खास खबरसहकारिता

आगामी 5 साल में सहकारी क्षेत्र में 700 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता होगी – मोदी

‘सहकारी क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना’ की प्रायोगिक परियोजना का उद्घाटन

देश भर में 18,000 पैक्स में कम्प्यूटरीकरण के लिए परियोजना का उद्घाटन

नई दिल्ली, 24 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत मंडपम में एनसीडीसी की ओर से आयोजित भव्य कार्यक्रम में प्राथमिक कृषि ऋणदात्री समितियों (पैक्स) के कम्प्यूटराइजेशन और पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 11 राज्यों की 11 सहकारी समितियों में सहकारी क्षेत्र की सबसे बड़ी अन्न भंडारण योजना का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने इस पहल के तहत गोदामों और अन्य कृषि बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए देश भर में अतिरिक्त 500 पैक्स की आधारशिला भी रखी। इस अवसर पर केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा, उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, विभिन्न राज्यों के सहकारिता सचिव, रजिस्ट्रार सहकारी समितियां, जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के प्रशासक, प्रबंध निदेशक और 15 हजार से अधिक पैक्स के अध्यक्ष उपस्थित थे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘सहकार से समृद्धि’ का जो संकल्प देश ने लिया है, उसे साकार करने की दिशा में आज हम और आगे बढ़ रहे हैं। खेती और किसानी की नींव को मजबूत करने में सहकारिता की शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका है। इसी सोच के साथ हमने अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन किया। आज हमने अपने किसानों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी भंडारण योजना शुरू की है। इसके तहत देश के कोने-कोने में हजारों वेयरहाउस बनाए जाएंगे। आज 18 हजार पैक्स के कंप्यूटराइजेशन का बड़ा काम भी पूरा हुआ है। ये सभी काम देश में कृषि आधारभूत ढांचे को नया विस्तार देंगे, कृषि को आधुनिक टेक्नालजी से जोड़ेंगे।

पीएम के कार्यक्रम में, श्रीगंगानगर से नोडल ऑफिसर पवन शर्मा के साथ मौजूद विभिन्न ग्राम सेवा सहकारी समितियों के अध्यक्ष।

भंडारण क्षमता में होगी बहुतेरी बढोतरी

पीएम ने कहा कि भंडारण से जुड़े इनफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में किसानों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता था। पिछली सरकारों ने कभी इस जरूरत पर उतना ध्यान नहीं दिया। लेकिन, आज सहकारी समितियों के जरिए इस समस्या को हल किया जा रहा है। विश्व की सबसे बड़ी भंडारण योजना के तहत, अगले 5 वर्ष में 700 लाख मीट्रिक टन भंडारण की क्षमता तैयार की जाएगी। इस अभियान में सवा लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च आएगा। इस योजना के पूरा होने पर हमारे किसान अपने उत्पादों को अपनी जरूरत के मुताबिक भंडारण में रखकर के स्टोर कर पाएँगे। उन्हें बैंकों से ऋण लेने में भी आसानी होगी। और, जब उपज का बाजार भाव अच्छा मिलेगा, तब वे इसे बेच सकेंगे।

error: Content is protected !!