सहकारिता

जिला सहकारी संघों के माध्यम से सहकारी पदाधिकारियों एवं सदस्यों के लिये प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन होगा

राजस्थान राज्य सहकारी संघ का 67वां स्थापना दिवस समारोह

जयपुर, 21 दिसम्बर (मुखपत्र)। राजस्थान राज्य सहकारी संघ लिमिटेड, जयपुर के प्रशासक एवं अतिरिक्त रजिस्ट्रार भोमा राम ने कहा कि सहकारिता आंदोलन में प्रशिक्षण की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि सहकारिता किसी बाह्य स्रोत से संचालित नहीं होता है। इसमें सभी सदस्य मिलकर निर्णय लेते हैं, कार्ययोजना बनाते हैं और स्वयं के हित में लागू करते हैं। यह ‘एक सबके लिये, सब एक के लिये’ के मूल मंत्र से संचालित आंदोलन है।

नेहरू सहकार भवन स्थित सभागार में शनिवार को राजस्थान राज्य सहकारी संघ के 67वें स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुये प्रशासक भोमा राम ने कहा कि संघ के जिला इकाई सदस्यों के माध्यम से शीघ्र ही सहकारी पदाधिकारियों एवं सदस्यों के लिये प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन प्रारम्भ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से स्थानीय परिवेश में सहकारिता के मूल सिद्धान्तों के परिपेक्ष्य में सदस्यों के अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में अवगत कराया जायेगा ताकि वे अपना सक्रिय योगदान दे सकें।

सहकारी संघ के इतिहास पर प्रकाश डालते हुये भोमाराम ने बताया कि सहकारिता द्वारा प्रदेश के ख्यातनाम राजनीतिज्ञ दिये हैं, जिन्होंने विभिन्न उच्च पदों को सुशोभित किया है। उन्होंने सहकारी संस्थाओं के मध्य सहयोग पर जोर देते हुये कहा कि अब समय आ गया है कि सहकारी संस्थायें अपने स्थानीय उत्पादों की अन्तरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंच को सुनिश्चित करें ताकि सदस्य को उसका सीधे रूप से पूरा मूल्य मिल सके।

सम्बोधित करते हुए (बायें से दायें) रीतेश डे, भोमा राम, आर.एस. चौहान और सूरजभान सिंह आमेरा।

एनसीईएल और एनसीओएल से जुड़ें

सहकारी संघ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आर. एस. चौहान ने कहा कि प्रदेश के सहकारी उद्यमियों को अपने उत्पादों को अन्तरराष्ट्रीय बाजार में विक्रय करने और अधिक रोजगार उत्पन्न करने के लिये उन्हें राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) से जुडऩा चाहिये ताकि उन्हें बेहतर अवसर मिल सकें।

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में ऑर्गेनिक प्रॉडक्टस के लिये असीम संभावनायें हैं। प्रदेश के कई क्षेत्रों में जैविक खेती की जाती है, लेकिन उनके जैविक उत्पादों को उचित मूल्य एवं बाजार उपलब्ध नहीं हो पा रहा था, इसके लिये भारत सरकार की पहल पर राष्ट्रीय सहकारी ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) संस्था का गठन किया गया है। प्रदेश के जैविक उत्पादों के क्रय-विक्रय का कार्य करने वाली सहकारी संस्थाओं को एन.सी.ओ.एल. से जुडऩा चाहिये ताकि उनके सदस्यों को उत्पादों का अच्छा मूल्य मिल सके।

सहकारिता की मूल भावना से युवाओं का परिचय करायें

भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (NCUI) के कार्यकारी निदेशक रीतेश डे ने कहा कि राजस्थान इतिहास, संस्कृति और पुरासम्पदा के साथ विषम परिस्थितियों के साथ आगे बढऩे वाला प्रदेश है। एनसीयूआई महिलाओं, युवाओं सहित सभी हुनरमंद लोगों के लिये हाट के माध्यम से प्लेटफार्म उपलब्ध कराता है। साथ ही, उनमें उद्यमशीलता एवं लीडरशिप का विकास करने के लिये प्रशिक्षण भी प्रदान करता है। उन्होंने आह्वान किया कि सभी मिलकर अधिक से अधिक युवाओं को सहकारिता की मूल भावना से परिचित करायें और उन्हें सहकारिता से जोड़ें।

ऑल राजस्थान को-ऑपरेटिव बैंक एम्पलाइज यूनियन के महासचिव सूरजभान आमेरा ने सहकारी आंदोलन के प्रजातांत्रिक स्वरूप को कायम करने के लिये सभी सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने, सहकार संघ को पुनर्जीवित करने के साथ सहकारिता को जन आंदोलन बनाने की आवश्यकता बताई।

स्थापना दिवस समारोह में जोधपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष रामलाल विश्नोई, इफको के पूर्व डायरेक्टर मांगीलाल डागा सहित अन्य जिला सहकारी संघ के अध्यक्षों ने प्रदेश में सहकारिता आंदोलन के प्रसार में संघ की भूमिका पर विचार व्यक्त किये।

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