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एमएसपी पर सरसों-चना की खरीद के लिए पंजीयन कल से, प्रत्येक किसान 40 क्विंटल कृषि जिंस बेच सकेगा, ऑनलाइन गिरदावरी के लिये पी-35 जरूरी नहीं

जयपुर, 31 मार्च (मुखपत्र)। रबी वर्ष 2025-26 में तिलहन-दलहन की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद के लिए पंजीयन प्रक्रिया 1 अप्रेल 2025 से आरम्भ हो जायेगी। किसान वांछित दस्तावेजों के साथ सुबह 9 बजे से सायं 7 बजे तक पंजीयन करवा सकेंगे। राज्य में सरसों और चना की खरीद का कार्य 10 अप्रेल से आरम्भ होगा। राजस्थान राज्य क्रय विक्रय सहकारी संघ लिमिटेड (RAJFED) द्वारा राज्य के समस्त 41 जिलों में एमएसपी पर खरीद की जानी है। राजफैड के क्षेत्रीय कार्यालय अजमेर, जोधपुर, बीकानेर और कोटा क्षेत्र के 19 जिलों में नेशनल कोऑपरेटिव कन्ज्यूमर फैडरेशन (एनसीसीएफ) द्वारा तथा क्षेत्रीय कार्यालय जयपुर, उदयपुर, भरतपुर और श्रीगंगानगर क्षेत्र के अधीन 22 जिलों में खरीद कार्य नेशनल एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव मार्केटिंग फैडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नैफेड) द्वारा खरीद केंद्र स्थापित किये गये हैं। एनसीसीएफ द्वारा 217 तथा नैफेड द्वारा 288 केंद्रों पर खरीद की जायेगी।

इस बार एक किसान 40 क्विंटल कृषि जिंस का विक्रय न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेचान कर सकेगा। हालांकि, सरकार द्वारा जिले में उत्पादित कुल जिंस की अधिकतम 25 प्रतिशत तक ही खरीद की जायेगी। राजफैड (राजस्थान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लिमिटेड) द्वारा प्रदेश में खरीद के लिए कुल 505 केंद्र स्थापित किये गये हैं। इनमें क्रय विक्रय सहकारी समिति स्तर पर 269 और ग्राम सेवा सहकारी समिति स्तर पर 236 केंद्र बनाये गये हैं। सरसों और चना, प्रत्येक के लिए 505 केंद्र स्थापित किये गये हैं।

केंद्र सरकार द्वारा इस साल चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 5650 रुपये प्रति क्विंटल और सरसों का समर्थन मूल्य 5950 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है।

पंजीकरण केन्द्र एवं पंजीकरण शुल्क

सरसों-चना विक्रय के इच्छुक किसान संबंधित क्रय विक्रय सहकारी समिति, ग्राम सेवा सहकारी समिति अथवा ई-मित्र पर पंजीकरण करवा सकेगें। किसान द्वारा करवाये जाने जाने वाले प्रत्येक पंजीकरण के लिए डीओआईटी द्वारा निर्धारित शुल्क देय होगा, जो वर्तमान में प्रति पंजीकरण 31 रुपये है। रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां के स्तर से ग्राम सेवा सहकारी समितियों को आवश्यक रूप से पंजीयन करने हेतु पृथक से भी निर्देश जारी किये जाने की संभावना है। किसान की कृषि भूमि जिस तहसील क्षेत्र में है, उसी क्षेत्र के खरीद केंद्र के लिए पंजीकरण करवाया जा सकेगा।

पंजीयन के लिये आवश्यक दस्तावेज

जनआधार

पंजीकरण केवल जनआधार कार्ड से होगा। एक जनआधार कार्ड पर एक ही पंजीकरण मान्य होगा। जनआधार कार्ड में अंकित नामों में से जिस नाम से गिरदावरी होगी, उसी के नाम का पंजीकरण मान्य होगा। जनआधार कार्ड महिला मुखिया के नाम होने के कारण एवं गिरदावरी पति के नाम होने की स्थिति में ऐसा एक पंजीयन स्वीकार किया जा सकता है। किसान को अपना बैंक खाता नम्बर भी दर्ज कराना होगा, जिसमें वह कृषि जिंस का भुगतान प्राप्त करना चाहता है। ऐसा बैंक खाता, जनआधार कार्ड से लिंक होना चाहिये।

