राज्यसहकारिता

किसान सम्मान निधि में गड़बड़ी की जांच जारी, दोषियों पर कठोर कार्यवाही करेंगे – गौतम दक

– सहकारिता विभाग की 18 अरब 48 करोड़ 27 लाख 97 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित

– नवीन को-ऑपरेटिव कोड लागू करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन

जयपुर, 11 मार्च (मुखपत्र)। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक ने कहा कि किसानों की समृद्धि से ही राष्ट्र की प्रगति सम्भव है। उन्होंने कहा कि राज्य की सहकारी समितियों में पारदर्शिता के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। गबन-घोटालों में लिप्त कार्मिकों पर सख्त कार्यवाही की जा रही है। साथ ही, वर्षों से लम्बित प्रकरणों की भी समीक्षा कर उनका निस्तारण किया जा रहा है। सहकारी संस्थाओं के संचालन में पारदर्शिता बनी रहे, इसके लिए नवीन को-ऑपरेटिव कोड लागू करने की कार्यवाही की जा रही है। सहकारिता मंत्री मंगलवार को विधानसभा में सहकारिता विभाग की (मांग संख्या-50) अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने सहकारिता विभाग की 18 अरब 48 करोड़ 27 लाख 97 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2019 में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की शुरूआत की, जिसके तहत देश के लभगग 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में सालाना 6 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की जाती है। इसी क्रम में राज्य में मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना शुरू की गई, जिसके अंतर्गत देय राशि 2000 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये करने की घोषणा की गई है। अब राज्य के लगभग 72 लाख किसानों को सालाना 9000 रुपये की राशि मिलने लगेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि योजना में कुछ अनियमितताएं भी सामने आई हैं, जिसकी जांच चल रही है। उन्होंने सदन का आश्वस्त किया कि सरकार दोषियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही करेगी।

बजट घोषणाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करेंगे

श्री दक ने कहा कि सहकारिता के व्यापक महत्व को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। साथ ही, भारत के सहकारी आन्दोलन को मजबूत करने के लिए ‘सहकार से समृद्धि’ कार्यक्रम की शुरूआत की गई है, जिसे सफल बनाने के लिए सभी का साथ अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा की गई बजट घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा करने के लिए हम कृतसंकल्पित हैं।

25 हजार करोड़ रुपये का अल्पकालीन ऋण, 2.50 लाख पशुपालकों को जीकेसी

सहकारिता मंत्री ने कहा कि राज्य में सहकारी समितियां बहुउद्देशीय लक्ष्यों की ओर अग्रसर है। राज्य में विभिन्न प्रकार की 42,352 सहकारी समितियां हैं, जिनमें 1 करोड़ 34 लाख 90 हजार से अधिक सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की खाद, बीज, जुताई और अन्य छोटी-छोटी जरूरतों के लिए राज्य सरकार ने ब्याजमुक्त अल्पकालीन ऋण की सीमा बढ़ाकर 25 हजार करोड़ रुपये करने की घोषणा की है। इसके लिए 768 करोड़ रुपये ब्याज अनुदान पर व्यय किए जाएंगे। राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना में आगामी वित्तीय वर्ष में 2.50 लाख गोपालक परिवारों को ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध करवाए जाने की घोषणा की गई है, जिस पर 150 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। राज्य सरकार अधिक से अधिक पशुपालकों को इस योजना से लाभान्वित करने का प्रयास करेगी।

2500 नई जीएसएस, 8 जिलों में नयी केवीएसएस

श्री दक ने कहा कि सहकारिता की पहुंच राज्य के दूर-दराज क्षेत्र में सुनिश्चित करने के लिए आगामी 2 वर्षों में शेष रही 2500 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी। इस दिशा में शीघ्र कार्यवाही करते हुए ग्राम सेवा सहकारी समितियों की स्थापना के मापदण्डों का सरलीकरण किया गया है। साथ ही, नवीन 8 जिलों में क्रय-विक्रय सहकारी समितियों की स्थापना होगी। सहकारिता मंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए भी राज्य सरकार वचनबद्ध है। इसे मूर्त रूप देने के लिए महिला ग्राम सेवा सहकारी समितियों का निर्णय किया है और अब तक 54 नवीन महिला ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन कर दिया गया है। इसमें महिला सदस्यों की हिस्सा राशि भी राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी।

नये गोदामों के निर्माण से भण्डार क्षमता में 1.13 लाख एमटी टन की वृद्धि

मंत्री ने सदन को अवगत कराया कि प्रदेश में 6781 पैक्स पर कम्प्यूटराइजेशन किया जा चुका है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकत अन्न भण्डारण योजना के तहत राज्य में नए गोदामों का निर्माण प्रगति पर है। राज्य बजट में 500 मैट्रिक टन क्षमता के 100 एवं 250 मैट्रिक टन क्षमता के 50 नये गोदामों का निर्माण कराये जाने तथा 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में जीर्ण-शीर्ण गोदामों के पुनर्निर्माण की भी घोषणा की गई है। इससे राज्य की भण्डार क्षमता में 1.13 लाख मैट्रिक टन की वृद्धि होगी।

किसानों पर बीमा प्रीमियम के बोझ को कम किया

सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमारे कुशल प्रबंधन से किसानों के बीमा प्रीमियम में कमी आई है, जिसका सीधा लाभ किसानों को हुआ है। वर्ष 2023-24 में किसानों पर डाले गए अतिरिक्त वित्तीय भार की जांच करवाई जा रही है, जिसके बाद संलिप्तता पाए जाने दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि हमारी सरकार ने वर्ष 2024-25 में मूंग, मूंगफली एवं सोयाबीन की समर्थन मूल्य पर ऐतिहासिक खरीद की है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा गत पांच वर्ष में भी इतनी खरीद नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि खरीद प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।

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