पीएम किसान सम्मान निधि में किसानों की ईकेवाईसी, आधार सीडिंग एवं फार्मर रजिस्ट्री आईडी के लिए सेचुरेशन कैम्प आरंभ
4.13 लाख कृषकों के बैंक खाते आधार से लिंक होना बाकी, 6.67 लाख कृषकों की ईकेवाईसी पेंडिंग
जयपुर, 2 मई (मुखपत्र)। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत अधिकाधिक किसानों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से इस साल 1 मई से 31 मई तक पीएम किसान सेचुरेशन कैम्प का आयोजन जिला एवं ग्राम स्तर पर किया जा रहा है। इस कार्य में ग्राम सभा को शामिल कर विलेज नोडल अधिकारी (वीएनओ), सीएससी एवं आईपीपीबी (इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक) के सहयोग से योजना के लाभ से वंचित कृषकों के महत्वपूर्ण कार्यों (ईकेवाईसी, आधार सीडिंग एवं फार्मर रजिस्ट्री आईडी) को 30 दिवस मे पूर्ण करवाया जाना है।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव के निर्देशानुसार समस्त पात्र कृषकों की भूमि विवरण का सत्यापन, ईकेवाईसी एवं बैंक खातों का आधार से लिंक कर डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के लिए इनेबल एवं फार्मर रजिस्ट्ररी आई.डी. के कार्य को कराया जाना अनिवार्य है।
लाखों कृषकों की ईकेवासी और बैंक खाते आधार सें लिंक होना बाकी
समस्त स्तरों पर व्यापक प्रचार-प्रसार के उपरांत भी राज्य के लगभग 4.13 लाख कृषकों के बैंक खाते आधार से लिंक होने एवं डीबीटी के लिए सक्षम होने एवं 6.67 लाख कृषकों द्वारा ईकेवाईसी कराया जाना शेष है।
लाभार्थी कृषकों द्वारा सम्बंधित बैंक, जिसमें लाभार्थी का खाता है, से सम्पर्क कर बैंक खाते को आधार से लिंक कराया जाकर डीबीटी हेतु सक्षम कराया जा सकता है। यदि कृषक को इस संदर्भ में कोई समस्या आती है, तो वह विकल्प के तौर पर इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक (आईपीपीबी) में भी आधार लिंक डीबीटी इनेबल खाता खुलवा सकता है।
कृषको द्वारा ईकेवाईसी करवाने हेतु दो विकल्प उपलब्ध हैं- (1) नागरिक सेवा केन्द्र यानि सीएससी/ईमित्र के माध्यम से 15 रुपये शुल्क के साथ बायोमेट्रिक के माध्यम से, (2) गूगल प्ले स्टोर से पीएमकिसान जीओआई मोबाइल एप डाउनलोड कर चेहरे से पहचान मॉड्यूल याी फेसियल रेकोग्राइजेशन मॉड्यूल के माध्यम से स्वयं की एवं 10 अन्य कृषकों की ईकेवाईसी करवा सकता है।
शिविरों में किये जाने वाले कार्य
मृतक लाभार्थियों की पहचान करें : पीएम किसान पोर्टल पर लाभार्थियों की स्थिति अपडेट करें एवं उनके पात्र लाभार्थियों को शामिल करना, जिनके नाम भू अभिलेखों में अद्यतन हैं।
किसानों की आईडी कवरेज : सभी पीएम किसान लाभार्थियों के लिए किसान आईडी बनाने का कार्य तेजी से पूरा किया जाए, विशेष रूप से उन राज्यों में जहां यह प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है। शेष राज्यों के लिए किसान आईडी बनाने का काय भूमि विवरण का सत्यापन प्रणाली के माध्यम से किया जा सकता है, जो किसान रजिस्ट्री पोर्टल पर उपलब्ध है।
लंबित आधार सीडिंग एवं ई-केवाईसी मामलों की समीक्षा करे
राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश लाभार्थियों का भौतिक सत्यापन करने के बाद आधार से जुड़े बैंक खातों और ई-केवाईसी से संबंधित सभी लंबित मामलों का समाधान करेंगे। यदि किसी लाभार्थी को कोई लाभ नहीं मिला है और वह पात्र पाया जाता है, तो उसकी आधार सीडिंग और ई-केवाईसी को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा सकता है। ऐसे मामलों में, जहां लाभार्थी ने एक या अधिक किश्तें प्राप्त कर ली हों, लेकिन सत्यापन के बाद वह अपात्र पाया जाए, ऐसे मामलों को अपात्र के रूप में चिह्नित किया जा सकता है।
लंबित स्व-पंजीकरण मामलों का समाधान : पीएम किसान योजना में स्व-पंजीकरण में मामले 30 दिनों से अधिक समय से लंबित हैं।
पात्र किसानों की पहचान करना और उन्हें पीएम किसान पोर्टल पर शामिल करना : वी.वी.पी. के अंतर्गत सक्रिय गांवों के किसानों के लिए जागरूकता एवं पंजीकरण अभियान चलाना तथा उन्हें शिथिल मानदंडों के अनुसार योजना के अंतर्गत पंजीकृत करना।
योग्य पीवीटीजी/एफआरए किसानों की पहचान करें
पीएम-किसान योजना के अंतर्गत पात्र पीवीटीजी/एफआरए किसानों की पहचान करने और उन्हें शामिल करने के लिए जनजातीय विभाग के अधिकारियों के साथ समन्वय करना।
पुनप्र्राप्ति सुलह : सभी पीवीटीजी किसानों का ई-केवाईसी सुनिश्चित करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वास्तविक किसानों को योजना का लाभ मिले।
डुप्लिकेट आधार निरस्तीकरण मामलों के लिए खाता सक्रियण : चेहरे या बायोमेट्रिक के माध्यम से ई-केवाईसी पूरा करके डुप्लिकेट आधार निरस्तीकरण मामलों के लिए खात्ता सक्रियण आरंभ करें।
लंबित शिकायतों का समाधान करें : योजना से संबंधित सभी लंबित शिकायतों का समाधान करना।
आईईसी गतिविधियां
पीवीटीजी किसानों के लिए जागरूकता और पंजीकरण अभियान चलाना तथा जनजातीय लाभार्थियों को शामिल करने के लिए दस्तावेजीकरण चुनौतियों का समाधान करना।
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