‘सहकारिता का सफर : अतीत से वर्तमान तक’ प्रदर्शनी में सहकारी आंदोलन का दिग्दर्शन
जयपुर, 3 जुलाई (मुखपत्र)। सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव एवं रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां मंजू राजपाल ने गुरूवार को नेहरू सहकार भवन में ‘सहकारिता का सफर : अतीत से वर्तमान तक’ विषय पर आयोजित प्रदर्शनी का फीटा काटकर एवं गणेश प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन कर प्रदर्शित की गई जानकारी की सराहना की। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय सहकारिता दिवस (5 जुलाई) एवं सहकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के चतुर्थ स्थापना दिवस (6 जुलाई) के उपलक्ष्य में आयोजित की जा रही गतिविधियों की श्रंखला में प्रचार अनुभाग द्वारा यह प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में सहकारी आन्दोलन के अब तक के सफर को आकर्षक रूप में प्रदर्शित किया गया है।
सहकारी आंदोलन की झलक
प्रदर्शनी में सहकारी आंदोलन के विभिन्न स्वरूपों की झलक देखने को मिल रही है। प्राचीन भारतीय लोकाचार में सहकारिता के बीज, विश्व में सहकारी आन्दोलन का प्रादूर्भाव, भारत में सहकारी आन्दोलन का आगाज, राजस्थान में सहकारी आन्दोलन का शुभारम्भ, राजस्थान में सहकारी विधि का विकास, राज्य में सहकारिता की त्रिस्तरीय संरचना, प्रदेश में शीर्ष सहकारी संस्थाओं का इतिहास एवं वर्तमान स्वरूप आदि से सम्बन्धित जानकारी का प्रमुखता से प्रदर्शन किया गया है। साथ ही, सहकारिता के सिद्धांत एवं उद्देश्य, सहकार से समृद्धि के अंतर्गत राज्य की प्रमुख उपलब्धियां, राज्य में सहकारिता का वर्तमान परिदृश्य एवं वर्तमान में सहकारिता की प्रासंगिकता आदि से संबंधित जानकारी प्रदर्शनी में प्रदर्शित की गई हैं। राज्य में सहकारी आन्दोलन के विकास के जुड़े पुराने छायाचित्र प्रदर्शनी का विशेष आकर्षण हैं।
संस्थाओं ने लगायी उत्पादों की स्टॉल्स
प्रदर्शनी में विभिन्न सहकारी संस्थाओं – कॉनफेड, ट्राइफेड, इफको, कृभको एवं तिलम संघ द्वारा स्टॉल्स लगाकर अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। रजिस्ट्रार ने इन स्टॉल्स का अवलोकन कर उत्पादों की जानकारी ली। उन्होंने इस अवसर पर ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत पौधारोपण कर अधिकाधिक पेड़ लगाने का संदेश दिया। इस दौरान सहकारिता विभाग एवं सहकारी संस्थाओं के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
राजस्थान में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में पूरे मनोयोग से हो रहे प्रयास
जयपुर, 3 जुलाई (मुखपत्र)। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतमकुमार दक ने कहा कि राजस्थान सरकार प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में पूरे मनोयोग से प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि सहकारी आन्दोलन को गांव-गांव तक पहुंचाने के साथ ही सहकारिता क्षेत्र में विभिन्न नवाचार किए जा रहे हैं, जिनसे बड़े स्तर पर आमजन लाभान्वित हो रहे हैं। श्री दक ने सोमवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में आयोजित राज्यों के सहकारिता मंत्रियों की राष्ट्रीय कार्यशाला ( मंथन बैठक ) में राजस्थान में सहकारिता क्षेत्र में हो रहे कार्यों एवं नवाचारों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सहकारिता में सहकार के अंतर्गत राज्य में आगामी दिनों में केन्द्रीय सहकारी बैंकों की सेवाओं का शाखाओं के माध्यम से विस्तार किया जाएगा। ‘म्हारो बैंक, म्हारो खातो’ कार्यक्रम के तहत सहकारी बैंकों में सघन अभियान चलाकर डेयरी समितियों के खाते खोले जा रहे हैं। शीर्ष बैंक एवं जिला केन्द्रीय सहकारी बैंकों में अब तक 12,241 नये खाते खोले गए हैं, जिनमें 305 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। अब तक 1,872 डेयरी समितियों को बैंक मित्र नियुक्त किया जा चुका है, जिन्हें नि:शुल्क माइक्रो एटीएम वितरित किए जाएंगे।
