राष्ट्रीयसहकारिता

पीएम मोदी ने हर्ल सिंदरी यूरिया प्लांट राष्ट्र को समर्पित किया, रोजाना 4100 एमटी यूरिया का उत्पादन होगा

धनबाद, 1 मार्च। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को झारखंड के धनबाद के सिंदरी में हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) का सिंदरी यूरिया प्लांट राष्ट्र को समर्पित किया। पीएम मोदी ने ही 2018 में उर्वरक संयंत्र का शिलान्यास किया था। हर्ल सिंदरी प्लांट में पिछले 20 साल से उत्पादन बंद था। पुनरूद्धार के बाद यहां पर प्रतिदिन 4100 मीट्रिक टन उत्पादन हो सकेगा। वार्षिक उत्पादन लक्ष्य 12 लाख मीट्रिक टन है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को हर साल 360 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता होती है और 2014 में देश में केवल 225 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन कर रहा था। मांग और पूर्ति के इस भारी अंतर के कारण बड़ी मात्रा में यूरिया की आयात की आवश्यकता पड़ी। हमारी सरकार के प्रयास से पिछले 10 वर्ष में यूरिया का उत्पादन बढक़र 310 लाख मीट्रिक टन हो गया है।

पीएम ने रामागुंडम, गोरखपुर और बरौनी उर्वरक संयंत्रों के पुनरुद्धार के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सिंदरी को इस सूची में जोड़ा गया है। तालचेर उर्वरक संयंत्र भी अगले वर्ष में शुरू हो जाएगा। ये पांच संयंत्र 60 लाख मीट्रिक टन यूरिया का उत्पादन करेंगे और भारत को इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता के मार्ग पर अग्रसर करेंगे।

हिंदुस्तान उर्वरक और रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) अर्थात राष्ट्रीय तापविद्युत निगम लिमिटेड (एनटीपीसी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और एफसीआईएल/एचएफसीएल की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है, जिसे 15 जून 2016 को निगमित किया गया था। प्रति वर्ष 12.7 एलएमटी की स्थापित क्षमता के साथ नया अमोनिया-यूरिया संयंत्र स्थापित करके सिंदरी उर्वरक इकाई का पुनरूद्धार किया गया। सिंदरी संयंत्र ने 5 नवम्बर 2022 को यूरिया का उत्पादन शुरू किया।

एचयूआरएल को सिंदरी में 2200 टीपीडी अमोनिया और 3850 टीपीडी नीम लेपित यूरिया की क्षमता वाले नए अमोनिया-यूरिया संयंत्र स्थापित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके लिए 8939.25 करोड़ रुपये का निवेश किया गया। इसमें एनटीपीसी, आईओसीएल और सीआईएल, प्रत्येक की इक्विटी 29.67 प्रतिशत और एफसीआईएल की इक्विटी 11 प्रतिशत है।

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