मुखपत्र

मंत्री ने मंत्री को अनुशंसा की, समानता के आधार पर केंद्रीय सहकारी बैंक कार्मिकों को 16वें वेतन समझौते का लाभ दिया जाये

राजस्व एवं उपनिवेशन राज्यमंत्री विजयसिंह ने सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक को लिखा पत्र

नागौर, 22 मई (मुखपत्र)। 16वें वेतन समझौते से वंचित सहकारी बैंक कार्मिकों की पीड़ा को समझते हुए, राजस्व, उपनिवेशन एवं सैनिक कल्याण राज्यमंत्री विजयसिंह ने सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक को पत्र लिखकर, समानता के आधार पर नागौर केंद्रीय सहकारी बैंक में 16वां वेतन समझौते का लाभ दिये जाने का आग्रह किया है।

ऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक एम्प्लॉइज यूनियन एवं ऑल राजस्थान कोऑपरेटिव बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन, नागौर यूनिट के अध्यक्ष प्रेमसुख पिचकिया से प्राप्त ज्ञापन का उल्लेख करते हुए राज्यमंत्री विजयसिंह ने सहकारिता मंत्री को बताया कि राज्य सरकार एवं सहकारिता विभाग द्वारा 6 अक्टूबर 2023 को 16वें वेतन समझौते की मंजूरी प्रदान की गयी थी, जिसके बाद से अब तक प्रदेश के 25 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (डीसीसीबी) में वेतन समझौते का लाभ दिया जा चुका है।

समझौता अवधि में एक वर्ष (2022-23) में नागौर केंद्रीय सहकारी बैंक घाटे में होने के कारण, 16वें वेतन समझौते का लाभ नहीं दिया जा रहा, जबकि 15वें वेतन समझौते की अवधि के दौरान, एक-एक साल घाटे में होने के बावजूद, गंगानगर और बारां बैंक को समझौते का लाभ दिया गया था।

3.33 करोड़ रुपये के संचित लाभ में है बैंक

इससे पूर्व, प्रेमसुख पिचकिया द्वारा सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) को ज्ञापन प्रस्तुत कर, ऐसी ही समान परिस्थितियों में गंगानगर और बारां बैंक में, 15वें वेतन समझौते का लाभ दिये जाने से अवगत कराते हुए, समानता के आधार पर नागौर सीसीबी कार्मिकों को 16वें वेतन समझौते से लाभान्वित किये जाने का आग्रह किया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि नागौर सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, वर्ष 2010-11 से 2023-24 तक (वर्ष 2022-23 को छोडक़र) लगातार लाभ में संचालित रहा और मार्च 2024 के अंकेक्षित लेखों के अनुसार बैंक का संचित लाभ 333.64 लाख रुपये है।

बैंक के पास कार्मिकों को वेतन समझौते का लाभ देने के लिए पर्याप्त राशि का प्रावधान है, लेकिन राज्य सरकार पर किसी प्रकार का कोई वित्तीय भार नहीं पडऩे के बावजूद, वित्त विभाग की नकारात्मक टिप्पणी के कारण, नागौर सीसीबी के कार्मिक वेतन समझौते के अपने वाजिब हक से वंचित हैं।

 

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