अपेक्स बैंक स्तर से सहकारी मिनी बैंकों की निगरानी, पूरे राज्य में औचक निरीक्षण आरंभ
जयपुर, 7 मार्च (मुखपत्र)। प्रदेश में ग्राम सेवा सहकारी समितियों (PACS) द्वारा संचालित मिनी बैंकों (MINI BANK) में गबन और वित्तीय अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए अब राजस्थान स्टेट कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (RStCB) द्वारा भी इन पर निगरानी शुरू कर दी गयी है। अभी तक यह कार्य जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB) ही कर रहे थे।
राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक ने “मुखपत्र” को बताया कि बहुउद्देशीय प्राथमिक कृषि ऋणदात्री सहकारी समितियां (पैक्स) में संचालित मिनी बैंक द्वारा सदस्यों से अमानतें प्राप्त कर निवेश एवं ऋण वितरण किया जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में इन मिनी बैंकों में गबन और धोखाधड़ी के प्रकरण सामने आने के परिणामस्वरूप अपेक्स बैंक स्तर से समस्त जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों से सम्बद्ध एवं मिनी बैंकों का कार्य करने वाली सहकारी समितियां के औचक निरीक्षण का निर्णय लिया गया है। औचक निरीक्षण का कार्य अपेक्स बैंक के अधिकारी ही सम्पादित कर रहे हैं।
इन्हें सौंपा गया दायित्व
बैंक की ओर से जारी आदेशानुसार, मनीष राव, उपमहाप्रबंधक को अजमेर, अलवर, दौसा, झुंझुनूं एवं सीकर, वरिष्ठ प्रबंधक उमाशंकर को बांसवाड़ा एवं डूंगरपुर, वरिष्ठ प्रबंधक प्रवीण खोखर को बाड़मेर, जैसलमेर, जालौर एवं सिरोही, प्रबंधक अखिलेश कुमार को बारां, बूंदी एवं टोंक, प्रबंधक गौरव मित्तल को भरतपुर, सहायक महाप्रबंधक अनिल खटीक को भीलवाड़ा, चितौडग़ढ़ एवं उदयपुर, प्रबंधक मूलचंद सुथार को बीकानेर,
प्रबंधक आकाश कंसल को चूरू, वरिष्ठ प्रबंधक आरपी गवारिया को हनुमानगढ़, नागौर, श्रीगंगानगर, प्रबंधक गौरव शर्मा को जयपुर, प्रबंधक अरविंद दांगी को झालावाड़, कोटा एवं सवाईमाधोपुर तथा प्रबंधक कपिल बिश्नोई को जोधपुर एवं पाली केंद्रीय सहकारी बैंक से सम्बद्ध ग्राम सेवा सहकारी समितियों के निरीक्षक की जिम्मेदारी दी गयी है। ये समस्त अधिकारी मुख्यत: अपेक्स बैंक के क्षेत्रीय कार्यालयों – जयपुर, उदयपुर, जोधपुर, बीकानेर एवं कोटा में पदस्थापित हैं।
इन बिन्दुओं पर देनी होगी रिपोर्ट
आदेशानुसार, प्रत्येक अधिकारी को प्रति माह तीन पैक्स का औचक निरीक्षण करना है, जिसमें अधिक अमानतों वाली समितियों को प्राथमिकता देनी होगी। निरीक्षण के दौरान मुख्य रूप से मिनी बैंकों की अमानतें, विनियोग, विनियोग अधिकारों का सुचारू उपयोग, विनियोग का भौतिक सत्यापन, मांग एवं दायित्व (डीटीएल), ऋण वितरण, ऋण वितरण अधिकारों का उपयोग, कुल वितरित ऋणों के 10 प्रतिशत का भौतिक सत्यापन कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। औचक निरीक्षण के दौरान गंभीर आक्षेप सामने आने पर अविलम्ब सम्बंधित बैंक के प्रबंध निदेशक को सूचित करना होगा।
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