सहकारी बैंकों में शत-प्रतिशत अवधिपार ब्याज माफी की योजना लागू, सरकार देगी 200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता
– ऋणी सदस्यों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में फिर से मिल सकेगा ऋण : सहकारिता मंत्री
जयपुर, 15 मार्च (मुखपत्र)। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों (PLDB) के ऋणों के लिए एकमुश्त समझौता (OTS) योजना लाए जाने से किसानों और लघु उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी, साथ ही, कमजोर आर्थिक स्थिति से जूझ रहे भूमि विकास बैंकों के लिए भी राज्य सरकार का यह कदम संजीवनी साबित होगा।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सहकारी भूमि विकास बैंकों द्वारा किसानों और जरूरतमंद लघु उद्यमियों को दीर्घकालीन ऋणों के माध्यम से प्रदेश के कृषि और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाई जाती रही है। विगत कुछ वर्षों में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण ऋणी किसानों द्वारा बैंक के ऋण की किश्तें नहीं चुकाई जा सकीं, जिसके परिणामस्वरूप इन बैंकों का अवधिपार ऋण लगभग 760 करोड़ रुपये हो गया। अब मुख्यमंत्री द्वारा एकमुश्त समझौता योजना लागू करने की घोषणा करते हुए इसके लिए 200 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित किया गया है, जिससे भूमि विकास बैंकों के ऋणों की वसूली आसान होगी और उनकी आर्थिक स्थिति सुधरेगी।
श्री दक ने कहा कि राज्य सरकार के ‘सुराज संकल्प’ में किसानों की भूमि नीलाम नहीं होने देने का प्रावधान है, जिसके अंतर्गत भूमि विकास बैंकों द्वारा वसूली के लिए की जाने वाली नीलामी कार्यवाही को भी स्थगित किया हुआ है। किसानों का यह वर्ग आशान्वित था कि राज्य सरकार उन्हें राहत देते हुए एकमुश्त समझौता योजना लागू करेगी। मुख्यमंत्री ने उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरते हुए वित्त एवं विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब देने के दौरान यह राहतभरी घोषणा की है।
पूरा मूलधन चुकाने पर शत-प्रतिशत ओवरड्यू ब्याज की माफी
सहकारिता मंत्री ने बताया कि इस घोषणा के तहत भूमि विकास बैंकों के 1 जुलाई, 2024 को अवधिपार हो चुके मध्यकालीन एवं दीर्घकालीन ऋण की मूल धन की 100 प्रतिशत राशि जमा करवाने पर अवधिपार ब्याज में 100 प्रतिशत की राहत दी जाएगी।
36 हजार से अधिक अवधिपार ऋणियों को मिलेगी राहत
सहकारिता मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री की इस घोषणा से प्रदेश के भूमि विकास बैंकों से जुड़े हुए 36,351 अवधिपार ऋणी सदस्यों को अवधिपार ब्याज में शत-प्रतिशत राहत का लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि इसके परिणामस्वरूप उक्त ऋणी सदस्यों को नवीन कृषि और अकृषि गतिविधियों के लिए राज्य सरकार की 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में ऋण दिया जाकर लाभान्वित किया जा सकेगा, जिससे उनका आर्थिक उन्नयन होगा और वे पुन: मुख्यधारा में लौटेंगे।
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