राज्यसहकारिता

ओम रोझ को फिलहाल राहत नहीं, उच्च न्यायालय में याचिका पर एक सप्ताह के लिए सुनवाई टली

ओमप्रकाश रोझ

श्रीगंगानगर, 5 जुलाई (मुखपत्र)। राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के धाकड़ नेताओं में शुमार, रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के सेवानिवृत्त व्यवस्थापक ओमप्रकाश रोझ ने अभी हार नहीं मानी है। इस जुझारू नेता ने अपनी सेवा समाप्त करने के सोसाइटी अध्यक्ष के आदेश के विरोध में राजस्थान हाईकोर्ट की शरण ली है, हालांकि फिलहाल उसे उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है।

रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति लि. के अध्यक्ष ने गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रबंधन से प्राप्त नोटिस के आधार पर, रोझ की सेवा समाप्त कर दी थी। रोझ को अपनी अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने पर 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्त होना था, लेकिन दिनांक 29.07.2022 को सोसाइटी की तात्कालिन प्रबंध समिति द्वारा पारित एक अवैधानिक प्रस्ताव की आड़ में रोझ ने 31 जनवरी के पश्चात भी समिति में मुख्य कार्यकारी के पद पर सेवाएं जारी रखी और वही वेतन-भत्ते व सुविधाएं प्राप्त की, जो एक सामान्य कर्मचारी नौकरी के दौरान प्राप्त करने का हकदार होता है।

रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर के एक परिपत्र के अनुसार, एक सेवानिवृत्त व्यवस्थापक अपनी सेवानिवृत्ति के उपरांत अधिकतम पांच साल की अवधि तक सोसाइटी में संविदा कर्मचारी के रूप में अपनी सेवा दे सकता है, जिसके लिए वह कर्मचारी रजिस्ट्रार द्वारा निर्धारित वेतन ही प्राप्त कर सकता है, लेकिन रोझ ने पूर्णवेतन के साथ मुख्य कार्यकारी के रूप में अपनी सेवा जारी रखी।

एक सप्ताह के लिए सुनवाई टली

बैंक प्रबंधन द्वारा जारी किये गये नोटिस के आधार पर सोसाइटी अध्यक्ष जितेंद्रपाल सिंह संधू ने 13 जून 2023 को ओमप्रकाश रोझ की सेवाएं समाप्त कर दी थी। रोझ ने दिनांक 29.07.2022 के प्रस्ताव के आधार पर अपनी सेवा समाप्ति के सोसाइटी अध्यक्ष के आदेश को राजस्थान उच्च न्यायायल, जोधपुर में चुनौती दी है। यह याचिका 22 जून 2023 को दायर की गयी थी, जिस पर आज 4 जुलाई को सुनवाई होनी थी। अब इस याचिका पर 11 जुलाई 2023 को सुनवाई होगी।

उप रजिस्ट्रार ने अपखंडित कर दिया है प्रस्ताव

हालांकि, इस बीच, उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीगंगानगर ने रतनपुरा जीएसएसएस की पुरानी प्रबंध कार्यकारिणी के 29.07.2022 के उस प्रस्ताव को भी अपखंडित कर दिया है, जिसके आधार पर, रोझ उच्च न्यायालय से राहत पाने की उम्मीद लगाये हुए हैं। अब यह दावा किया जा रहा है कि दिनांक 29.07.2022 को पारित प्रबंध कार्यकारिणी के प्रस्ताव को उप रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, श्रीगंगानगर द्वारा अनुमोदित किया गया था, इसलिए उसे अपखंडित करने का अधिकार उप रजिस्ट्रार के पास नहीं है। इस प्रस्ताव को खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, खंड बीकानेर ही अपखंडित कर सकते हैं।

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