कोऑपरेटिव सैक्टर को कॉर्पोरेट के समान अवसर मिलना चाहिए – अमित शाह
जल्द ही पैक्स एयरलाइंस टिकटों की बिक्री कर सकेंगे
नई दिल्ली, 12 फरवरी। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि कोऑपरेटिव सेक्टर को कॉर्पोरेट सेक्टर के समान ही अवसर उपलब्ध हों। सहकारिता मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और आयकर विभाग के साथ मिलकर कॉर्पोरेट सेक्टर और कोऑपरेटिव सेक्टर के लिए टैक्स संरचना को एकसमान बनाने के लिए कदम उठाये हैं। उन्होंने विश्वास जताया कि देश के सहकारिता क्षेत्र से जुड़े उद्यम कॉर्पोरेट जगत के साथ स्पर्धा के साथ आगे बढ़ेंगे और पीएम मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन को साकार करेंगे।
गत दिवस नई दिल्ली में ‘सहकारी समितियों को सशक्त करने के लिए की गई और वर्तमान में की जा रही पहलें’ विषय पर सहकारिता मंत्रालय की संसदीय परामर्शदात्री समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता करते हुए अमित शाह ने यह बात कही। बैठक में केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल और मुरलीधर मोहोल, समिति के सदस्यों, केन्द्रीय सहकारिता सचिव और सहकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। समिति ने बैठक में सहकारिता मंत्रालय द्वारा अपनी स्थापना के बाद से सहकारी समितियों को सशक्त करने के लिए की गई और वर्तमान में की जा रही पहलों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।
एक क्लिक पर देश की सहकारी सोसाइटियों की जानकारी
बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि केन्द्र में सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद हमने सबसे पहले राज्यों के साथ मिलकर प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का डेटाबेस बनाने का काम किया और दो लाख पैक्स के पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की। अब राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस (NCD) विकसित करने का काम लगभग पूरा हो चुका है और देश की सहकारी समितियों की क्षेत्रवार जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि पैक्स कंप्यूटरीकरण के लिए कदम उठाये गये। आने वाले समय में देश की एक भी पंचायत ऐसी नहीं होगी, जहां पैक्स उपलब्ध नहीं हों। सहकारिता मंत्री ने कहा कि पैक्स को बायबल बनाने के लिए बनाए गये बायलॉज़ को देश के लगभग सभी राज्यों ने अपनाया है। पैक्स को 20 से अधिक गतिविधियों से जोड़ा गया है और अब वे कॉमन सर्विस सेंटर, जन औषधि केन्द्र सहित अन्य सेवाएं प्रदान करना शुरू कर चुकी हैं।
सहकारी विवि का विधेयक जल्द ही संसद से पारित होगा
शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय ने मौजूदा बजट सत्र में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के गठन के लिए विधेयक पेश किया है और जल्द ही संसद से पारित होगा। इस विश्वविद्यालय के गठन से सहकारी क्षेत्र में आने वाले पेशेवरों को तकनीकी शिक्षा, एकाउंटिंग और प्रशासन संबंधी जानकारी और प्रशिक्षण मिलेगा। इससे सहकारृी क्षेत्र में प्रशिक्षित मैनपावर उपलब्ध हो सकेगा।
राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं से मिलेगा बढ़ावा
अमित शाह ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL), राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक लिमिटेड (NCOL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) जैसी सहकारी संस्थाओं का गठन किया गया है, जिससे सहकारी क्षेत्र में निर्यात, ऑर्गेनिक उत्पादों और उन्नत बीजों को बढ़ावा मिल सकेगा। इन पहलों से आगामी कुछ वर्षों में सहकारी क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिलेगा।
केंद्रीय मंत्री ने परामर्शदात्री समिति को बताया कि सहकारिता से जुड़े राष्ट्रीय फेडरेशनों के त्वरित विकास के लिए कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (KRIBHCO), इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO), राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और अन्य फेडरेशनों के साथ रोडमैप बनाने पर कार्य हुआ है। आज के समय में पैक्स रेलवे टिकटों की बुकिंग का काम कर रहे हैं और जल्द ही पैक्स एयरलाइंस टिकटों की बिक्री भी कर सकेंगे।
शाह ने कहा कि देश में सहकारिता के विकास में क्षेत्रीय असमानता को देखते हुए सरकार सभी राज्यों में एक समान संतुलित विकास लाने के लिए विशेष कदम उठा रही है। ‘सहकारिता में सहकार’ की पहल की गुजरात में व्यापक सफलता के बाद इसे देश के अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा। बैठक में समिति के सदस्यों ने देश में सहकारी समितियों का सशक्तिकरण करने संबंधी मुद्दों पर अपने सुझाव दिए और सरकार द्वारा देश की सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों की सराहना की।
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