सहकारिता

प्रदेश के तीन जिलों में 500 एमटी क्षमता के अधिक गोदाम क्यों मंजूर किये, सहकारिता मंत्री ने बतायी वजह

ग्राम सेवा सहकारी समितियों को गोदाम आवंटन में अनियमितता की शिकायत पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी – गौतम दक

जयपुर, 28 फरवरी (मुखपत्र)। सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने शुक्रवार को विधानसभा में उन कारणों का खुलासा किया, जिसके चलते ‘सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना’ के तहत प्रदेश के तीन जिलों में 500 मीट्रिन टन क्षमता के सर्वाधिक गोदाम बनाने के लिए मंजूरी दी गयी। ऐसे प्रत्येक गोदाम के लिए राज्य सरकार ने 25 लाख रुपये अनुदान दिया है।

प्रश्नकाल के दौरान श्री दक ने बताया कि भारत सरकार की ‘सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना’ के तहत उन जिलों को प्राथमिकता दी जानी है, जिनमें भण्डारण क्षमता अपेक्षाकृत कम है। भारतीय खाद्य निगम से प्राप्त सूची के अनुसार प्रदेश के श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ एवं कोटा जिले में उपज के अनुपात में भण्डारण क्षमता अपेक्षाकृत कम होने से इन जिलों में भण्डारण निर्माण को प्राथमिकता देते हुए श्रीगंगानगर में 17, हनुमानगढ़ में 15 एवं कोटा में 13 गोदाम स्वीकृत किये हैं। परिणामस्वरूप इन जिलों की भण्डारण क्षमता में बढ़ोतरी हुई है।

मंत्री ने कहा कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों के गोदाम आवंटन प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की अनियमितता की शिकायत पाए जाने पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सुशासन स्थापित करने की दिशा में राज्य सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। किसी भी माध्यम से अनियमितता सम्बन्धी शिकायत प्राप्त होने पर राज्य सरकार द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाती है।

राज्य विधानसभा में भादरा विधायक संजीव कुमार बेनीवाल के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में सहकारिता राज्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024-25 में राजस्थान सरकार की बजट घोषणा अन्तर्गत प्रदेश की 211 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में शत-प्रतिशत अनुदान पर गोदाम निर्माण कराया जा रहा है। इस हेतु कुल 3832 लाख रुपए का आवंटन किया गया है।

उन्होंने बताया कि ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की स्थापना हेतु शत प्रतिशत अनुदान के स्थान पर केन्द्र सरकार से लागत के 80 प्रतिशत (अधिकतम 8 लाख रुपये) तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। वर्ष 2024-25 के दौरान प्रदेश में 80 कस्टम हायरिंग सेन्टरों की स्थापना की गई। इस हेतु 640 लाख रुपए का आवंटन किया गया है।

उन्होंने बताया कि हनुमानगढ़ जिले में उक्त योजनान्तर्गत 15 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 500 मेट्रिक टन के गोदामों के निर्माण हेतु (प्रति गोदाम 25 लाख रुपए) एवं 3 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में 100 मेट्रिक टन के गोदाम निर्माण हेतु (प्रति गोदाम 12 लाख रुपए), कुल 411 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने जानकारी दी कि 1 कस्टम हायरिंग सेन्टर (ग्राम सेवा सहकारी समिति थालडक़ा) हेतु 8 लाख रुपए का आवंटन किया गया है।

मंत्री ने बताया कि समितियों के पास वैध स्वामित्व वाली भूमि उपलब्ध होने एवं संबंधित केन्द्रीय सहकारी बैंक की अनुशंषा सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर तत्समय उपलब्ध बजट के आधार पर गोदाम निर्माण की स्वीकृति जारी कर आवंटन किया जाता है। कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर जारी दिशा निर्देशों के अनुसार केन्द्रीय सहकारी बैंकों की अनुशंषा सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर उपलब्ध बजट के आधार पर स्वीकृति जारी कर कस्टम हायरिंग सेन्टर का आवंटन किया गया है।
उन्होंने बताया कि उक्त आवंटन बाबत ग्राम सेवा सहकारी समितियों से प्रस्ताव मांगे गये थे। केन्द्रीय सहकारी बैंक हनुमानगढ़ द्वारा जिले की 18 ग्राम सेवा सहकारी समितियों से गोदाम निर्माण के प्रस्ताव भिजवाये गये, जिनकी स्वीकृति जारी की जा चुकी है। कस्टम हायरिंग केन्द्र का 1 प्रस्ताव प्राप्त हुआ, जिसको स्वीकृत किया जा चुका है।

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