राज्यसहकारिता

ब्याजमुक्त सहकारी फसली ऋण वितरण योजना – केंद्रीय सहकारी बैंकों को ब्याज अनुदान की एक और किश्त मिली

जयपुर, 26 नवम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने ब्याजमुक्त अल्पकालीन फसली ऋण वितरण एवं वसूली की एवज में जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) को देय ब्याज अनुदान की एक और किश्त जारी कर दी है। सरकार की ओर से किसानों को शून्य ब्याज दर पर फसली ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बजट घोषणा के तहत 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान जारी किया जाता है, जिसमें से 2 प्रतिशत राशि ग्राम सेवा सहकारी समितियों (PACS) को मिलती है।

राज्य सरकार की ओर से प्राप्त अधिकृत जानकारी के अनुसार, ब्याज अनुदान के रूप में 60 करोड़ रुपये की एक और किश्त जारी की गयी है, जो 14 नवम्बर 2024 को कोष कार्यालय द्वारा सीधे ही सम्बंधित जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के चालू खाते में जमा करवा दी गयी। यह ब्याज अनुदान, 31 अगस्त 2023 तक प्राप्त वसूली की एवज में बैंकों से प्राप्त क्लेम प्रस्तावों के अनुरूप जारी किया गया है।

सरकार से ब्याज अनुदान जारी किये जाने की अधिकृत सूचना मिलने के उपरांत अपेक्स बैंक की ओर से 18 नवम्बर 2024 को समस्त केंद्रीय सहकारी बैंकों को पत्र प्रेषित कर, प्राप्त राशि में से 2 प्रतिशत राशि अविलम्ब ग्राम सेवा सहकारी समितियों के खातों में ट्रांसफर करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है, हालांकि कतिपय बैंकों द्वारा ब्याज अनुदान प्राप्त होने के करीब 12 दिन बाद भी, ग्राम सेवा सहकारी समितियों को उनके हिस्से की 2 प्रतिशत राशि जारी नहीं की गयी।

डीसीसीबी वाइज प्राप्त राशि

डीसीसीबी अजमेर को 1 करोड़ 63 लाख रुपये, अलवर को 2 करोड़ 52 लाख, बांसवाड़ा को 93 लाख 98 हजार, बारां को 1 करोड़ 26 लाख, बाड़मेर को 2 करोड़ 87 लाख, भरतपुर को 1 करोड़ 6 लाख, भीलवाड़ा को 3 करोड़ 23 लाख, बीकानेर को 2 करोड़ 29 लाख, बूंदी को 1 करोड़ 42 लाख, चित्तौडगढ़ को 2 करोड़ 81 लाख, चूरू को 1 करोड़ 32 लाख, दौसा को 1 करोड़ 27 लाख, डूंगरपुर को 40 लाख 76 हजार, हनुमानगढ़ को 3 करोड़ 31 लाख और जयपुर को सर्वाधिक 4 करोड़ 9 लाख रुपये मिले हैं।

इसी प्रकार, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक जैसलमेर को 1 करोड़ 42 लाख रुपये, जालौर को 1 करोड 84 लाख, झालावाड़ को 2 करोड़ 43 लाख, झुंझुनूं को 1 करोड़ 91 लाख, जोधपुर को 2 करोड़ 72 लाख, कोटा को 2 करोड़ 47 लाख, नागौर को 1 करोड़ 90 लाख, पाली को 2 करोड़ 30 लाख, सवाईमाधोपुर को 1 करोड़ 68 लाख, सीकर को 2 करोड़ 75 लाख, सिरोही को 74 लाख, श्रीगंगानगर को 2 करोड़ 98 लाख, टोंक को 1 करोड़ 45 लाख और उदयपुर को 1 करोड़ 86 लाख रुपये ब्याज अनुदान के रूप में मिले हैं। इसमें से आधी राशि ग्राम सेवा सहकारी समितियों को पास-ऑन की जानी है।

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