सहकारी विवि से राजस्थान को मिलेगा लाभ
सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य में शेष रही प्रत्येक ग्राम पंचायत में बहुउद्देशीय ग्राम सेवा सहकारी समिति (एमपैक्स) का गठन किया जा रहा है। इसके लिए प्रावधानों में शिथिलता दी गई है। गुजरात में सहकारिता क्षेत्र का प्रथम त्रिभुवन विश्वविद्यालय खुलने का लाभ राजस्थान को भी प्रत्यक्ष रूप से होगा। राजस्थान सहकारी शिक्षा एवं प्रबंध संस्थान (राइसेम) सहित अन्य संस्थाओं के इससे सम्बद्ध होने से, राज्य में सहकारिता क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी।
सहकार से समृद्धि में राजस्थान अग्रणी
श्री दक ने बताया कि राज्य में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष-2025 के अंतर्गत प्रदेश भर में विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है। साथ ही, सहकार से समृद्धि की पहलों को क्रियान्वित करने में भी राजस्थान अग्रिम पंक्ति में हैं। सहकारी क्षेत्र में प्रदेश की पहली ‘को-ऑप राइड बाइक सेवा’ का विगत दिनों उदयपुर से शुभारम्भ हुआ। इस वर्ष पहली बार जोधपुर, कोटा एवं उदयपुर में संभाग स्तर पर सहकार मेलों का आयोजन किया जाएगा।
2700 नई पैक्स का गठन
उन्होंने बताया कि राज्य में पैक्स कम्प्यूटराइजेशन कार्य तीव्र गति से चल रहा है। अब तक 5,335 से अधिक पैक्स को गो-लाइव किया जा चुका है। प्रत्येक पंचायत में बहुउद्देशीय पैक्स/ डेयरी/ मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की दिशा में कार्य करते हुए अब तक लगभग 2,700 नई सहकारी समितियां गठित की जा चुकी हैं। साथ ही, निष्क्रिय सहकारी समितियों के अवसायन की दिशा में भी तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है।
500 एमटी के 135 गोदाम स्वीकृत
मंत्री ने बताया कि विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्न भण्डारण योजना के अंतर्गत राज्य में 500 मीट्रिक टन के 135 गोदाम स्वीकृत किए जा चुके हैं, इनमें से 97 गोदामों का निर्माण जुलाई माह के अंत तक पूरा किए जाने का लक्ष्य है। इन गोदामों को किराये पर दिया जाएगा, जिससे पैक्स की अतिरिक्त आय हो सकेगी। उन्होंने बताया कि राज्य में अब तक 3,808 पैक्स का प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केन्द्र के रूप में उन्नयन किया गया है। इन पैक्स पर मृदा परीक्षण, प्रशिक्षण, मौसम पूर्वानुमान आदि अतिरिक्त सेवाएं भी शीघ्र शुरू की जाएंगी। राज्य की 5,286 पैक्स कॉमन सर्विस सेंटर के रूप में भी कार्य कर रही हैं। इन कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से अब तक लगभग 40 हजार ट्रांजेक्शन हो चुके हैं।
सैकड़ों पैक्स ने ली एनसीओएल, एनसीईएल और बीबीएसएसएल की सदस्यता
श्री दक ने बताया कि राज्य की 217 सहकारी समितियां ने राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लि. (एनसीओएल), 185 समितियां ने राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि. (एनसीईएल) एवं 2,728 सहकारी समितियां ने भारतीय बीज सहकारी समिति लि. (बीबीएसएसएल) की सदस्यता ली है। श्वेत क्रांति 2.0 के अंतर्गत 1,717 डेयरी सहकारी समतियां गठित की जा चुकी हैं, जिनकी 25 हजार से अधिक महिला सदस्य हैं। एक पेड़ मां के नाम कार्यक्रम के तहत सहकारी संस्थाओं, समितियों एवं सहकारिता विभाग के द्वारा वृहद् स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा।
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