राष्ट्रीयसहकारिता

भारत में पहली बार अंतरराष्ट्रीय सहकारिता गठबंधन वैश्विक सहकारी सम्मेलन का आयोजन, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन

नई दिल्ली, 24 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 नवंबर को नई दिल्ली के भारत मंडपम में दोपहर 3 बजे अंतरराष्ट्रीय सहकारिता गठबंधन (ICA) वैश्विक सहकारी सम्मेलन-2024 का उद्घाटन करेंगे और संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 का शुभारंभ करेंगे।

वैश्विक स्तर पर सहकारिता के शीर्ष संगठन आईसीए के 130 साल के इतिहास में आईसीए वैश्विक सहकारी सम्मेलन और आईसीए महासभा का आयोजन पहली बार भारत में हो रहा है। इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) द्वारा आईसीए और भारत सरकार तथा भारतीय सहकारी संस्थाओं अमूल और कृषक भारती को-ऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) के सहयोग से आयोजित यह सम्मेलन 25 से 30 नवंबर तक आयोजित होगा। सम्मेलन में भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और फिजी के उप-प्रधानमंत्री मनोआ कामिकामिका और 100 से अधिक देशों के लगभग 3,000 प्रतिनिधि भाग लेंगे।

सम्मेलन का विषय, ‘सहकारिता सभी के लिए समृद्धि का निर्माण है’ जो भारत सरकार के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है। आयोजन में चर्चा, पैनल सत्र और कार्यशाला होंगी, जिनमें संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में विश्व भर में सहकारी समितियों के सामने आने वाली चुनौनी, विशेषकर गरीबी उन्मूलन, लैंगिक समानता और सतत आर्थिक विकास जैसे क्षेत्रों और अवसरों पर विमर्श किया जाएगा।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 का शुभारंभ करेंगे, जो ‘सहकारिता एक बेहतर विश्व का निर्माण करता है’ विषय पर केंद्रित होगा। इसमें सामाजिक समावेशन, आर्थिक सशक्तिकरण और सतत विकास को बढ़ावा देने में सहकारी समितियों की परिवर्तनकारी भूमिका का उल्लेेख होगा। संयुक्त राष्ट्र सतत विकास के लक्ष्य, सहकारी समितियों को सतत विकास के महत्वपूर्ण चालक मानती है। विशेषकर, असमानता कम करने, बेहतर कल्याणकारी उपायों को बढ़ावा देने और गरीबी उन्मूलन में इनकी प्रमुख भूमिका है। वर्ष 2025 विश्व की प्रमुख चुनौतियों का सामना करने में सहकारिता प्रयासों की वैश्विक पहल होगी।

विशेष डाक टिकट जारी होगा

प्रधानमंत्री इस अवसर पर सहकारी आंदोलन के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के प्रतीक के रूप में एक स्मारक डाक टिकट जारी करेंगे। डाक टिकट पर कमल दिखाया गया है, जो शांति, शक्ति, स्थिति अनुकूलता और विकास का प्रतीक है और स्थिरता और सामुदायिक विकास के सहकारी मूल्यों को दर्शाता है। कमल की पांच पंखुडिय़ां प्रकृति के पंचतत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो पर्यावरण, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता के प्रति सहकारी समितियों की प्रतिबद्धता दर्शाती हैं। इसके डिजाइन में कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, उपभोक्ता सहकारी समितियां और आवास जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है। इसमें ड्रोन भी दिखाया गया है, जो कृषि में आधुनिक प्रौद्योगिकी की भूमिका को दर्शाता है।

 

 

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