एसएलडीबी की वार्षिक आमसभा सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न, अध्यक्षों ने बुके भेंट कर नये प्रबंध निदेशक का किया स्वागत
जयपुर, 18 जनवरी (मुखपत्र)। अनुभव, अधिकारी की छवि और व्यवहार कुशलता, किस कदर माहौल को बदल देती है, शनिवार को नेहरू सहकार भवन के चतुर्थ तल पर स्थित सभागार में आयोजित राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड (SLDB) जयपुर की 60वीं वार्षिक आमसभा (AGM) में इसकी एक बानगी देखने को मिली। मात्र एक महीना पहले, प्रदेश के विभिन्न प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक (PLDB) के अध्यक्ष रोष व्यक्त करते हुए और विरोध का झण्डा लहराते हुए एसएलडीबी की एजीएम का बहिष्कार कर गये थे, वे अध्यक्ष शनिवार को अधिकारियों को बुके भेंट कर उनका वेलकम करते नजर आये।
राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के दूसरी बार प्रबंध निदेशक बनाये गये राज्य सहकारिता सेवा के वरिष्ठ अधिकारी जितेंद्र प्रसाद शर्मा के व्यक्तित्व का जलवा ही था कि एक या दो अध्यक्ष नहीं, बल्कि आमसभा में उपस्थित समस्त पीएलडीबी अध्यक्षों ने बुके भेंट कर, जितेंद्र प्रसाद का गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके साथ महाप्रबंधक उषा कपूर सत्संगी, अतिरिक्त रजिस्ट्रार का भी स्वागत किया गया। अध्यक्षों ने प्रशासक के रूप में अपनी अंतिम वार्षिक आमसभा में उपस्थित, बैंक की प्रशासक (एडिशनल रजिस्ट्रार-द्वितीय) शोभिता शर्मा को शॉल ओढ़ाकर एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर, ऐच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) उपरांत उज्ज्वल भविष्य की कामना की। शोभिता शर्मा अगले सप्ताह वीआरएस ले रही हैं। एक महीने पहले, 60वीं एजीएम के दौरान यही अध्यक्ष, बैंक प्रबंधन की बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे और कार्यवाहक प्रबंध निदेशक अजय उपाध्याय द्वारा अनुनय-विनय किये जाने और वैधानिक अनिवार्यता की जानकारी दिये जाने के बावजूद एजीएम का बहिष्कार कर गये थे।
पिछली एजीएम से लेकर शनिवार तक, इस एक महीने के दौरान प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के उन मुद्दों/मांगों पर क्या प्रगति हुई, जिन्हें लेकर अध्यक्षों द्वारा एजीएम का बहिष्कार किया गया था, यह तो पता नहीं, लेकिन मात्र मात्र दो दिन पहले ही, राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक में दूसरी बार, प्रबंध निदेशक का पदभार सम्भालने वाले, जितेंद्र प्रसाद के करिश्माई नेतृत्व की बदौलत, 18 जनवरी 2025 को आयोजित वार्षिक आमसभा सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई। अध्यक्षों ने न केवल आमसभा, बल्कि राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के संचालन और पीएलडीबी-एसएलडीबी की वित्तीय मजबूती के लिए बैंक प्रबंधन को हरसंभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया।
स्वागत-सत्कार उपरांत प्रबंध निदेशक जितेंद्र प्रसाद ने एजेंडावार कार्यवाही आरम्भ की। सदन द्वारा सभी एजेंडों का सर्वसम्मति से अनुमोदन किया गया। इनमें गत आमसभा की कार्यवाही की पुष्टि, बैंक की गत ऑडिट अनुपालना की पुष्टि, बैंक के वर्ष 2023-24 के आय-व्यय एवं अंतिम लेखों की पुष्टि, आगामी वर्ष के बजट का अनुमोदन और वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित 250 करोड़ रुपये के ऋण वितरण कार्यक्रम का अनुमोदन आदि एजेंडा शामिल हैं।
अन्य विषयों के तहत विभिन्न भूमि विकास बैंक अध्यक्षों द्वारा प्रदेश की दीर्घकालीन सहकारी साख संरचना में सुधार के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव एवं मांगें सदन के समक्ष प्रस्तुत की गयी। सदस्यों ने राज्य सरकार द्वारा किसानों का सम्पूर्ण अवधिपार ब्याज क़ी राहत के प्रावधान सहित एकमुशत समझौता योजना अविलम्ब लागू करने, अवधिपार एवं एनपीए ऋणों की वसूली के लिए कृषि भूमि की नीलामी पर लगायी गयी रोक तुरंत हटाने, भूमि विकास बैंकों में कार्मिकों के रिक्त पदों पर तत्काल भर्ती प्रक्रिया आरम्भ करने, जिसमें इन बैंकों में पहले से कार्यरत संविदा कर्मियों एवं जिले के निवासियों को प्राथमिकता दी जाये, राज्य सरकार की बजट घोषणानुसार सभी बैंकों को ऋण वितरण के लक्ष्य अविलम्ब आवंटित करने, नाबार्ड द्वारा पर्याप्त मात्रा में रिफाइनेंस उपलब्ध करवाने और ऋण असंतुलन के कारण बैंकों क़ी निरंतर कमजोर होती स्थिति पर अंकुश लगाने के लिये फौरी कदम उठाने की मांग की गयी।
प्रबंध निदेशक ने सम्बोधन में कहा कि वे सहकारी भूमि विकास बैंकों की आर्थिक सुदृढ़ता, ओटीएस सहित बैंक अध्यक्षों की अन्य मांगों के अतिशीघ्र समाधान के लिए पुरजोर कोशिश करेंगे। एसएलडीबी-पीएलडीबी के रिवाइवल के लिए उन्होंने अध्यक्षों से सहयोग की अपेक्षा की।
आमसभा क़ी कार्यवाही पूर्ण होने के बाद, सहकारी वर्ष 2023-24 के दौरान वसूली में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बैंकों – चित्तौडग़ढ़ पीएलडीबी को प्रथम, बीकानेर पीएलडीबी को द्वितीय एवं नागौर पीएलडीबी को तृतीय स्थान प्राप्त करने पर, इनके अध्यक्ष एवं सचिव को ट्रॉफी और सर्टिफिकेट देकर सम्माननीत किया गया। एजीएम का मंच संचालन भँवरलाल, उपमहाप्रबंधक (पीएंडडी) ने किया।
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