राष्ट्रीयसहकारिता

कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों एवं सहकारिता रजिस्ट्रार कार्यालयों की कंप्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ 30 जनवरी को अमित शाह करेंगे

नई दिल्ली, 28 जनवरी। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह 30 जनवरी को नई दिल्ली में कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (एआरडीबी) और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) कार्यालयों की कंप्यूटरीकरण परियोजना का शुभारंभ करेंगे। यह कार्यक्रम सहकारिता मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

कम्प्यूटरीकरण परियोजना के तहत 13 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में स्थित कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों की 1851 इकाइयों को कम्प्यूटरीकृत करने और उन्हें एक कॉमन नेशनल सॉफ्टवेयर के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता मंत्रालय की यह पहल कॉमन एकाउंटेंसी सिस्टम (सीएएस) और मैनेजमेंट इर्न्फोमेशन सिस्टम (एमईएस) के माध्यम से व्यावसायिक प्रक्रियाओं को मानकीकृत कर एआरडीबी में परिचालन दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता को बढ़ाने का काम करेगी। इसके अलावा, इस पहल का उद्देश्य लेन-देन की लागत को कम करना, किसानों को ऋण वितरण में सुविधा प्रदान करना और योजनाओं की बेहतर निगरानी एवं और आंकलन के लिए रियल टाइम डेटा एक्सेस को सक्षम करना है। इस दक्षता से उन छोटे और सीमांत किसानों को लाभ होगा, जो जमीनी स्तर पर पैक्स के माध्यम से ऋण और सम्बंधित सेवाओं के लिए कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों से जुड़े हुए हैं।

आरसीएस कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण

केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय की दूसरी प्रमुख पहल के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार (आरसीएस) के कार्यालयों का कम्प्यूटरीकरण, आरसीएस कार्यालयों को पेपरलैस कामकाज के लिए प्रेरित करना, राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारी अधिनियम और नियमों के अनुरूप आईटी-उन्मुख कार्यप्रवाह को लागू करने का लक्ष्य है। इसके साथ ही आरसीएस कार्यालयों में बेहतर दक्षता, जवाबदेही और पारदर्शिता, विश्लेषणात्मक एवं प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) स्थापित करना और राष्ट्रीय डेटाबेस के साथ जुड़ाव सुनिश्चित करना भी इसके लक्ष्यों में शामिल है।

शासन सचिव और रजिस्ट्रार शामिल होंगेे

मंगलवार के कार्यक्रम में 1200 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे, जिनमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उच्चाधिकारी, सहकारिता विभागों के सचिव और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, सभी राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंकों के अध्यक्ष, प्राथमिक सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंकों और एआरडीबी की इकाइयों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

 

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