पैक्स की स्थापना का निर्णय लिया है। इस निर्णय से 2 लाख नई पैक्स और डेयरी रजिस्टर्ड की जाएंगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने विभिन्न प्रकार की लगभग 22 गतिविधियों को पैक्स के साथ जोडऩे का काम किया है।
सहकारी ढांचे की मजबूती के लिए भर्तियां जरूरी
शाह ने कहा कि सरकार जल्द ही लिक्विडेशन में गई पैक्स के निपटारे और नए पैक्स के लिए भी नीति ले कर आने वाली है। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष में सभी लोगों को जागरूक कर, पारदर्शिता के नए आयाम तय कर और भर्तियां कर हमें सहकारी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है।
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