पशुपालक अब आसानी से ब्याजमुक्त ऋण प्राप्त कर सकेंगे, महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता
सहकारिता विभाग ने किया गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना का सरलीकरण
जयपुर, 6 दिसम्बर (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग द्वारा ब्याजमुक्त राजस्थान सहकारी गोपाल क्रेडिट कार्ड ऋण योजना से अधिकाधिक पशुपालकों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से योजना का सरलीकरण किया गया है। योजना में ऋण पात्रता के कई प्रावधानों में शिथिलता प्रदान की गयी है, जिसके चलते ऋण वितरण में दिक्कतें आ रही थी। इससे पशुपालकों को आसानी से कर्ज मिल सकेगा। महिलाओं को ऋण वितरण में प्राथमिकता मिलेगी।
योजना के तहत अब डेयरी सहकारी समिति सदस्य द्वारा दूध की आपूर्ति सहकारी डेयरी को किये जाने की अनिवार्यता समाप्त कर दी गयी है, हालांकि, आवेदक को डेयरी सहकारी समिति का सदस्य बनने पर ही ऋण मिल सकेगा। अब गोपालक द्वारा प्रस्तुत लागत आधार पर भी ऋण दिया जा सकेगा। यानी डेयरी सहकारी समिति सचिव द्वारा अनुमानित ऋण की अनुशंसा किया जाना जरूरी नहीं होगा। ऋण के लिये आवेदन करने वाले पशुपालक का क्रेडिट स्कोर एवं 600 से अधिक सिबिल होने की अनिवार्यता को भी समाप्त कर दिया गया है।
इसी प्रकार, ग्राम सेवा सहकारी समिति से प्राप्त ऋण प्रस्ताव में आवेदक एवं जमानतदार की साख संतोषप्रद होने पर भी ऋण वितरण किया जा सकेगा। इसमें पूर्व में, आरबीआई द्वारा अधिसूचित क्रेडिट इन्फोरमेशन कम्पनी से आवेदक एवं जमानतदार की रिपोर्ट प्राप्त करने की शर्त को विलोपित कर दिया गया है। इस योजना में आवेदक को स्वीकृत ऋण का विवरण क्रेडिट इन्फोरमेशन कम्पनी की वेबसाइट पर अपलोड करने का प्रावधान भी समाप्त कर दिया गया है।
योजना के अंतर्गत, ऋण की सुरक्षा के लिए, ऋण राशि के डेढ़ गुणा मूल्य की स्थायी सम्पत्ति को बैंक के पक्ष में गिरवी रखने की शर्त हटा ली गयी है, हालांकि, बैंक को स्वीकार्य दो व्यक्तियों की जमानत देनी होगी। ऋणी का सहकारी बैंक में प्रचलित योजना में जीवन बीमा कराने की अनिवार्यता को ऐच्छिक कर दिया है, यदि ऋणी का पहले से सहकारी बैंक में लागू योजना के तहत जीवन बीमा हो चुका हो तो।
एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव ये किया गया है कि योजना के तहत ऋण के लिए आवेदन करने वाले पशुपालकों को पहले, वे जिस डेयरी सहकारी समिति को दूध विक्रय करते हैं, के सचिव से ऋण का अनुशंसा पत्र लेकर प्रस्तुत करना होता था। इस शर्त से, सहकारी डेयरी को दूध नहीं बेचने वाले पशुपालक ऋण के लिए पात्र नहीं हो रहे थे, क्योंकि योजना में समस्त पशुपालकों को डेयरी सचिव की अनुशंसा पर ही ऋण का वितरण किया जाना था, लेकिन डेयरी सचिव ऐसे पशुपालकों के लिए अनुशंसा नहीं करते थे, जो सहकारी डेयरी को दूध नहीं बेच रहे थे। इस नियम में बदलाव कर दिया गया है। अब ऐसे पशुपालक, जो सहकारी डेयरी को दूध नहीं बेचते, ग्राम सेवा सहकारी समिति (पैक्स/लैम्पस) के व्यवस्थापक से ऋण की अनुशंसा करवा सकेंगे।
संशोधित प्रावधान में, राजीविका महिला समूह की सदस्यों को ऋण वितरण में प्राथमिकता दिये जाने की सुविधा प्रदान की गयी है। राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड, राजीविका समूह को ऋण की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए राजस्थान महिला निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी फैडरेशन लिमिटेड के माध्यम से ऋण वितरण करवा सकेगा। (Photo : Ruralvoice)