नाबार्ड द्वारा राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक को 60 करोड़ रुपये का पुनर्वित्त जारी
जयपुर, 27 जनवरी (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां श्रीमती मंजू राजपाल के असाधारण प्रयास और अतिरिक्त रजिस्ट्रार जितेंद्र प्रसाद शर्मा की सतत सक्रियता की बदौलत नाबार्ड (NABARD) द्वारा राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक लिमिटेड (एसएलडीबी) के पक्ष में 60 करोड़ रुपये का पुनर्वित्त जारी किया गया है। यह राशि विगत करीब 6 माह से लम्बित थी। साथ ही, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) कर्ज लेना अब पहले से सस्ता हो गया है।
श्रीमती मंजू राजपाल ने बताया कि राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक को नाबार्ड से पुनर्वित्त जारी होने से किसानों को दीर्घकालीन साख संरचना के तहत कम ब्याज दर पर ऋण वितरण किया जाना आसान होगा।
एनसीडीसी से अब कर्ज लेना हुआ सस्ता
श्रीमती राजपाल ने बताया कि राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) ने राजस्थान राज्य सहकारी भूमि विकास बैंक के लिए दीर्घावधि सावधि ऋण की ब्याज दर 10.07 प्रतिशत से घटाकर 9.50 प्रतिशत कर दी है। एनसीडीसी द्वारा ब्याज दर घटाये जाने से प्रदेश में दीर्घकालीन साख संरचना सुदृढ़ होगी।
अल्पअवधि में छोड़ी कार्यशैली की छाप
उल्लेखनीय है कि एसएलडीबी के प्रबंध निदेशक पद पर नियोजन के मात्र दो सप्ताह में जितेंद्र प्रसाद शर्मा अपनी सकारात्मक कार्यशैली की छाप छोडऩे में सफल रहे हैं। कार्यभार संभालने के अगले ही दिन, पुनर्वित्त के लिए नाबार्ड के अधिकारियों के साथ बैठक की, दूसरे ही दिन एसएलडीबी की वार्षिक आमसभा का सफल आयोजन करवाया, जो एक माह पहले हंगामे की भेंट चढ़ गयी थी। इसके अलावा भूमि विकास बैंकों के सचिवों के साथ वर्चुअल माध्यम से सम्पर्क स्थापित कर, ऋण वितरण के प्रवाह पर विस्तृत चर्चा कर चुके हैं। अब उनका पूरा ध्यान, ऋण एकमुश्त समझौता योजना पर केंद्रीत है, जिसके तहत राज्य सरकार से आर्थिक सहयोग प्राप्त करने के लिए पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं। गौरतलब है कि दीर्घकालीन सैक्टर के लिए अब तक जितनी भी बार, एकमुश्त समझौता योजना लागू की गयी है, तो उसमें ऋणी किसान को दिये जाने वाली राहत का भार सहकारी भूमि विकास बैंकों ने ही वहन किया है।