सहकारी सोसाइटी में 1.34 करोड़ रुपये का गबन, पूर्व व्यवस्थापक की सम्पत्ति कुर्क
श्रीगंगानगर, 9 मई (मुखपत्र)। सहकारी सोसाइटियों में गबन और वित्तीय अनियमितताओं के मामले में सहकारिता विभाग ने दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही आरम्भ कर दी है। श्रीगंगानगर जिले के जैतसर क्षेत्र की 2 जीबीए ग्राम सेवा सहकारी समिति में दोषियों से लगभग 9 करोड़ रुपये की राशि की वसूली के लिए सहकारी न्यायालय, अनूपगढ़ के निर्णय के दो दिन बाद, अब सहकारी न्यायालय, श्रीगंगानगर ने एक अन्य प्रकरण में दोषी पाये गये सोसाइटी कार्मिक की सम्पत्ति कुर्क कर ली है। गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की सूरतगढ़ शाखा क्षेत्र की जानकीदासवाला ग्राम सेवा सहकारी समिति के पूर्व व्यवस्थापक महावीरप्रसाद से गबन की राशि की वसूली के लिए न्यायालय उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, श्रीगंगानगर द्वारा आवासीय भूमि को कुर्क कर लिया गया है।
उप रजिस्ट्रार दीपक कुक्कड़ द्वारा गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक प्रबंधन के अनुरोध पर, राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 101 के अंतर्गत कार्यवाही करते हुए जानकीदासवाला ग्राम पंचायत में महावीरप्रसाद पुत्र महंगासिंह के नाम से पट्टाशुदा आवासीय भूमि साइज 2352 वर्गफुट को कुर्क कर लिया गया है। वित्त दाता बैंक द्वारा न्यायालय को बताया गया कि राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 55 (5)(6) के अंतर्गत जारी जांच परिणाम एवं निर्देश में महावीरप्रसाद को गबन/वित्तीय अनियमितता और राशि के दुरूपयोग का दोषी माना गया है।
जांच परिणाम के आधार पर महावीरप्रसाद के विरुद्ध अधिनियम की धारा 57(1) में प्रकरण विचाराधीन है। महावीर द्वारा अपनी अचल सम्पत्ति में अपने हिस्से की भूमि का बेचान या नामांतरण या खुर्दबुर्द किये जाने की आशंका है। बैंक के अनुरोध पर न्यायालय उप रजिस्ट्रार, श्रीगंगानगर द्वारा उपरोक्त आवासीय भूमि को कुर्क करते हुए, इस अचल सम्पत्ति के विक्रय, परिदान या अन्य प्रकार से हस्तांतरित करने या प्रभारित करने पर रोक लगा दी है।
पुलिस भी कर रही है जांच
उल्लेखनीय है कि जानकीदासवाला ग्राम सेवा सहकारी समिति में 1 करोड़ 34 लाख रुपये के गबन की अधिनियम अंतर्गत जांच के उपरांत जारी जांच परिणाम में महावीरप्रसाद से आधी से अधिक राशि के गबन के लिये दोषी पाया गया था। इस मामले में जानकीदासवाला ग्राम सेवा सहकारी समिति के कार्यवाहक व्यवस्थापक महावीर प्रसाद, पूर्व व्यवस्थापक भंवरलाल स्वामी, भंवरलाल के पुत्र एवं सहायक व्यवस्थापक पवनकुमार स्वामी तथा सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष हिम्मताराम पर षडयन्त्र रचकर रिकार्ड में हेराफेरी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने,
कूटरचित दस्तावेजों का असल के रूप में दुरूपयोग करने, नियम विरूद्ध नियुक्ति करने एवं वेतनमान स्वीकृत करने, नियमविरुद्ध वेतन प्राप्त करने, स्टॉक रजिस्टर व स्टॉक में गड़बड़ी करने, समिति सदस्यों प्राप्त अमानतों व ऋण राशि का गबन करने, मिथ्या एवं कूटरचित दस्तावेज तैयार कर सोसाइटी को हानि पहुंचाने, सोसाइटी एवं ग्राहकों की अमानतों के रूप में जमा राशि में से लगभग एक करोड़ 34 लाख रुपये की धनराशि हड़पने के आरोप में धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी आईपीसी के तहत मुकदमा भी दर्ज है।
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