राष्ट्रीयसहकारिता

पैक्स और सीएससी के एक होने से ग्रामीणों को भारत सरकार व राज्य सरकारों की 300 योजनाओं का लाभ मिल सकेगा – अमित शाह

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने पैक्स द्वारा सीएससी की सेवाएं शुरू करने पर एक राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का उद्घाटन किया

नई दिल्ली, 21 जुलाई। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) द्वारा कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) की सेवाएं शुरू करने पर एक राष्ट्रीय महासंगोष्ठी का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि यदि सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाना है तो इसकी सबसे छोटी इकाई पैक्स को मज़बूत बनाना होगा। क्योंकि जब तक पैक्स मजबूत नहीं होते सहकारिता आंदोलन खड़ा नहीं हो सकता। इसलिए सरकार ने यह तय किया है कि पैक्स का कम्प्यूटरीकरण कर उन्हें पारदर्शी बनाया जाए, जवाबदेही सुनिश्चित की जाए और साथ ही उनका आधुनिकीकरण किया जाए ताकि सरकार की डिजिटाइज़्ड योजनाओं को पैक्स के साथ जोड़ा जा सके। केंद्र सरकार ने पैक्स कम्प्यूटरीकरण के लिए 2,500 करोड़ रुपये प्रदान किए, जिससे 65,000 पैक्स का कम्प्यूटरीकरण हो रहा है।

शाह ने कहा कि न्यूनतम गवर्नमेंट, अधिकतम गवर्नेंस के साथ अन्तिम व्यक्ति तक भ्रष्टाचार रहित डिलीवरी के सूत्र को चरितार्थ करने का सीएससी से बड़ा कोई और साधन नहीं हो सकता। भारत सरकार और राज्य सरकारों की 300 से अधिक छोटी-छोटी लाभार्थी योजनाओं को सीएससी के साथ जोड़ दिया गया है। श्री शाह ने कहा कि सीएससी की पहुँच गाँव के गरीब से गरीब लोगों, भूमिहीन खेत मज़दूरों और दलित व आदिवासी समुदायों तक पहुँचाने के लिए पैक्स से बड़ा माध्यम और कोई नहीं हो सकता। आज पैक्स और सीएससी एक हो रहे हैं, इससे गरीबों की सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी, साथ ही ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा और ताक़त मिलेगी। इससे हम देश के विकास के लिए अधिकतम क्षमता का उपयोग भी कर पाएंगे।

17 हजार से अधिक पैक्स ने रजिस्ट्रेशन कराया

अमित शाह ने बताया कि अब तक 17,176 पैक्स, सीएससी में अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं। दो माह के अल्प समय में ही 17,000 से अधिक पैक्स का ऑनबोर्ड होना बहुत बड़ी उपलब्धि है। शाह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए सहकारिता मंत्रालय के सचिव और मंत्रालय की पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि 17,176 पैक्स में से लगभग 6,670 ने अपना कार्य शुरू कर दिया है और अगले 15 दिन में बाक़ी के पैक्स भी काम करना शुरू कर देंगे। इससे लगभग 14,000 ग्रामीण युवाओं को रोज़गार मिलेगा।

पैक्स ग्रामीणों की तकलीफ़ों को सरकार तक पहुँचाने का माध्यम बनेंगे

अमित शाह ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले 9 साल में 60 करोड़ लोगों को राशन, आवास, बिजली, जल, रसोई गैस, शौचालय और पाँच लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सुविधा बिना किसी ख़र्च के उपलब्ध कराई हैं। अब 17,000 से अधिक पैक्स भी इन सभी सुविधाओं का रजिस्ट्रेशन करने और ग्रामीणों की तकलीफ़ों को सरकार तक पहुँचाने का माध्यम बन जाएंगे।

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