कोऑपरेटिव सोसाइटी में 9 करोड़ रुपये के गबन मामले में सहकारी न्यायालय ने सुनाया निर्णय
सोसाइटी कार्मिकों से गबन की राशि ब्याज सहित वसूल करने का आदेश
अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर), 9 मई (मुखपत्र)। दि गंगानगर केेंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड से सम्बद्ध 2 जीबीए ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड में हुए लगभग 9 करोड़ रुपये के गबन मामले में न्यायालय, उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, अनूपगढ़ ने राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 57 (2) के तहत अपना निर्णय सुना दिया है। उप रजिस्ट्रार प्रियंका जांगिड़ ने सहकारी सोसाइटी के मिनी बैंक में 8 करोड़ 94 लाख 1 हजार 784 रुपये के गबन के लिए तत्कालिन व्यवस्थापक सुमेर सिंह, सहायक व्यवस्थापक ओमप्रकाश चुघ और वर्तमान व्यवस्थापक (निलम्बित) बिशनपाल सिंह को संयुक्त रूप से दोषी माना है।
निर्णयानुसार, साल 2014-15 में 1 करोड़ 40 लाख 71 हजार 37 रुपये और 2015-16 में 1 करोड़ 59 लाख 10 हजार 596 रुपये के गबन के लिए सुमेरसिंह व ओमप्रकाश चुघ को, 2021-22 में 34 लाख 26 हजार 175 रुपये, 2022-23 में 16 लाख 31 हजार 498 रुपये और 2023-24 में 33 लाख 16 हजार 616 रुपये के गबन के लिए बिशनपालसिंह और ओमप्रकाश चुघ को दोषी माना गया है।
वर्ष 2016-17 में 1 करोड़ 5 लाख 10 हजार 52 रुपये, 2017-18 में 1 करोड़ 6 लाख 92 हजार 522 रुपये, 2018-19 में 1 करोड़ 74 लाख 63 हजार 738 रुपये, 2019-20 में 1 करोड़ 22 लाख 4 हजार 668 रुपये और 2020-21 में 1 लाख 74 हजार 882 रुपये के गबन के लिए सुमेर सिंह, बिशनपाल सिंह और ओमप्रकाश चुघ को संयुक्त रूप से दोषी माना गया है। इसके अलावा 4 अक्टूबर 2024 को हुए भौतिक सत्यापन के दौरान सोसाइटी में 2 लाख 71 हजार 200 रुपये का स्टॉक कम पाया गया था, जिसके लिये व्यवस्थापक बिशनपाल सिंह को दोषी माना गया। हालांकि, बिशनपाल ने स्टॉक की मूल राशि जमा करवा दी, तथापि उससे, भौतिक सत्यापन के दिन से ब्याज की राशि वसूलने का निर्णय सुनाया गया।
ब्याज सहित वसूली का आदेश
सहकारी न्यायालय ने 8 करोड़ 94 लाख 1 हजार 784 रुपये के गबन के लिये दोषी पाये गये सोसाइटी कार्मिकों से, उनके दायित्व के अनुरूप, ब्याज सहित राशि वसूल करने का निर्णय सुनाया है।
एक कार्मिक का निधन, दूसरा सेवानिवृत्त
सुमेर सिंह 2015 में सेवानिवृत्त हो गया था, लेकिन उसके पश्चात वह 2020 तक इसी सोसाइटी में संविदा के रूप में कार्यरत था। सुमेर सिंह ने सेवारत रहते हुए अपने भतीजे बिशनपाल सिंह को सहायक व्यवस्थापक नियुक्त करवा लिया और सेवानिवृत्ति के पश्चात, बिशनपाल व्यवस्थापक बन गया जबकि ओमप्रकाश चुघ, बिशनपाल से बहुत साल पहले से ही सोसाइटी में सहायक व्यवस्थापक के रूप में कार्यरत था। सुमेर सिंह की साल 2020 में निधन हो गया था। ओमप्रकाश चुघ, लगभग डेढ़ साल पहले सेवानिवृत्त हो गया। इस मामले से सम्बद्ध एक प्रकरण पुलिस थाना जैतसर में विचाराधीन है, जिसमें ओमप्रकाश चुघ की गिरफ्तारी हो चुकी है। गिरफ्तारी एवं पुलिस रिमांड के पश्चात से वह न्यायिक हिरासत के तहत सूरतगढ़ कारागृह में बंद है।
