किसान हित में मोदी सरकार के तीन बड़े फैसले, सोयाबीन, मूंगफली, बासमती चावल और प्याज उत्पादक किसानों को होगा आर्थिक लाभ
नई दिल्ली, 14 सितम्बर। मोदी सरकार ने किसान हित में तीन बड़े फैसले लेते हुए सोयाबीन, मूंगफली, बासमती चावल और प्याज उत्पादक किसानों को बड़ी राहत देने का प्रयास किया है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि मोदी सरकार ने किसानों के हित में निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत कर दिया है। अन्य उपकरणों को जोडऩे पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5 प्रतिशत हो जाएगा। इस कदम से सभी तिलहन किसानों, विशेषकर सोयाबीन और मूँगफली के किसानों को अच्छे भाव मिलेंगे, जिनकी फसल अभी बाज़ार में आने वाली है। साथ ही रबी में तिलहन की बुवाई में बढ़ोतरी होगी और सरसों की फसल के भी अच्छे दाम मिल पायेंगे। इस निर्णय से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा और उसका निर्यात हो सकेगा। साथ ही, सोया से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा।
श्री चौहान ने बताया कि मोदी सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय भी लिया है। निर्यात शुल्क के हट जाने से बासमती उत्पादक किसानों को अपनी उपज के ठीक दाम मिलेंगे और बासमती चावल की मांग बढऩे के साथ ही निर्यात में भी वृद्धि होगी। सरकार ने रिफाइन ऑयल के लिए मूल शुल्क (बेसिक ड्यूटी) को 32.5 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढेगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात शुल्क को 40 प्रतिशत से कम कर 20 प्रतिशत कर दिया है। निर्यात शुल्क के कम हो जाने से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा। सरकार के इस निर्णय से किसानों के साथ प्याज से जुड़े अन्य क्षेत्रों को भी सीधा लाभ मिलेगा।