राष्ट्रीय

सक्रिय किसान क्रेडिट कार्ड की राशि 10 लाख करोड़ रुपये से पार, 7.72 करोड़ किसानों को मिल रहा केसीसी का लाभ

नई दिल्ली, 25 फरवरी। सक्रिय किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) खातों में राशि मार्च 2014 में 4.26 लाख करोड़ रुपये से दोगुनी से अधिक होकर दिसंबर 2024 में 10.05 लाख करोड़ रुपये हो गई। यह कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए किसानों को दिए जाने वाले किफायती कार्यशील पूंजी ऋण की मात्रा में शानदार बढ़ोतरी का संकेत है।

वित्त मंत्री ने बजट भाषण 2025-26 में संशोधित ब्याज छूट योजना के तहत लोन की सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने की घोषणा की है, जिससे किसानों को और लाभ होगा। 31.12.2024 तक, 7.72 करोड़ किसानों को लाभान्वित करने वाले सक्रिय केसीसी के अंतर्गत कुल 10.05 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) एक बैंकिंग उत्पाद है, जो किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशक जैसी कृषि वस्तुएं खरीदने के साथ-साथ फसल उत्पादन और इससे जुड़ी गतिविधियों से संबंधित नकदी आवश्यकता को पूरा करने के लिए समय पर और किफायती क्रेडिट प्रदान करता है। 2019 में, केसीसी योजना को पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन से जुड़ी गतिविधियों की कार्यशील पूंजी जरूरतों को कवर करने के लिए विस्तारित किया गया था।

भारत सरकार, संशोधित ब्याज अनुदान योजना (MISS) के अंतर्गत, केसीसी के माध्यम से 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक कृषि ऋण को 7 प्रतिशत प्रति वर्ष की रियायती ब्याज दर पर प्रदान करने के लिए बैंकों को 1.5 प्रतिशत की ब्याज छूट प्रदान करती है। समय पर लोन चुकाने पर किसानों को 3 प्रतिशत का अतिरिक्त त्वरित पुनर्भुगतान प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जो किसानों के लिए ब्याज दर को प्रभावी ढंग से घटाकर 4 प्रतिशत तक कर देता है। 2 लाख रुपये तक के लोन कोलेट्रल-फ्री आधार पर दिए जाते हैं, जिससे छोटे और सीमांत किसानों के लिए क्रेडिट की पहुंच बिना परेशानी के सुनिश्चित होती है।

 

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