Friday, October 11, 2024
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आजादी के 77 साल बाद अरबन को-ऑपरेटिव बैंकों का अम्ब्रेला संगठन अस्तित्व में आया, अमित शाह ने किया उद्घाटन

नई दिल्ली, 2 मार्च। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नई दिल्ली में शहरी सहकारी बैंकों (UCB) के अम्ब्रेला संगठन – नेशनल अर्बन कोऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनयूसीएफडीसी) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सहकारिता राज्यमंत्री बीएल वर्मा और सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

अमित शाह ने कहा कि ये अंब्रेला संगठन समय की ज़रूरत था। सेल्फ.रेगुलेशन के लिए यह एक प्रकार की नई शुरूआत है। इस संगठन के बनने के बाद देश में अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों का विकास कई गुना बढ़ जाएगा। अंब्रेला संगठन का एक प्रमुख काम बीआर एक्ट के लिए छोटे से छोटे बैंक को तैयार करना होना चाहिए। हमें हर शहर में अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक खोलने का लक्ष्य रखकर आगे बढऩा चाहिए।

सहकारिता मंत्री ने कहा कि को-ऑपरेटिव फाइनेंस में अच्छा काम करने वाली क्रेडिट सोसाइटी को बैंक में कन्वर्ट करने के लिए इस अंब्रेला संगठन को एक व्यवस्था करनी चाहिए। इस संगठन का एक उद्देश्य क्रेडिट सोसाइटीज और अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक की सेवाओं और संख्या में विस्तार करना भी होना चाहिए। हमें एक समयबद्ध कार्यक्रम बनाना चाहिए कि हर शहर में एक अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक कैसे बने। शाह ने कहा कि आज शुरू हुई ये संस्था मात्र एक अंब्रेला संगठन नहीं है बल्कि हमारी सारी समस्या के समाधान का गेटवे है। उन्होंने कहा कि आम जनता के जीवन में आगे बढऩे का रास्ता कोई है तो केवल अर्बन कोऑपरेटिव बैंक है।

उन्होंने कहा कि अंब्रेला संगठन से छोटे बैंकों को कई प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी, बैंकों और रेगुलेटर के बीच सुचारू संवाद का काम भी यह अंब्रेला ऑर्गेनाइजेशन करेगा। यदि हम सहकारिता का विस्तार करना चाहते हैं, तो इसके लिए अंब्रेला संगठन को मजबूत करना अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों का दायित्व है।

अमित शाह ने कहा कि अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों को देशभर में व्यापार करने के लिए ज़रूरी सुविधाओं के लिए क्लीयरिंग की भी एक व्यवस्था बनानी होगी। आज हमारे पास 1500 बैंकों की 11000 शाखाओं और 5 लाख करोड़ रुपये के डिपॉजिट और 3.50 लाख करोड़ रुपये के ऋण की कलेक्टिव स्ट्रैंथ है। ये बहुत बड़ी ताकत है और हमें न केवल इसे बढ़ाने का लक्ष्य रखना है बल्कि इसे संयुक्त रूप से उपयोग कर पूरी अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकिंग व्यवस्था को ताकत देने का काम भी इस संगठन को करना है।

श्री शाह ने कहा कि देश के अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक अपनी नेट एनपीए दर को कम कर 2.10 प्रतिशत तक ले आए हैं, हालांकि इसमें और सुधार करने की ज़रूरत है। अंब्रेला संगठन को आने वाले 3 सालों में कठोर परिश्रम कर इसकी नींव डालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह अर्बन को-ऑपरेटिव बैंकों का अंब्रेला संगठन छोटे बैंकों का सुरक्षा कवच है, जिससे हमारे डिपॉजिटर्स का हम पर विश्वास भी बढ़ेगा और आने वाले दिनों में हमारे काम में भी बढ़ोतरी होगी।

उन्होंने कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री कहते हैं कि हम दुनिया का तीसरे नंबर का अर्थतंत्र बनें, तब पीएम के मन में भी यह बात है कि आर्थिक विकास सर्वस्पर्शीय और सर्वसमावेशी हो। यदि हमें यह कॉन्सेप्ट के साथ आगे बढऩा है, हर गांव, शहर में युवाओं और स्टार्टअप को आगे बढ़ाना है, तो इसके लिए अर्बन कोऑपरेटिव बैंक के सिवा कोई रास्ता नहीं है।

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