सहकारी समितियों में शत-प्रतिशत अनुदानित गोदामों की बंदरबांट पर अंकुश की कवायद, न्यूनतम भूमि की अनिवार्यता लागू
जयपुर, 1 जून (मुखपत्र)। राजस्थान सरकार की बजट घोषणा की पालना में सहकारी समितियां को अनुदानित गोदाम आवंटन में बंदरबांट को रोकने के लिए रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल द्वारा प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। हाल के महीनों में राजनीतिक दबाव में अनुपयुक्त समितियों और पहले से पर्याप्त भंडारण सुविधा का उपयोग नहीं करने वाली समितियों को ही नये गोदाम निर्माण की मंजूरी देने के मामले सामने आने के बाद, कुछ सुधारात्मक दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
प्रधान कार्यालय में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (प्रोसेसिंग) गोपाल कृष्ण की ओर से 30 मई 2025 को जारी निर्देशानुसार, अब केवल उन्हीं समितियों को 500 मीट्रिक टन और 250 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम निर्माण की स्वीकृति दी जायेगी, जिसके पास गोदाम निर्माण के लिए पर्याप्त भूमि होगी। पांच सौ एमटी क्षमता के गोदाम के लिए 1500 वर्गमीटर अर्थात 16,144.5 वर्गफीट और 250 एमटी क्षमता के गोदाम निर्माण के लिये 812.50 वर्ग मीटर यानी 8745 वर्गफीट होना आवश्यक है।
विभाग की ओर से अपूर्ण प्रस्ताव एवं गाइडलाइन के अनुरूप नहीं होने के कारण ऐसे प्रस्तावों को वापिस भेजते हुए प्रबंध निदेशक, केंद्रीय सहकारी बैंक को निर्देशित किया गया है कि सहकारिता विभाग की ओर से इस साल फरवरी, मार्च, अप्रेल और मई माह में जारी लिखित आदेश/निर्देश के अनुरूप ही पुन: परीक्षण कर, गोदाम निर्माण के प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये जायें।
एमडी-डी.आर. को किया पाबंद
सम्बंधित केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक के साथ-साथ उप-रजिस्ट्रार को यह प्रमाणित करके, कि हमारे द्वारा विभाग के आदेश/निर्देश के अनुरूप ही प्रस्तावों का परीक्षण किया गया है, ही प्रस्ताव विभाग को भिजवाये जाने के लिए निर्देशित किया गया है। बैंक को यह भी प्रमाणित करना होगा कि उनके क्षेत्राधिकार की किसी पात्र समिति का गोदाम निर्माण सम्बंधी प्रस्ताव, प्रधान कार्यालय को भिजवाया जाना शेष नहीं है।
पात्र एवं जरूरतमंद समितियों में गोदाम निर्माण की आवश्यकता को प्रतिपादित करते हुए, गोदाम निर्माण के प्रस्ताव के साथ भूमि के वैध दस्तावेज संलग्न करने, जिला स्तरीय विकास समिति (डीसीडीसी) का अनुमोदन और समिति का प्रस्ताव प्रबंध निदेशक/उप रजिस्ट्रार की अनुशंसा के साथ भिजवाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।
पुराने गोदामों के लिए योजना
बजट घोषणा के अनुरूप, पूर्व में निर्मित गोदाम, जो जीर्ण-शीर्ण हो चुके हैं, के पुनर्निर्माण के प्रस्ताव विभाग को प्रेषित किये जा सकते हैं। इस योजना में केवल उन्हीं गोदामों के पुनर्निमाण की स्वीकृति दी जा सकेगी, जो वर्ष 1990 से पूर्व निर्मित हैं। पुनर्निर्माण के प्रस्ताव में, पूर्व में निर्मित गोदाम निर्माण का वर्ष आवश्यक रूप से अंकित करना होगा।
सहकारिता विभाग द्वारा नये गोदाम निर्माण के प्रस्ताव नहीं मांगे जा रहे, क्योंकि इस बार बजट घोषणा में 100 मीट्रिक टन भंडारण क्षमता के नये गोदाम की घोषणा नहीं की गयी है।
सरकार देती है शत-प्रतिशत अनुदान
उल्लेखनीय है कि राजस्थान सरकार द्वारा सहकारी क्षेत्र में भंडारण क्षमता में वृद्धि के लिए बजट घोषणा के अंतर्गत ग्राम सेवा सहकारी समितियां (केवीएसएस) एवं ग्राम सेवा सहकारी समितियां (पैक्स) में गोदाम निर्माण के लिए पूरी लागत के बराबर अनुदान दिया जाता है। 500 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम के लिए 25 लाख रुपये और 250 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम के लिए 16 लाख रुपये अनुदान मिलता है।
पांच सौ एमटी के गोदाम में टिन शैड की छत होती है जबकि 250 एमटी के गोदाम में आरसीसी की छत बनायी जाती है। पांच सौ एमटी के गोदाम निर्माण की स्वीकृति पुरानी समितियों को दी जाती है जबकि नयी समितियों में 250 एमटी वाले गोदाम बनवाये जा रहे हैं, जो कि पहले 100 एमटी के बनवाये जाते थे।
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