सोसाइटी का संचालक मंडल भंग कर दिया गया है। सहकारिता विभाग द्वारा सुमेर सिंह के वारिसों की पैतृक सम्पत्ति का कुछ हिस्सा कुर्क कर लिया गया है। सोसाइटी के बैंक खाते में लगभग एक करोड़ रुपये जमा है। इसके अलावा, दोषियों की सम्पत्ति को कुर्क कर एवं नीलाम कर, जमाकर्ताओं को उनकी जमा राशि लौटाये जाने के लिए गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक निरंतर प्रयासरत है।
सोसाइटी अध्यक्षों और बैंक कार्मिकों को क्लीन चिट
दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की जैतसर शाखा अंतर्गत 2 जीबीए ग्राम सेवा सहकारी समिति में गबन मामले में शुरूआत में न्यायालय उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां द्वारा सहकारी सोसाइटी अधिनियम के अंतर्गत दर्ज प्रकरण में सुमेर सिंह, ओमप्रकाश चुघ और बिशनपाल सिंह, सोसाइटी के अलावा पूर्व अध्यक्ष कुलदीप सिंह, वर्तमान अध्यक्ष परवेज सिंह (अब बोर्ड भंग) सोसाइटी का निरीक्षण करने वाले बैंक कार्मिकों – भगवानदास भूतना (सेवानिवृत्त सहायक अधिशासी अधिकारी), घड़सीराम (सेवानिवृत्त ऋण पर्यवेक्षक), उमाराम सहारण (सहायक अधिशासी अधिकारी), स्व. मान सिंह (ऋण पर्यवेक्षक), हरकेश मीणा एवं साहिल कुमार के विरुद्ध परिवाद दर्ज किया गया था।
इनके अलावा, वर्ष 2014-15 से वर्ष 2023-24 तक, जैतसर शाखा प्रबंधक रहे 5 अधिकारियों – कुन्दनलाल स्वामी (वर्तमान में सूरतगढ़ शाखा प्रबंधक), जगराम मीणा (सेवानिवृत्त प्रबंधक), भगवान दास भूतना (सेवानिवृत्त सहायक अधिशासी अधिकारी), शक्तिसिंह देवड़ा (वर्तमान में अनूपगढ़ शाखा प्रबंधक) और हरकेश मीणा (वर्तमान में निलम्बित) को भी प्रकरण में नमजद किया गया है। इस मामले में 57 (1) के तहत आचरण की जांच सहकारी निरीक्षक सुरेश कुमार द्वारा की गयी, जिन्होंने अपनी जांच में सोसाइटी के दोनों अध्यक्षों और बैंक कार्मिकों को क्लीन चिट दे दी थी।
6 चार्टर्ड अकाउंटेंट्स फर्म ब्लेक लिस्टेड
वैधानिक अंकेक्षण के दौरान 2 जीबीए ग्राम सेवा सहकारी समिति में हुए गबन को उजागर करने में नाकाम रहे 6 चार्टर्ड अकाउंटेंट्स फर्म को सहकारिता विभाग द्वारा ब्लेक लिस्टेड कर, डिपैनेल कर दिया गया है। इनमें विभोर रूपेश एंड कम्पनी, श्रीगंगानगर (ऑडिट वर्ष 2014-15), रतन गर्ग एंड एसोसिएट, श्रीगंगानगर (ऑडिट वर्ष 2015-16, 2018-19), गोयल नागपाल एंड कम्पनी, श्रीगंगानगर (ऑडिट वर्ष 2016-17, 2017-18), राकेश लालगढिय़ा एंड एसोसिएट, श्रीगंगानगर (ऑडिट वर्ष 2019-20), भरत मूंदड़ा एंड कम्पनी, सूरतगढ़ (ऑडिट वर्ष 2020-21, 2021-22) और देवेंद्र भठेजा एंड कम्पनी, सूरतगढ़ (ऑडिट वर्ष 2022-23) शामिल है। अब ये फम्र्स भविष्य में कभी सहकारी संस्थाओं की ऑडिट नहीं कर पायेंगी।
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