सहकारी बैंकों और साख समितियों में राष्ट्रीय लेखापरीक्षा मानकों के अनुरूप लेखापरीक्षा पद्धति में संशोधन की तैयारी
तिरुवनंतपुरम, 16 अक्टूबर। केरल राज्य में सहकारी बैंक और साख समितियां राष्ट्रीय लेखापरीक्षा मानक के अनुरूप अपनी लेखापरीक्षा पद्धति में संशोधन करने जा रही हैं। इन परिवर्तनों को समायोजित करने के लिए केरल की 50 साल पुरानी सहकारी लेखापरीक्षा नियमावली में संशोधन किया जाएगा। यह अनुमान है कि समय पर समायोजन लागू करने से घाटे में कमी आएगी। इस प्रस्ताव में सहकारी बैंकों में “एनपीए” (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) पर आधारित लेखापरीक्षा पद्धति शुरू करना शामिल है, जो भारतीय रिजर्व बैंक के नियंत्रण में वित्तीय संस्थानों में उपयोग की जाने वाली पद्धति के समान है।
यह ध्यान देने योग्य है कि केरल को छोडक़र सभी राज्य एनपीए मानदंडों के आधार पर लेखापरीक्षा करते हैं। एनपीए पद्धति के अनुसार, केवल 90 दिनों से अधिक समय से बकाया ऋणों के लिए सम्बंधित ब्याज रिटर्न के साथ एक आरक्षित राशि अलग रखी जानी चाहिए। केरल लेखापरीक्षा के दौरान “खराब और संदिग्ध ऋण” मानदंडों का पालन करता रहा है और केरल स्थित सहकारी समितियों में एनपीए (NPA) पद्धति में छूट का अभाव है। परिणामस्वरूप, विभिन्न समितियों को पर्याप्त आरक्षित राशि अलग रखने की आवश्यकता होगी, जिससे वित्तीय घाटा हो सकता है। इसके अलावा, केरल में सहकारिता विभाग के लेखा परीक्षकों के पास कार्यपत्रक और लेखापरीक्षा कार्यक्रम तैयार करने के लिए कोई मानकीकृत पद्धति नहीं है। यह प्रस्ताव है कि इन्हें नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) द्वारा अपनाए गए लेखापरीक्षा मानकों के अनुसार संशोधित किया जाए।
तिरुवनंतपुरम, 16 अक्टूबर। केरल राज्य में सहकारी बैंक और साख समितियां राष्ट्रीय लेखापरीक्षा मानकों के अनुसार अपनी लेखापरीक्षा पद्धति में संशोधन करने जा रही हैं। इन परिवर्तनों को समायोजित करने के लिए केरल की 50 साल पुरानी सहकारी लेखापरीक्षा नियमावली में संशोधन किया जाएगा। यह अनुमान है कि समय पर समायोजन लागू करने से घाटे में कमी आएगी। इस प्रस्ताव में सहकारी बैंकों में “एनपीए” (गैर-निष्पादित परिसंपत्ति) पर आधारित लेखापरीक्षा पद्धति शुरू करना शामिल है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियंत्रण में वित्तीय संस्थानों में उपयोग की जाने वाली पद्धति के समान है।