कैसे होगी समर्थन मूल्य पर सुचारू खरीद? अब भी कई निरीक्षकों के पास दो से तीन केवीएसएस का अतिरिक्त प्रभार
श्रीगंगानगर, 30 मार्च (मुखपत्र)। रबी सीजन 2025-26 के अंतर्गत राजस्थान में 10 अप्रेल 2025 से तिलहन-दलहन की समर्थन मूल्य पर खरीद की व्यवस्था को सुचारू ढंग से सम्पन्न करवाने के लिए सहकारिता विभाग ने बेशक, राज्य की 56 क्रय विक्रय सहकारी समितियां (KVSS) में मुख्य कार्यकारी बदल दिये गये हैं, लेकिन संस्था आवंटन में हुई चूक के कारण, एक अधिकारी-एक खरीद केंद्र की नीति का ढंग से पालन नहीं हुआ। गंगानगर जिले में हालत यह है कि यहां अभी भी एक सहकारी निरीक्षक के पास खरीद वाली तीन क्रय विक्रय सहकारी समितियों का तथा एक अन्य के पास खरीद वाली दो कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटीज का अतिरिक्त प्रभार है, जबकि दो ऐसे सहकारी निरीक्षक हैं, जिन्हें खरीद का कार्य नहीं करने वाली क्रय विक्रय सहकारी समितियों की जिम्मेदारी दे दी गयी। सोसाइटीज का एडिशनल चार्ज देने में यूनिट का भी ध्यान नहीं रखा गया।
गंगानगर जिले में दो यूनिट हैं, पहली श्रीगंगानगर और दूसरी अनूपगढ़। राज्य सरकार द्वारा अनूपगढ़ जिला समाप्त किये जाने के बाद, यह इकाई एक बार फिर गंगानगर जिले का हिस्सा बन गयी है। गंगानगर इकाई में 11 में से 10 केवीएसएस में खरीद केंद्र स्वीकृत हैं। इनके 10 उप केंद्र हैं। अनूपगढ़ इकाई में 6 मे से 5 केवीएसएस खरीद कर रही हैं और इनके 9 उप केंद्र हैं।
गंगानगर यूनिट का हाल
एक अधिकारी-एक खरीद केंद्र की नीति के तहत पारित आदेश में निरीक्षक नवल किशोर गर्ग से पदमपुर क्रय विक्रय सहकारी समिति का एडिशनल चार्ज हटाकर, वहां पर संदीप इंदौरा को मुख्य कार्यकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। अब नवल गर्ग के पास गजसिंहपुर केवीएसएस का एडिशनल चार्ज है। निरीक्षक मुकेश मीणा के पास अब भी सादुलशहर केवीएसएस और गंगानगर कमीशन शॉप केवीएसएस का एडिशनल चार्ज है और दोनों ही खरीद केंद्र हैं।
राजीव बिश्नोई से सादुलशहर फल-सब्जी केवीएसएस का प्रभार हटाकर, वहां मनीष कुमार का लगा दिया गया है, जबकि फल-सब्जी केवीएसएस खरीद केंद्र ही नहीं है। राजीव बिश्नोई के पास के पास सूरतगढ़ मार्केटिंग सोसाइटी का एडिशनल चार्ज रह गया है।
अनूपगढ़ यूनिट के निरीक्षक बेहाल
अनूपगढ़ इकाई, जिसके कार्यक्षेत्र में 6 कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसाइटीज और 5 खरीद केंद्र हैं, में उप रजिस्ट्रार प्रियंका जांगिड़ के अलावा एक सहायक रजिस्ट्रार हरीसिंह शर्मा और दो ही कार्यकारी निरीक्षक हैं। ए.आर. हरीसिंह शर्मा अनूपगढ़ केवीएसएस में मुख्य कार्यकारी के पद पर नियुक्त हैं। वे राजफैड के क्षेत्रीय अधिकारी भी हैं। निरीक्षक सुरेश कुमार के पास खरीद केंद्रों वाली तीन क्रय विक्रय सहकारी समितियां का अतिक्ति प्रभार है। वे अनूपगढ़ यूनिट की जैतसर केवीएसएस एवं रामसिंहपुर केवीएसएस तथा श्रीगंगानगर यूनिट की रायसिंहनगर केवीएसएस के मुख्य कार्यकारी के एडिशनल चार्ज के तले दबे हुए है, लेकिन सहकारिता मंत्री की एक अधिकारी-एक खरीद केंद्र की मंशा के अनुरूप उनका भार हलका नहीं किया गया।
