खास खबरराज्यसहकारिता

पैक्स मैनेजर को पीएफ और बकाया वेतन का भुगतान नहीं किया, हाईकोर्ट ने कहा- चेयरमैन को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जाए

जोधपुर, 23 जनवरी (मुखपत्र)। राजस्थान उच्च न्यायालय की जोधपुर पीठ ने सेवानिवृत्त व्यवस्थापक की प्रोविडेंट फंड (पी.एफ.) और बकाया वेतन की राशि का भुगतान नहीं करने पर ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड के अध्यक्ष को गिरफ्तार कर, अदालत में पेश करने का आदेश दिया है। मामले की आगामी सुनवाई 20 फरवरी 2025 को निर्धारित की गयी है, जिसमें पुलिस को पैक्स अध्यक्ष श्रीमती पूनम को गिरफ्तार कर अदालत में प्रस्तुत करने के लिए आदेशित किया गया है। यह मामला, श्रीगंगानगर जिले के रायसिंहनगर क्षेत्र की लखाहाकम ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड का है।

न्यायाधीश दिनेश मेहता की अदालत ने लखाहाकम पैक्स के सेवानिवृत्त व्यवस्थापक गोपाल सिंह द्वारा अपने वकील अशोक चौधरी के माध्यम से प्रस्तुत अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए गुरुवार को यह आदेश पारित किया। अदालत ने 23 जनवरी को आदेश पारित कर थानाधिकारी रायसिंहनगर को निर्देश दिए की लखाहाकम ग्राम सेवा सहकारी समिति की अध्यक्ष पूनम पत्नी मांगीलाल भाम्भू निवासी लखाहाकम को गिरफ्तार कर उच्च न्यायालय में पेश करें।

अवमानना याचिका के मामले में अधिवक्ता अशोक कुमार चौधरी ने न्यायालय में यह तर्क दिया की गोपाल सिंह की पीएफ और वेतन की जो राशि बकाया थी, न्यायालय के आदेश के बावजूद अध्यक्ष ने उस राशि का भुगतान नहीं किया। अध्यक्ष को अवमानना याचिका के नोटिस तामील हो गए और उसके बाद जमानती वारंट से तलब करने के बावजूद भी वो कोर्ट में हाजिर नहीं हुई।

न्यायाधीश दिनेश मेहता ने इस तरह से न्यायालय के आदेश के अवमानना मामले को गंभीरता से लिया और अध्यक्ष को अरेस्ट वारंट से तलब किया। रायसिंहनगर थाने के थानाधिकारी को आदेश दिया कि अध्यक्ष को 19 फरवरी की शाम 5 बजे को दो महिला कांस्टेबल को साथ लेकर गिरफ्तार करे और अगले दिन 20 फरवरी अपराह्न 2 बजे न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करे।

उल्लेखनीय है कि गोपाल सिंह द्वारा साल 2007 से 2017 तक की पी.एफ. राशि और लगभग डेढ़ साल के बकाया वेतन के लिए अदालत ने रिट पटीशन दाखिल की गयी थी। साल 2018 में इस याचिका का निर्णय गोपाल सिंह के पक्ष में हुआ, जिसमें समिति को आदेशित किया गया कि वो पीएफ और बकाया वेतन की राशि का गोपाल सिंह को भुगतान करे, लेकिन समिति ने आदेश की पालना नहीं की, जिस पर गोपाल सिंह की ओर से अदालत में अवमानना याचिका पेश की गयी। सुनवाई के दौरान ही सोसाइटी चुनाव होने के कारण समिति में नया संचालक मंडल बन गया, जिसके चलते निवर्तमान अध्यक्ष की ओर से पैरवी बंद कर दी गयी और अदालत के आदेश की अवमानना का प्रकरण पर वर्तमान अध्यक्ष के विरुद्ध सुनवाई हुई।

error: Content is protected !!