पैक्स मैनेजर की सेवानिवृत्ति पर हाईकोर्ट का स्थगन, समिति ने रिटायर्डमेंट के बाद पांच साल सेवा विस्तार का प्रस्ताव पारित किया था
जोधपुर, 31 जुलाई (मुखपत्र) । जोधपुर उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के व्यवस्थापक को सेवानिवृत्ति उपरांत सेवा विस्तार दिये जाने के समिति प्रस्ताव पर सुनवाई करते हुए, सेवानिवृत्ति की दिनांक को व्यवस्थापक को सेवानिवृत्ति किये जाने के विरुद्ध स्थगनादेश जारी किया है। यह मामला श्रीगंगानगर जिले की उड़सर ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड का है, जो कि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की रिडमलसर शाखा के कार्यक्षेत्र में है।
उड़सर सोसाइटी के व्यवस्थापक साहबराम को अधिवार्षिकी आयु पूर्ण 31 जुलाई 2023 को सेवानिवृत्ति होना था। समिति ने 11 जुलाई 2023 को साहबराम को सेवानिवृत्ति उपरांत 5 साल का सेवा विस्तार देने का एक प्रस्ताव पारित करते हुए बैंक को अनुमोदन केे लिए प्रस्तुत किया। इस पर बैंक के प्रबंध निदेशक संजय गर्ग ने प्रस्ताव के खारिज करते हुए साहबराम को निर्धारित तिथि पर सेवानिवृत्त करने और स्क्रीनिंग प्रक्रिया के माध्यम से चयनित व्यवस्थापक, जो नजदीक की किसी अन्य समिति में कार्यरत हो, को चार्ज देने का निर्देश देते हुए सोसाइटी अध्यक्ष को पत्र लिखा।
समिति अध्यक्ष ने हाईकोर्ट में लगायी रिट पटीशन
इस पत्र को चुनौती देते हुए समिति अध्यक्ष अमित बिश्नोई से राजस्थान उच्च न्यायायल की जोधपुर पीठ में सिविल रिट पटीशन दाखिल की। याचिका में राजस्थान सरकार (मार्फत प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता विभाग), सहकारिता विभाग (मार्फत रजिस्ट्रार, सहकारी समतियां), गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड (मार्फत प्रबंध निदेशक), उप रजिस्ट्रार श्रीगंगानगर और व्यवस्थापक साहबराम को प्रतिवादी बनाया गया है। 31 जुलाई को रिट पर सुनवाई करते हुए, न्यायाधीश डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी की एकल पीठ ने पांचों प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने और व्यवस्थापक साहबराम को 11 जुलाई 2023 के समिति प्रस्ताव के अनुरूप 31 जुलाई 2023 के पश्चात कार्य करते रहने के लिए निर्देशित किया।
पहले खारिज हो चुकी है रिट
उल्लेखनीय है कि श्रीगंगानगर जिले के ऐसे ही दो अन्य मामलों में, जिसमें व्यवस्थापक को सेवानिवृत्ति उपरांत सेवा विस्तार देने का प्रस्ताव पारित किया गया था, जोधपुर हाईकोर्ट में दो रिट पटीशन खारिज हो चुकी हैं। पहला मामला रिडमलसर क्षेत्र की रतनपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति का था, जिसमें सेवानिवृत्त व्यवस्थापक और राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के बड़े नेता ओमप्रकाश रोज ने याचिका लगायी थी। इस प्रकरण में सोसाइटी का नया संचालक मंडल सेवा विस्तार के खिलाफ था। दूसरा मामला, सूरतगढ़ क्षेत्र की 3 एफडीएम ग्राम सेवा सहकारी समिति का था, जिसमें समिति ने सेवा विस्तार के प्रस्ताव के विरोध में गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक के आदेश के विरुद्ध एवं व्यवस्थापक के पक्ष में हाईकोर्ट में रिट लगायी थी।