मुख्यमंत्री ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना का लाभ उठाने लगे हैं सहकारी बैंकों के ऋणी
3.31 करोड़ रुपये की राशि जमा, ऋणियों को मिली 4 करोड़ 26 लाख रुपये की राहत
जयपुर, 3 मई (मुखपत्र)। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार द्वारा सहकारी भूमि विकास बैंकों के डिफाल्टर ऋणियों को राहत पहुंचाने और बैंकों की अधिकतम ऋण वसूली के लिए लागू की गयी मुख्यमंत्री ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना (CM-OTS) की क्रियान्विति आरंभ हो गयी है। योजना के धरातल पर उतरते ही ऋणी, अवधिपार राशि का चुकारा करने के लिए प्राथमिक सहकारी बैंकों में पहुंचकर राशि जमा कराने लगे हैं।

राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक जितेंद्र प्रसाद शर्मा ने बताया कि प्रदेश भर में राहत योग्य पात्र अवधिपार ऋणियों की संख्या 29,741 है। इनकी ओर मूल राशि, अवधिपार ब्याज एवं दंडनीय ब्याज आदि सहित 846 करोड़ 32 लाख 10 हजार रुपये बकाया हैं। उन्होंने बताया कि सीएम-ओटीएस के प्रावधान के अनुरूप, यदि ये ऋणी, ऋण की मूल रकम 331 करोड़ 25 लाख 96 हजार रुपये का चुकारा करते हैं, तो इन ऋणियों को 515 करोड़ 6 लाख 14 हजार रुपये के अवधिपार ब्याज एवं दंडनीय ब्याज से राहत मिल जायेगी, जिसकी भरपाई राजस्थान सरकार द्वारा की जानी है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना का वित्त विभाग से अनुमोदन होने के पश्चात सभी प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों को योजना का प्रारूप भेजकर, राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप अधिकतम ऋणियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिये गये हैं।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि 30 अप्रेल 2025 तक, प्राथमिक बैंकों द्वारा 9841 ऋणियों को बकाया राशि जमा कराने के डिमांड नोटिस तामील करवा दिये गये हैं। इस तिथि तक ऋणियों द्वारा 3 करोड़ 31 लाख रुपये की अवधिपार ऋण राशि जमा करवा दी गयी है, जिस पर पीएलडीबी द्वारा 4 करोड़ 26 लाख 75 हजार रुपये की राहत दी गयी है।
ऑनलाइन पोर्टल और कॉल सेंटर
एमडी जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि सीएम-ओटीएस का ऑनलाइन पोर्टल तैयार हो गया है और कॉल सेंटर की स्थापना का कार्य भी अंतिम चरण में हैं। पोर्टल के लोकार्पण के पश्चात, योजना सम्बंधी प्रत्येक कार्य, डिमांड नोटिस जारी करने से ऋण राशि जमा करवाने उपरांत प्रमाण पत्र जारी करने तक की सम्पूर्ण कार्यवाही ऑनलाइन होगी। इससे पूर्ण पारदर्शिता बनी रहेगी और वित्तीय अनियमितता की आशंका को न्यूनतम किया जा सकेगा। कॉल सेंटर के शुरू होने पर प्रत्येक अवधिपार ऋणी को समय-समय पर फोन करके, योजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
इनको मिलेगा लाभ
वर्ष 2014-15 से राज्य सरकार की ब्याज अनुदान योजना के अंतर्गत वितरित ऋणों को छोडक़र भूमि विकास बैंकों के स्तर पर 1 जुलाई, 2024 को अवधिपार हो चुके समस्त ऋण मामले ब्याज राहत एकमुश्त समझौता योजना (सीएम-ओटीएस) के तहत राहत के लिए पात्र होंगे। अवधिपार मूलधन और बीमा प्रीमियम की सम्पूर्ण राशि ऋणी द्वारा जमा कराये जाने पर राज्य सरकार द्वारा अवधिपार ब्याज और दण्डनीय ब्याज में 100 प्रतिशत राहत दी जाएगी।
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