सहकारिता

हाई कोर्ट के निर्णय के आधार पर अजमेर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के खाताधारकों को राशि लौटाएंगे – सहकारिता मंत्री

जयपुर, 24 जुलाई (मुखपत्र)। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने सोमवार को राजस्थान विधानसभा में आश्वस्त किया कि अजमेर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अजमेर के खाताधारकों को उनका जमा पैसा लौटाने के सम्बंध में उच्च न्यायालय का निर्णय आने पर कार्रवाई की जाएगी। न्यायालय में इस मामले में विभाग द्वारा लगातार पैरवी की जा रही है।

सहकारिता मंत्री ने प्रश्नकाल के दौरान बताया कि दि अजमेर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड में वित्तीय अनियमितताओं के कारण संचालक मण्डल को भंग कर 26 फरवरी 2010 को प्रशासक नियुक्त किया गया था। उन्होंने बताया कि अवसायन के समय दोषी ऋणियों की ओर 16 करोड़ 94 लाख रुपये का ऋण बकाया था। इसमें से 7 करोड़ 64 लाख रुपये वसूल किये गए हैं। उन्होंने बताया कि 4 करोड़ के प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं तथा 5 करोड़ के ऋण बिना गारंटी के थे, जिन्हें 2006 की ऑडिट में डूबत की श्रेणी में डाल दिया गया था जबकि 42 लाख रुपये के ऋण में प्रॉपर्टी खुर्द बुर्द हो गई है।

मंत्री ने बताया कि उच्च न्यायालय के स्थगन के कारण पैसा लौटाने की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है। उन्होंने आश्वस्त किया कि कोर्ट में विभाग द्वारा लगातार पैरवी की जा रही है तथा कोर्ट के फैसला आने के पश्चात् तदनुसार कार्रवाई की जाएगी।

तीन ऋणियों की सम्पत्ति नीलाम कर ऋण वसूला

इससे पहले सहकारिता मंत्री ने विधायक अनीता भदेल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि दि अजमेर अरबन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, अजमेर के दोषी ऋणियों से वसूली हेतु राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम 2001 की धारा 99 व 100 एवं राजस्थान सहकारी सोसायटी नियम 2003 के नियम 94 के तहत प्रक्रिया अपनाकर वसूली की कार्यवाही की गई। उन्होंने कहा कि अधिनियमान्तर्गत कार्यवाही करते हुए सम्पत्ति नीलाम कर तीन ऋणियों से 51.61 लाख रुपये की वसूली की गई। उन्होंने इसका विवरण सदन के पटल पर रखा। उन्होंने बताया कि तीन ऋणियों को राजस्थान उच्च न्यायालय से नीलामी पर स्थगन आदेश प्राप्त हुआ है। स्थगन आदेशों को वैकेट कराने की प्रक्रिया जारी है एवं प्रकरण न्यायिक प्रक्रियाधीन है।

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