राज्य

सहकारी संस्थाओं में समयबद्ध चुनाव अतिआवश्यक : जोधा

शीर्ष सहकारी बैंक में मनाया गया ‘अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस’

जयपुर, 5 जुलाई(मुखपत्र)। 103वां अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस एवं 31वां यूएन डे ऑफ को-ऑपरेटिव शनिवार को राज्य शीर्ष सहकारी बैंक में मनाया गया। सहकार से समृद्धि के प्रादेशिक सलाहकार आरएस जोधा (सेवानिवृत्त महाप्रबंधक, नाबार्ड) के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता, बैंक के प्रबंध निदेशक संजय पाठक ने की। सर्वप्रथम सहकार ध्वजारोहण किया गया। तत्पश्चात ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत बैंक परिसर में पौधारोपण किया गया।

मुख्य अतिथि आर.एस. जोधा ने अपने सम्बोधन में अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 में ‘सहकार से समृद्धि के तहत भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही 61 पहलों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय द्वारा राज्य की पैक्स को बहुउद्देशीय संस्थााओं के रूप में परिवर्तित कर व्यापार की नई संभावना को खोला है। राज्य की लगभग सभी पैक्स द्वारा मॉडर्न बायलॉज को अपनाकर मल्टीपर्पज पैक्स की तरह कार्य किया रहा है, जिससे सहकारिता विभाग द्वारा पैक्स के माध्यम से दी जा रही सेवायों में सुधार हुआ है एवं पारदर्शिता आयी है। जोधा ने सहकारिता को बढ़ावा दिये जाने के लिये युवाओं को जोडऩे की आवश्यकता पर बल देते हुए सहकारी संस्थाओं में समयबद्ध चुनाव कराया जाना अति आवश्यक बताया।

जयपुर. अपेक्स बैंक परिसर में सहकार ध्वजारोहण के दौरान उपस्थित राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड के अधिकारी, कर्मचारी।

एमडी पाठक ने की सहकारिता की विकास यात्रा की चर्चा

अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रबन्ध निदेशक संजय पाठक ने सहकारिता की विकास यात्रा की चर्चा करते हुए अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस एवं 31वां यूएन डे ऑफ को-ऑपरेटिव की थीम पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्र में सर्वप्रथम सहकारी सोसाइटी वर्ष 1903 में भरतपुर के डीग में स्थापित की गई एवं प्रथम सहकारी कानून भी तत्कालीन मत्स्य प्रदेश में लागू किया गया। विश्व एवं भारत के विकास में सहकारिता के अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थान होने के कारण ही भारत सरकार द्वारा 6 जुलाई 2021 को सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की गई। उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन ‘मिनिमम रिसोर्स, मैक्सिमम युटिलिटी’ की अवधारणा को साकार करता है, जिससे राष्ट्र उत्तरोत्तर प्रगति के पथ पर अग्रसर है।

स्वयं के विकास के साथ प्रकृति का भी ध्यान रखें

समारोह के मुख्य वक्ता राकेश शर्मा, उप-रजिस्ट्रार एवं नोडल अधिकारी, आईवाईसी द्वारा ‘सहकारिता मे सहकार अभियान’ अन्तर्गत राज्य में प्रगति का प्रस्तुतीकरण दिया गया। शर्मा ने राज्य में संचालित विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए स्वयं के विकास के साथ-साथ प्रकृति का भी ध्यान रखने के संदेश के साथ ‘अन्तरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस’ के ध्येय वाक्य का सारगर्भितापूर्ण विवेचना की गई।

संस्था के प्रति निष्ठावान रहें

सहकार नेता सूरजभान सिंह आमेरा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सहकारिता में सहकार तभी संभव है, जब हम मिलजुल कर ईमानदारी से काम करें और अपनी संस्था के प्रति निष्ठावान रहें।

जनसम्पर्क अधिकारी शिवचरण सिंह गुर्जर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि सहकारिता में यूथ, इलेक्शन, टेक्नोलॉजी एवं ट्रेनिंग को समावेशित करने पर ही ‘सहकार से समृद्धि’ संभव है। कार्यक्रम में अपैक्स बैंक के महाप्रबंधक पी.के. नाग सहित समस्त अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे।

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