“रिद्धि सिद्धि” की जमीन की रजिस्ट्री शून्य घोषित करवाने के मामले में अगली सुनवाई 30 सितम्बर को होगी
श्रीगंगानगर, 17 सितम्बर। दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के नाम रहन दर्ज कृषि भूमि को बैंक के डिफाल्टर ऋणी द्वारा रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड (जरिये डायरेक्टर मुकेश शाह) को बेचने एवं रजिस्ट्री शून्य घोषित कराने की कार्यवाही के मामले में सम्बंधित तीनों पक्षों ने सहकारिता विभाग को अपना लिखित जवाब प्रस्तुत कर दिया है। रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड और डिफाल्टर ऋणी जगमन सिंह और उसकी माता सर्वजीत कौर द्वारा रजिस्टर्ड डाक के माध्यम से अपने जवाब खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, खंड बीकानेर को प्रेषित किये गये हैं। दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक इस भूमि को स्वयं के नाम रहन दर्ज होना बता रहा है। बैंक का ऋणी की ओर 35 लाख रुपये से अधिक कर्ज बकाया है। बैंक के अनुरोध पर, खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार, बीकानेर राजेश टाक द्वारा राजस्थान सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2001 की धारा 39(ग) के तहत, रजिस्ट्री को शून्य घोषित करवाने की कार्रवाई आरम्भ करते हुए रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड (जरिये डायरेक्टर मुकेश शाह) और जगमन सिंह व सर्वजीत कौर को नोटिस जारी कर, 12 सितम्बर 2024 तक जवाब पेश करने के लिए निर्देशित गया था।
सहकारिता विभाग द्वारा नोटिस के संदर्भ में तीनों पक्षकारों से प्राप्त उत्तर की प्रति बैंक को प्रेषित कर, पक्षकारों द्वारा कही गयी बातों एवं दावों के सम्बंध में अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। इस प्रकरण की आगामी सुनवाई 30 सितम्बर को बीकानेर में होगी और उसी दिन इस प्रकरण में खंडीय अतिरिक्त रजिस्ट्रार अपना निर्णय भी सुना सकते हैं।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, जगमन सिंह और उसकी मां सर्वजीत कौर की ओर से प्रस्तुत संयुक्त उत्तर में, बैंक की सुखाडिय़ा सर्किल शाखा से 12 जुलाई 2017 को सहकार किसान कल्याण योजना के अंतर्गत लिये गये ऋण का साल 2020 में चुकारा करने और फिर बैंक के अधिकारियों, कर्मचारियों द्वारा फर्जी दस्तावेज, प्रविष्टी के आधार पर ऋण की राशि हड़प लेने का आरोप लगाया है। रिद्धि सिद्धि की ओर से प्रस्तुत उत्तर में ऋण, भूमि विक्रय एवं कृषि भूमि की रजिस्ट्री के संदर्भ में बैंक की भूमिका पर प्रश्न चिन्ह लगाया गया है, लेकिन उनके द्वारा अपने जवाब में क्या कहा गया, यह जानकारी नहीं मिल पायी।
उल्लेखनीय है कि यह मामला दि गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड की सुखाडिय़ा सर्किल ब्रांच का है, जहां से जगमन सिंह और उनकी मां सर्वजीत कौर निवासी 6 जैड, श्रीगंगानगर द्वारा किसान सहकार कल्याण योजना के अंतर्गत जुलाई 2017 में 20 लाख रुपये का लोन लिया गया था। यह नहरी कृषि भूमि चक 6 जैड, पटवार हल्का रामनगर, भू.अभि. नि. क्षेत्र रामनगर, तहसील श्रीगंगानगर में खाता संख्या 71/9 के मुरबा नम्बर 81 किला नम्बर 01, 02, 09, 10, 11, 12, 19, 20, 21, 22 में कुल रकबा 2.579 है, जिसमें से 2.007 हैक्टेयर रकबा को ऋणी मां-पुत्र ने, बैंक का कर्ज चुकाये बिना ही, रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. जरिये डायरेक्टर मुकेश शाह को बेच दिया गया था।
जगमन सिंह और सर्वजीत कौर द्वारा यह जमीन 11 अगस्त 2020 को रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्रा. लि. को बेची गयी, जबकि बैंक द्वारा 10 जुलाई 2017 को ही इस कृषि भूमि को बैंक के नाम रहन दर्ज करवा दिया गया था। वर्तमान में इस ऋण खाते में 35 लाख 61 हजार 446 रुपये का ऋण बकाया है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि उपरोक्त नहरी रकबा का रामनगर हल्का पटवारी द्वारा बैंक के नाम 10.07.2017 को रहन दर्ज करने के उपरांत ही बैंक द्वारा ऋणी को ऋण जारी किया गया। साल 2017 में ऑफलाइन रहन दर्ज होता था।
(नोट : समाचार में प्रस्तुत चित्र प्रतीकात्मक है, जो कि रिद्धि सिद्धि होम डवल्पर्स प्राइवेट लिमिटेड की कालोनी रिद्धि सिद्धि एन्क्लेव-थर्ड का है।)