अमानत में खयानत के दो मामलों में केंद्रीय सहकारी बैंक के दो शाखा प्रबंधक और एक बैंकिंग सहायक निलम्बित
श्रीगंगानगर, 16 अक्टूबर। श्रीगंगानगर और अनूपगढ़ जिले में एक लाख से अधिक किसानों की फसलें जरूरतें पूरी करने के लिए कर्ज के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने वाले दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक में बाड़ ही खेत को खाने लगी है। पर्यवेक्षण में गंभीर चूक और सोसाइटियों के निरीक्षण में घोर लापरवाही के चलते बैंक क्षेत्र की दो बड़ी सोसाइटियों – सूरतगढ़ शाखा अंतर्गत जानकीदासवाला ग्राम सेवा सहकारी समिति और जैतसर शाखा क्षेत्र की 2 जीबीए ग्राम सेवा सहकारी समिति में हुए करोड़ों रुपये के गबन और वित्तीय अनियमितता के बीच, बैंक के स्टाफ द्वारा ही अमानत में खयानत के दो गंभीर मामले सामने आये हैं, जिसके बाद, बैंक प्रबंधन ने अनुशासनात्मक कार्यवाही करते हुए दो शाखा प्रबंधकों और एक बैंकिंग सहायक को निलम्बित कर दिया है।
प्रकरण – 1
देरी से प्राप्त सूचना के अनुसार, बैंक की नेतेवाला शाखा में आकस्मिक निरीक्षण के दौरान 26 सितम्बर 2024 को पौने पांच लाख रुपये कैश शॉर्ट पाया गया। प्रधान कार्यालय के सीनियर मैनेजर महेंद्र प्रताप ज्याणी और बैंकिंग सहायक विनोद कताला की टीम ने आकस्मिक निरीक्षण के दौरान कैश कम पाये जाने की रिपोर्ट प्रबंध निदेशक को सौंपी, जिस पर कैशियर रवि बिश्नोई और शाखा प्रबंधक राजकुमार कुशवाहा को निलम्बित कर दिया गया, हालांकि बैंक प्रबंधन द्वारा दोनों के निलम्बन आदेश किसी शाखा में नहीं भेजे गये। कुछ दिन के अंतराल पर 1 अक्टूबर 2024 को जब बैंक प्रबंधन द्वारा दोनों निलम्बित कार्मिकों के एम.ए.एस. कोड के तहत लेन-देन से सम्बंधित हस्ताक्षरों पर अस्थायी रोक लगायी गयी और उस आदेश की प्रति अपेक्स बैंक सहित अन्य केंद्रीय सहकारी बैंकों एवं समस्त शाखाओं को भेजी गयी, तब यह प्रकरण अन्यकार्मिकों की जानकारी में आया। हालांकि, इससे पहले, दोषी कैशियर से कम राशि की वसूली कर, कैश पूरा कर लिया गया। इसके बाद, लालगढ़ शाखा से बैंकिंग सहायक संजय गर्ग को नेतेवाला शाखा प्रबंधक और सुखाडिय़ा सर्किल से बैंकिंग सहायक राजपाल सहारण को कैशियर के पद पर लगाया गया।
प्रकरण – 2
इसी प्रकार, गंभीर प्रवृत्ति के एक अन्य प्रकरण में केसरीसिंहपुर शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थापित, बैंकिंग सहायक ऋषिराज डूडी को 21 सितम्बर 2024 को निलम्बित किया गया। डूडी द्वारा अपने व्यक्तिगत साख सीमा खाते में स्वीकृति राशि से अधिक राशि की निकासी करने पर यह कार्यवाही की गयी। बैंक प्रबंधन के अनुसार, ऋषिराज डूडी को कुछ सप्ताह पूर्व ही, प्रधान कार्यालय से स्थानांतरित कर, केसरीसिंहपुर शाखा में कार्यवाहक ब्रांच मैनेजर लगाया गया था। डूडी की स्टाफ लिमिट 10 लाख रुपये थी, लेकिन उन्होंने सक्षम स्तर से स्वीकृति लिये बिना, अनाधिकृत रूप से 12 लाख 50 हजार रुपये की निकासी कर ली। प्रधान कार्यालय के सितम्बर माह का वेतन बनाये जाने के दौरान जब यह मामला पकड़ में आया तो प्रबंध निदेशक संजय गर्ग ने इसे गंभीरता से लेते हुए, निलम्बित कर दिया और डूडी के स्थान पर, केसरीसिंहपुर ब्रांच में बलदेव सिंह को कार्यवाहक शाखा प्रबंधक की जिम्मेदारी दी गयी है। बैंक प्रबंधन द्वारा 25 सितम्बर को एक अन्य आदेश जारी कर, ऋषिराज डूडी के एम.ए.एस. कोड के तहत लेन-देन से सम्बंधित हस्ताक्षरों पर अस्थायी रोक लगायी गयी।