राज्यसहकारिता

कानून में संशोधन कर सहकारिता विभाग में रजिस्टर्ड संस्थाओं को सूचना देने के लिए बाध्य किया जाएगा – आंजना

जयपुर, 13 मार्च (मुखपत्र)। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने सोमवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में पंजीकृत संस्थाओं को नियमानुसार लेखे एवं अन्य जानकारी दर्ज कराने के लिए बाध्य किया जाएगा। इस सम्बंध में वर्तमान कानून में संशोधन की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

श्री आंजना ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि राज्य में 2 लाख 60 हजार तथा जयपुर में 58 हजार संस्थाएं पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि सोसायटी के लेखे एवं अन्य जानकारियां रजिस्ट्रार को नहीं देने पर प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के यहां आवेदन किया जा सकता है। जानकारी नहीं देने पर 500 रुपये के जुर्माने का भी प्रावधान है। उन्होंने बताया कि कानूनी बाध्यता नहीं होने के कारण ऐसी सोसाइटियों द्वारा सूचना नहीं दी जाती है तथा उन्हें इसके लिए बाध्य भी नहीं किया जा सकता है।

विधायक लाहोटी ने उठाया था सवाल

इससे पहले सहकारिता मंत्री ने विधायक अशोक लाहोटी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में कहा कि जयपुर शहर में स्थित नीरजा मोदी स्कूल मानसरोवर, महाराजा सवाई मानसिंह विद्यालय, सवाई रामसिंह रोड एवं आई.आई.एस. इन्टरनेशनल स्कूल, राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रीकरण एक्ट (1958) के तहत पंजीकृत संस्था क्रमश: श्री मोदी शिक्षण संस्थान, शिप्रा पथ, मानसरोवर, सवाई मानसिंह शिल्पकला मंदिर सोसायटी, जयपुर एवं इंडियन काउन्सिल फॉर इंटरनेशनल एमिटी जयपुर द्वारा संचालित है।

उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग से प्राप्त सूचनानुसार जयपुर शहर में स्थित कैम्ब्रिज कोर्ट हाई स्कूल एवं वर्ल्ड स्कूल राजस्थान सावर्जनीन प्रन्यास अधिनियम 1959 के तहत पंजीकृत कृष्ण योगाश्रम ट्रस्ट द्वारा संचालित है। इसके अतिरिक्त रुक्मणी बिरला मॉर्डन हाई स्कूल दुर्गापुरा, न तो राजस्थान सोसायटी रजिस्ट्रीकरण एक्ट (1958) एवं न ही राजस्थान सार्वजनिक प्रन्यास अधिनियम 1959 के तहत पंजीकृत है।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि इन संस्थाओं के उपनियमों में सदस्य बनाये जाने के प्रावधान है। उन्होंने सोसाइटियों से प्राप्त उपनियमों की प्रतियां सदन के पटल पर रखी। उन्होंने सोसाइटियों व ट्रस्ट से प्राप्त सूचनानुसार विगत तीन वर्ष में उक्त संस्थाओं में नियुक्त किये गये सदस्यों की सूचना भी सदन के पटल पर रखी।

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