विकास चौधरी के पास भी कुछ दिन पहले तक रावला, घड़साना और श्रीविजयनगर क्रय विक्रय सहकारी समिति के मुख्य कार्यकारी का चार्ज था। रावला में दो साल पहले सरसों खरीद में करोड़ों रुपये का घोटाला होने के बाद, राजफैड ने रावला परचेज सेंटर को बंद कर, इसे घड़साना केवीएसएस का उपकेंद्र बना दिया। हालिया आदेश में घड़साना केवीएसएस के मुख्य कार्यकारी का एडिशनल चार्ज विकास चौधरी से वापिस लेकर, श्रीगंगानगर इकाई के निरीक्षक योगेश अग्रवाल को सौंप दिया। इसी प्रकार विकास चौधरी से श्रीविजयनगर केवीएसएस का चार्ज वापिस लेकर, यहां पर गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक के अधिशासी अधिकारी भैरूसिंह पालावत को मुख्य कार्यकारी का एडिशनल चार्ज दे दिया। अब विकास चौधरी के पास रावला मार्केटिंग सोसाइटी का एडिशनल चार्ज है, लेकिन वहां पर खरीद कार्य घड़साना केवीएसएस द्वारा किया जायेगा। यानी वे अब खरीद की जिम्मेदारी से मुक्त हैं।
सूचना मांगने में हुई चूक
दरअसल, सहकारिता मंत्री गौतमकुमार दक और रजिस्ट्रार सहकारी समितियां मंजू राजपाल के निर्देशानुसार, समर्थन मूल्य पर खरीद की सुचारू एवं गड़बड़ीरहित व्यवस्था बनाने के लिए एक निरीक्षक को एक ही मार्केटिंग सोसाइटी का एडिशनल चार्ज देने की नीति बनायी गयी और इसी के अनुरूप राज्य की 56 क्रय व्रिकय सहकारी समितियों में मुख्य कार्यकारी के एडिशनल प्रभार बदले गये,
लेकिन इस नीति को अमलीजामा पहचाने में चूक हो गयी, क्योंकि रजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा प्रदेशभर में केवीएसएस के नाम और सहकारी निरीक्षकों की सूची मांगी गयी और उसी केे अनुरूप कार्यविभाजन कर दिया गया। यदि केवीएसएस के स्थान पर खरीद वाली मार्केटिंग सोसाइटीज की सूची मांगी गयी होती तो यह गफलत नहीं होती। अब जिनकेे पास, एक से अधिक सोसाइटियों का चार्ज है, वे भी परेशान हैं और जो खरीद कार्य करने के इच्छुक हैं, लेकिन उन्हें खरीद वाली सोसााइटीज में नहीं लगाया गया। जिन निरीक्षकों को दूसरी इकाई में लगा दिया गया, उनकी दिक्कतें अलग हैं।
रजिस्ट्रार कार्यालय को दी सूचना
जानकारी मिली है कि श्रीगंगानगर यूनिट और अनूपगढ़ यूनिट की ओर से रजिस्ट्रार कार्यालय को पत्र लिखकर, वस्तुस्थिति से अवगत करवा दिया गया है और सही कार्य आवंटन का अनुरोध किया है, हालांकि अभी तक कोई संशोधित आदेश जारी नहीं हुआ। जबकि समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए 1 अप्रेल से पंजीकरण आरंभ हो रहे हैं और 10 अप्रेल से खरीद कार्य आरम्भ हो जायेगा।
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