गिरदावरी

जिसके नाम गिरदावरी होगी, उसी के नाम पंजीकरण मान्य होगा। एक जनआधार कार्ड में एक पंजीयन की शर्त यथावत रहेगी। मूल गिरदावरी में परिवर्तन संशोधन सक्षम स्तर से अनुमोदन के बिना मान्य नहीं होगा। गिरदावरी में रकबा हैक्टेयर में (अंको एवं शब्दों दोनों में) अंकित करना आवश्यक होगा।

ऑफलाइ गिरदावरी के लिए पी-35 का क्रमांक एवं दिनांक की अनिवार्यता रहेगी जबकि ऑनलाईन गिरदावरी के लिए पी-35 की अनिवार्यता नहीं होगी। फसल का रकबा हैक्टेयर में अंकित करना अनिवार्य होगा, बीघा में अंकित होगा तो उसे सॉफ्टवेयर द्वारा स्वीकार नहीं किया जावेगा। गिरदावरी में बुआई क्षेत्रफल हैक्टेयर में अंकों व शब्दों में अंकित होना चाहिए। गिरदावरी में पंजीकरण हेतु इच्छुक कृषक के हिस्से का स्पष्ट उल्लेख हो एवं बोई गई फसल का नाम व रकबा भी स्पष्ट हो। ऑफलाइन गिरदावरी पर पटवारी की मोहर एवं मोबाइल नम्बर अंकित होने चाहिए। जमाबन्दी के आधार पर पंजीयन स्वीकार्य नही होगें। जिन जिलों/तहसील क्षेत्र में ऑनलाइन गिरदावरियों की सुविधा उपलब्ध है, वहाँ पर ऑनलाइन गिरदावरी भी स्वीकार की जा सकेगी।

बटाईदार

बटाईदार की स्थिति में कृषि भूमि मालिक एवं बटाईदार के मध्य बुआई से पूर्व या बुवाई अवधि (कृषि विभाग द्वारा जारी नोटिफिकेशन दिनांक 28.01.2025) के अनुसार सरसों-चना के लिए (सितम्बर 2024 से नवम्बर 2024) के समय का नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर विधिवत नोटेरी से सत्यापित अनुबंध मान्य होगा एवं भूमि मालिक की गिरदावरी तथा जनआधार कार्ड एवं बटाईदार का जनआधार कार्ड आवश्यक होगा। बुआई अवधि के बाद का अनुबंध पंजीकरण हेतु स्वीकार्य नहीं होगा। भूमि मालिक एवं बटाईदार के मध्य एक जिन्स के लिए एक ही अनुबंध मान्य होगा। कृषि भूमि मालिक एवं काश्त करने वाले किसान के मध्य 100 रुपये के नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प पर अनुबंध किया जाना है। बटाई अनुबन्ध को पंजीकरण के समय गिरदावरी के साथ ही अपलोड कराना आवश्यक होगा अन्यथा पंजीयन मान्य नहीं होगा।

खरीद केंद्रों की जिलावार संख्या

एनसीसीएफ

अजमेर क्षेत्रीय कार्यालय : अजमेर में 7, नागौर में 11, भीलवाड़ा में 23, ब्यावर में 3, कुचामन-डीडवाना में 5, कुल – 49.

जोधपुर क्षेत्रीय कार्यालय : जोधपुर 16, बाड़मेर 4, जैसलमेर 13, पाली 8, सिरोही 4, जालोर 7, बालोतरा 5, फलौदी 11, कुल – 68.

बीकानेर क्षेत्रीय कार्यालय : बीकानेर 26, चूरू 12, कुल – 38.

कोटा क्षेत्रीय कार्यालय : कोटा 12, बूंदी 12, बारां 27, झालावाड़ 11, कुल – 62.

नैफैड

जयपुर क्षेत्रीय कार्यालय : जयपुर 40, कोटपूतली-बहरोड़ 5, दौसा 9, सीकर 18, टोंक 31, झुंझुनू 19, कुल – 122.

उदयपुर क्षेत्रीय कार्यालय : उदयपुर 7, सलूम्बर 1, चित्तौडग़ढ़ 23, प्रतापगढ़ 9, राजसमंद 11, डूंगरपुर 3, कुल – 54.

श्रीगंगानगर क्षेत्रीय कार्यालय : श्रीगंगानगर 34, हनुमानगढ़ 19, कुल – 53.

भरतपुर क्षेत्रीय कार्यालय : भरतपुर 9, अलवर 21, खैरथल-तिजारा 5, डीग 7, धौलपुर 4, करौली 4, सवाईमाधोपुर 9, कुल – 59.

 

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