राष्ट्रीयसहकारिता

नैनो डीएपी और नैनो यूरिया पर किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान मिलेगा

नई दिल्ली, 6 जुलाई। दानेदार रासायनिक उर्वरक (यूरिया एवं डीएपी) के उपयोग को हतोत्साहित करने के लिए देश की सबसे बड़ी उर्वरक उत्पादक सहकारी संस्था “इफको” द्वारा विकसित नैनो उर्वरकों (तरल) को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकारें आगे आने लगी हैं। शनिवार को गुजरात के गांधीनगर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस कार्यक्रम में राज्य सरकार ने नैनो यूरिया और नैनो-डीएपी पर 50 प्रतिशत सब्सिडी देने की घोषणा की।

कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कार्यक्रम में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज सहकारिता क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों कार्यकर्ताओं के लिए कई प्रकार से एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है। तीन साल पहले, 2021 में आज ही के दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक स्वतंत्र सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की थी।

शाह ने कहा कि गुजरात सरकार ने एक बहुत महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की घोषणा की है। उन्होंने इस निर्णय के लिए गुजरात सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा कि किसान जब एक बार नैनो.यूरिया का छिडक़ाव करते हैं तो फिर बाद में उन्हें थैली से यूरिया डालने की ज़रूरत नहीं है। खेत में नैनो-यूरिया और नैनो-डीएपी का छिडक़ाव अधिक उत्पादन के लिए पर्याप्त है।

क्या है नैनो लिक्विड यूरिया

नैनो यूरिया तरल का अविष्कार इफको द्वारा किया गया है। यह नैनो कण के रूप में यूरिया का एक प्रकार है। यह यूरिया के परंपरागत विकल्प के रूप में पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करने वाला एक पोषक तत्त्व (तरल) है। यूरिया सफेद रंग का एक रासायनिक नाइट्रोजन उर्वरक है, जो कृत्रिम रूप से नाइट्रोजन प्रदान करता है तथा पौधों के लिये एक आवश्यक प्रमुख पोषक तत्त्व है। नैनो यूरिया को पारम्परिक (दानेदार) यूरिया के स्थान पर विकसित किया गया है और यह पारम्परिक यूरिया की आवश्यकता को न्यूनतम 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसकी 500 मिलीलीटर की एक बोतल में 40,000 मिलीग्राम/लीटर नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग/बोरी के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्त्व प्रदान करेगा।

क्या है नैनो लिक्विड यूरिया

नैनो यूरिया तरल का अविष्कार इफको द्वारा किया गया है। यह नैनो कण के रूप में यूरिया का एक प्रकार है। यह यूरिया के परंपरागत विकल्प के रूप में पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करने वाला एक पोषक तत्त्व (तरल) है। यूरिया सफेद रंग का एक रासायनिक नाइट्रोजन उर्वरक है, जो कृत्रिम रूप से नाइट्रोजन प्रदान करता है तथा पौधों के लिये एक आवश्यक प्रमुख पोषक तत्त्व है। नैनो यूरिया को पारम्परिक (दानेदार) यूरिया के स्थान पर विकसित किया गया है और यह पारम्परिक यूरिया की आवश्यकता को न्यूनतम 50 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इसकी 500 मिलीलीटर की एक बोतल में 40,000 मिलीग्राम/लीटर नाइट्रोजन होता है, जो सामान्य यूरिया के एक बैग/बोरी के बराबर नाइट्रोजन पोषक तत्त्व प्रदान करेगा।

नैनो यूरिया के लाभ

इफको के अनुसार नैनो यूरिया के निम्नलिखित लाभ हैं –
– नैनो यूरिया फसल में नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करता है।
– फसल और पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया को बढ़ाता है।
– फसल उत्पादन में वृद्धि करता है।
– फसल में खाद की लागत को कम करके किसानों की आय में वृद्धि करता है।
– नैनो यूरिया फसलों की गुणवत्ता में सुधार करता है।
– यह मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता को बचाने में मदद करता है।
– नैनो यूरिया भूमिगत जल की गुणवत्ता सुधारने में मदद करता है।
– इसका परिवहन और भंडारण का खर्च कम होता है।
– ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अहम भूमिका निभाता है।

जानिये क्या है नैनो डीएपी और इसके लाभ

इफको नैनो डीएपी एक नैनोटेक्नॉलेजी आधारित क्रांतिकारी फर्टिलाइजऱ इनपुट हैं, जो पौधो को नाइट्रोजन एंव फास्फोरस प्रदान करता हैं। नैनो डीएपी लिक्विड जब पौधों पर डाला जाता है, तो यह तत्काल पौधों की आवश्यकता अनुसार नाइट्रोजन एंव फास्फोरस की कमी को पूरा करता हैं। यह पौधों में स्त्रोत छिद्र संबंध को मजबूत करता है, एंजाइमेटिक, ऊर्जा (एडीपी-एटीपी) और प्रोटीन आत्मसात करने के पथ को पुष्ट करता है। इससे क्लोरफिल चार्जिंग होती है, रूट अनुपात में सुधार होता है, उच्च बायोमास होता है और मिट्टी के माइक्रोब की गतिविधि और जड़ों की गतिविधि को सुधारता हुआ अन्य पोषक तत्वों की बेहतर उपलब्धता प्राप्त होती हैं।

नैनो डीएपी के लाभ

इफको द्वारा बताये गये नैनो डीएपी के लाभ इस प्रकार हैं-
– उच्च फसल उपज होती है।
– गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त होती है।
– रासायनिक उर्वरक उपयोग में कमी आती है।
– पर्यावरण के अनुकूल है।
– छोटी बोतल रखरखाव और परिवहन में आसान रहती है।

 

 

error: Content is protected !!