650+ नवगठित ग्राम सेवा सहकारी समितियों का पंजीयन अधर में
जयपुर, 29 फरवरी (मुखपत्र)। राजस्थान में प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ग्राम सेवा सहकारी समिति (प्राथमिक कृषि ऋणदात्री समिति/पैक्स) के गठन की योजना राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप सिरे नहीं चढ़ पा रही। रजिस्ट्रार, सहकारी समितियां, राजस्थान जयपुर के स्तर से पृथक पैक्स के गठन की स्वीकृति जारी करने के उपरांत भी एक तिहाई से अधिक पैक्स का पंजीयन नहीं हो पाया है।
प्राप्त सूचनानुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में अब तक 650 से अधिक नवगठित ग्राम सेवा सहकारी समितियों के पंजीयन का कार्य अधर में है। प्रदेश को लगातार दो सहकारिता मंत्री देने वाले उदयपुर संभाग सहित जयपुर और जोधपुर संभाग में नवगठित पैक्स के पंजीयन की प्रगति निराशाजनक है। इन खंडों में एक-एक सौ पैक्स को पंजीयन का इंतजार है। उदयपुर जोन का आधे से अधिक इलाका दो ही अफसरों के पास है। वे ही गत 10 साल से उदयपुर जोन में विभागीय पदों और सहकारी संस्थाओं को कमांड कर रहे हैं, फिर भी लक्ष्यों में पिछड़े हुए हैं।
इस मामले में भरतपुर जोन की प्रगति घोर निराशाजनक है, जहां पौने दो सौ से अधिक नवगठित पैक्स का पंजीयन होना बाकी है। अकेले अलवर और खैरथल यूनिट में एक सौ से अधिक नवगठित पैक्स का पंजीयन नहीं होना बताया जा रहा है, जो राज्य में लम्बित पंजीयन में सर्वाधिक है। इस मामले में बीकानेर जोन, अजमेर जोन और कोटा जोन अपेक्षाकृत ठीक है। बीकानेर खंड में अनूपगढ़, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ का प्रदर्शन सबसे अच्छा है। इन तीनों जिलों की कुल पेंडेंसी 20 से भी कम है।
पंजीयन नहीं होने के बताये जा रहे ये कारण
राजस्थान विधानसभा चुनाव की आदर्श चुनाव आचार संहिता, विवाद होने के कारण पंजीयन शेष, पैतृक समिति स्तर पर लम्बित, पंजीयन के लिए आवेदन नहीं होना, आमसभा नहीं होना या आमसभा स्थगित होना, समिति द्वारा आक्षेपों की पालना नहीं करना, क्षेत्रीय निरीक्षक द्वारा ग्राम सभा कार्यवाही नहीं करना, प्रबंधकारिणी में विरोधाभास होना, पंजीयन के लिए ऑनलाइन पत्रावली प्राप्त नहीं होना, आमसभा होने के बाद समिति स्तर पर पंजीकरण लम्बित होना, कागजात अपलोड नहीं होना, इकाई कार्यालय द्वारा बैंक खाता खोलने सम्बंधी प्रमाणपत्र जारी नहीं करना, राजसहकार आक्षेप आदि।