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18 साल बाद जयपुर में होगी नैफ्सकॉब की एजीएम, गुलाबी नगरी में जुटेंगे राज्य सहकारी बैंकों के दिग्गज

जयपुर, 3 जुलाई (मुखपत्र)। राज्य सहकारी बैंकों की राष्ट्रीय संस्था – नेशनल फैडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स (नैफ्सकॉब) की वार्षिक साधारण सभा की बैठक (एजीएम) और बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मीटिंग सितम्बर-2023 में जयपुर में होगी। राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड (आरएससीबी) की मेजबानी में नैफ्सकॉब की यह मीटिंग राजस्थान में लगभग 18 साल बाद होने जा रही है। इससे पहले दिसम्बर 2005 में जयपुर में ही नैफ्सकॉब एजीएम और संचालक मंडल की बैठक का आयोजन किया गया था।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 25 से 27 सितम्बर 2023 को जयपुर में होने वाले तीन दिवसीय आयोजन में देशभर के 34 राज्य सहकारी बैंकों के अध्यक्ष/प्रशासक और प्रबंध निदेशक भाग लेंगे। राजस्थान राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड की प्रशासक और सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा भी नैफ्सकॉब बोर्ड की डायरेक्टर हैं। नैफ्सकॉब के अध्यक्ष कोंडुरू रविंद्र राव हैं, जो कि तेलंगाना राज्य सहकारी बैंक लि. के अध्यक्ष हैं और प्रबंध निदेशक बी. सुबरामण्यम हैं। नैफ्सकॉब के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में दो विशेष आमंत्रित सदस्यों सहित कुल 20 सदस्य हैं।

तीनों कार्यक्रम 26 सितम्बर को होंगे

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नैफ्सकॉब की एजीएम, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की मीटिंग और इंटरफेस विद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर, ये तीनों कार्यक्रम 26 सितम्बर 2023 को होंगे। इन कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए फैडरेशन के सदस्य बैंकों के प्रतिनिधि 25 सितम्बर को जयपुर पहुंच जायेंगे। नैफ्सकॉब की परम्परा के अनुरूप आयोजन के अंतिम दिवस यानी 27 सितम्बर को कम से कम एक धार्मिक स्थल की यात्रा, एक केंद्रीय सहकारी बैंक और एक पैक्स का विजिट कराया जायेगा।

ऐसा माना जा रहा है कि नैफ्सकॉब के सदस्यों को खाटू श्याम जी या सालासर में दर्शन कराये जा सकते हैं। इस रूट पर सबसे अच्छा कार्य करने वाली पैक्स, पलसाना ग्राम सेवा सहकारी समिति लिमिटेड है। यदि इस सोसाइटी का विजिट होता है तो फिर नैफ्सकॉब के सदस्यों को सीकर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड या जयपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का विजिट कराया जा सकता है।

क्या है नैफ्सकॉब

नैफ्सकॉब, देश भर के राज्य सहकारी बैंकों की शीर्ष संस्था है। फैडरेशन के 34 राज्य सहकारी बैंक सदस्य हैं, जिनके अधीन देशभर में 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड एवं 95140 पैक्स कार्यरत हैं। नैफ्सकॉब बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की साल में चार बैठकें होती हैं और हर साल सितम्बर माह से पहले वार्षिक आमसभा की बैठक का आयोजन किया जाता है।

एजीएम के साथ ही संचालक मंडल की बैठक और इंटरफेस विद बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का आयोजन किया जाता है। नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स लिमिटेड (एनएएफएससीओबी) की स्थापना 19 मई 1964 को सामान्य रूप से राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों के संचालन और विशेष रूप से सहकारी ऋण के विकास को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से की गई थी।

फेडरेशन अपने दो विंग – 1. योजना, अनुसंधान और विकास (पीआरडी) तथा 2. कंप्यूटर सेवा प्रभाग (सीएसडी) के साथ कार्य करता है। नैफ्सकॉब का मूल उद्देश्य राज्य सहकारी बैंकों की सहकारी ऋण के विकास से सम्बंधी समस्याओं को सुलझाना है, जिसके लिए वह मुख्यत: भारत सरकार, आरबीआई, नाबार्ड, भारत सरकार के सहकारिता मंत्रालय, कृषि मंत्रालय, सम्बंधित राज्य सरकारों एवं अन्य उच्च वित्त पोषण संस्थानों के साथ समन्वय एवं सम्पर्क स्थापित करने का काम करता है। नैफ्सकॉब सहकारी ऋण, बैंकिंग और सम्बद्ध मामलों की समस्याओं की जांच करने और उनसे निपटने के लिए उपयुक्त रणनीति विकसित करने के लिए सदस्य बैंकों को एक साझा मंच प्रदान करता है।

फैडरेशन अपनी गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में सदस्य बैंकों के हितों को बढ़ावा देता है और उनकी रक्षा करता है। इसके अलावा, बेहतर नीतिगत निर्णयों में योगदान देने की दृष्टि से सामान्य हित के विचारों को साझा करने के लिए नैफ्सकॉब द्वारा सम्मेलन/सेमिनार/कार्यशाला/बैठक आयोजित किये जाते हैं।

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