नई पैक्स के गठन के लिए सदस्य संख्या और हिस्सा राशि में की गयी कटौती
सहकारिता विभाग ने दी नियमों में शिथिलता, कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
जयपुर, 5 मार्च (मुखपत्र)। जयपुर, 5 मार्च (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग ने नयी बहुउद्देश्यीय प्राथमिक कृषि साख समितियां (एमपैक्स) के गठन में आने वाली दिक्कतों को दूर करने के लिए नियमों में शिथिलता प्रदान की है, ताकि कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में ग्राम सेवा सहकारी समितियां के गठन का मार्ग प्रशस्त हो सके।
रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल द्वारा 2 मार्च को इस आशय केे दो अलग-अलग आदेश जारी किये। एक आदेश जैसलमेर जिले के लिए, तथा दूसरा आदेश राजस्थान के अन्य जिलों के लिए जारी किया गया है। दोनों में समान शर्तें हैं। जैसलमेर के अतिरिक्त राज्य के अन्य समस्त जिलों में पैक्स के गठन के लिए शेष शर्तें 26.09.2011 के परिपत्र के अनुसार रहेंगी, जबकि जैसलमेर जिले के लिए शेष शर्तें इस सम्बंध में 2013 में जारी परिपत्र के अनुरूप रहेंगी।
आदेशानुसार, राज्य में नवीन बहुउद्देशीय ग्राम सेवा सहकारी समिति की स्थापना के लिए अब न्यूनतम सदस्य संख्या 300 के स्थान पर 150 एवं न्यूनतम हिस्सा राशि 3 लाख रुपये के स्थान पर 1.50 लाख रुपये होगी। नये मापदण्डों के अनुसार अब सामान्य क्षेत्रों में सदस्यों से न्यूनतम अमानत राशि 1 लाख रुपये के स्थान पर 75 हजार रुपये तथा अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में अमानत राशि 75 हजार रुपये के स्थान पर 50 हजार रुपये होगी। समिति गठन की शेष शर्तें पूर्ववत रहेंगी।
2 वर्ष में 2,500 ग्राम सेवा सहकारी समितियां गठित होंगी
सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक ने बताया कि किसानों को सम्बल प्रदान करने में ग्राम सेवा सहकारी समितियों की भूमिका के दृष्टिगत राज्य सरकार ने आगामी 2 वर्ष में शेष रहे 2,500 से अधिक ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गठन की बजट में घोषणा की है। साथ ही, इनके गठन के मापदण्डों में आवश्यकता अनुसार शिथिलन दिए जाने की भी घोषणा की गई है।
बजट घोषणा की अनुपालना में सहकारिता विभाग द्वारा तत्परता से कार्यवाही करते हुए नये मापदण्ड निर्धारित किये गए हैं। मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि बड़ी संख्या में ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन होने से राज्य में सहकारिता का नेटवर्क अधिक मजबूत होगा।
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